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Bharat Bhushan pathak
मकड़ जाल जीवन सखे, कितने इसमें जाल। फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बदहाल।। मनुज यहाँ बदहाल,ढूँढ रहा यहाँ रस्ता। मुश्किल ढोना हुआ,संघर्षी अभी बस्ता।। शिक्षक जीवन वही,सब हल करता सवाल। निकलें हम खुद यहाँ,गहरा भले मकड़ जाल।। ©Bharat Bhushan pathak poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry मकड़ जाल जीवन सखे,इसमें कितने जाल। फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बद
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read moreSatish Kumar Meena
शादी का बंधन पवित्र होता है क्योंकि इसके साक्षी भगवान होते हैं जिनसे कुछ छुपा नहीं है। ©Satish Kumar Meena शादी का बंधन
शादी का बंधन
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
बंधनों के कई रूप होते है सात फेरों का बंधन, सात जन्मों का बंधन, जन्मों जन्मों का बंधन, पर एक बंधन और भी होता है मन से मन का बंधन शायद इस बंधन में कोई अग्नि साक्षी नहीं, हवन नहीं, कोई सात वचन नहीं पर सबसे निकट और सबसे अलग है यह न बांधने की चाहत न छूटने का मन बस ऐसा है यह मन से मन का बंधन! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) मन से मन का बंधन 🤔☺️ #matangiupadhyay #Nojoto #hindi #Life #Love
मन से मन का बंधन 🤔☺️ #matangiupadhyay #Hindi Life #Love
read moreseema patidar
White स्वच्छंद विचरण को छोड़ा था पंछी उम्मीद थी शाम तलक घर लोट आने की संग भेजी थी उसके दुआ,खुशियों का जहां पाने की जिद थी उसकी उड़ जाने की चाह उन्मुक्त गगन में खो जाने की मोह होता तो जाल बिछा लेते, पिंजरे के घेरे डाल देते पर प्रेम इजाजत नहीं देता, बंधन में अपने बांधने की बस आस की डोरी से बांधा है ,और एकटक निहारे बैठे है प्रतीक्षा में परिंदे के लोट आने की ........ ©seema patidar आस की डोर....उम्मीद का बंधन निश्छल,निस्वार्थ .......
आस की डोर....उम्मीद का बंधन निश्छल,निस्वार्थ .......
read moreनवनीत ठाकुर
क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं, क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं। इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम, जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है। रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर, फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #क्यों बंधन पाल रखें हैं
#क्यों बंधन पाल रखें हैं
read moreRakesh frnds4ever
White अपने न ,,,,,,,,,,,,,, अपने मिले सपने न ,,,,,,,,,,,,,, सच होने लगे झूठ है ये दुनिया सारी झूठे हैं ये रिश्ते बंधन सारे गलत समय में गलत जगह पर अच्छे होकर फंसे मिले सच्चे होकर हम ही बुरे बने अपने न ,,,,,, ,,,,,,, अपने मिले सपने न ,,,,, ,,,,,,, सपने मिले ©Rakesh frnds4ever #अपने न अपने मिले #सपने न,,,,,,,,, सच होने लगे #झूठ है ये दुनिया सारी झूठे हैं ये रिश्ते बंधन सारे #गलत #समय में गलत जगह पर