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Stories related to आठवणीतील कविता भाग 1

SumitGaurav2005

अतुल सुभाष v/s सुमित गौरव भाग - 1 #Truth #trithofmylife #bittertruth #victim #498a #Divorce #suicideboys #sumitmandhana सुमितमानधनागौ

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Anjali Jain

#love_shayari रैगिंग क्या...??भाग 1

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White हम कहीं भी नए स्थान पर जाते हैं नए लोगों से मिलते हैं तो हमारे मन में अजीब तरह की आशंकाएँ उठती रहती है कि वो जगह, वो लोग कैसे होंगे, हमें कैसा लगेगा, हमारे साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा...?चाहे हम परिपक्व उम्र के ही क्यों न हो?
ऐसे में जब छोटे- छोटे बच्चे नए-नए स्कूल में प्रवेश लेते हैं तब वे भी, उनके अभिभावक भी थोड़े डरे सहमे होते हैं नए वातावरण,पुराने बच्चों के प्रति, कि कैसा व्यवहार होगा उनका ?बच्चा सहज हो पाएगा..बैठ पाएगा...!
ऐसे में उज्जवल भविष्य के सपने मन में संजोए, नए- नए किशोर,युवा,नए शहर,नए कॉलेज में प्रवेश लेते हैं तब उनकी, उनके अभिभावकों की मनःस्थिति कैसी होती होगी...कल्पना कर सकते है,क्योंकि ऐसी स्थिति से सभी दो-चार होते ही हैं!!

©Anjali Jain #love_shayari रैगिंग क्या...??भाग 1

Writer Mamta Ambedkar

#sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

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White 

मन का जख्म

बदन पर जो लगे,
वो जख्म भर जाते हैं,
वक़्त की मरहम से,
दर्द भी मिट जाते हैं।

पर जो गहरे घाव,
मन के भीतर लगते हैं,
वो हर धड़कन के संग,
फिर से जी उठते हैं।

न कोई मलहम,
न कोई दवा कारगर,
इन घावों को बस,
सहेजना ही है बेहतर।

ये घाव सिखाते हैं,
जीवन का एक पाठ,
हर दर्द के पीछे छुपा,
कोई अटल सत्य का साथ।

तो मन के जख्मों को,
बस प्यार से थाम लो,
दर्द की इस धारा में,
खुद को पहचान लो।

क्योंकि मन का घाव ही,
तुम्हें मजबूत बनाएगा,
और जीवन के हर मोड़ पर,
नया सूरज दिखाएगा।

©Writer Mamta Ambedkar #sad_quotes  हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता

Writer Mamta Ambedkar

#love_shayari प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश

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White हम सफ़र 

हज़ार फासले होने के बावजूद
  बडा सुकून हमें तेरा  ख्याल देता है
 
हज़ार फासले होने के बावजूद
हज़ार फासले होने के बावजूद,
तेरा ख्याल दिल को उजाल देता है।
दूर रहकर भी जो पास लगे,
ऐसा एहसास तेरा कमाल देता है।

तेरी यादें बसी हैं सांसों में,
हर धड़कन तुझसे सवाल करता है।
क्यों दूरी का शिकवा करें,
जब तेरा ख्याल ही जवाब देता है।

बिछड़ने का ग़म होता है पर,
तेरे ख्याल से हर दर्द टल जाता है।
जैसे दूर चाँद को देखकर भी,
मन को उसका नूर बहाल देता है।

इस दिल का क्या हाल कहें,
जो हर घड़ी तुझे पुकार देता है।

©Writer Mamta Ambedkar #love_shayari  प्रेम कविता हिंदी कविता कविता कविताएं कविता कोश

कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात  हिंदी कविता कविता कोश कविता

Anurag Nishad

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

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Afifa

"जुनून''(नफ़रत से इश्क़) - {भाग-1}

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White 






























एक दुल्हन बनी लड़की मुंबई कि सूनसान सड़कों पर अपना लेहंगा संभालते हुए भाग रही थी उसके चेहरे पर डर से पसीने कि बूँदे चमक रहीं थी।


वो लड़की बिना रुके लगातार भागे जा रही थी कि तभी कुछ बड़ी बड़ी और एक्स्पेन्सिव सात आठ गाड़ीयां आकर उस लड़की के चारों तरफ गोल गोल घूमने लगी।


वो लड़की उन गाड़ीयों को देख अपना थूक निगल लेती है और डर से उन सब गाड़ीयों को देखने लगती है तभी सारी गाड़ीयां एक दम से रुक जाती हैं और उनमे से बहुत सारे आदमी जो ब्लैक सूट पहने थे वो बाहर आते हैं।


उन गाड़ीयों मे से जो सबसे बड़ी और ज्यादा एक्स्पेन्सिव गाड़ी थी उसमें से शेरवानी पहने एक हैंडसम सा आदमी निकला जो देखने से हि किसी रोयल खानदान का लग रहा था जिसकी बिल्ली जैसी भूरी आँखे थी गोरा रंग हल्की हल्की दाढ़ी और सुर्ख लाल होंठ उस आदमी कि पर्सनालिटी बहुत अट्रेक्टिव थी।


वो आदमी सीधा उस लड़की के पास आया जो अभी डर से अपना पसीना पोछ रही थी और नफ़रत से उस आदमी को घूर रही थी इतने मे उस आदमी ने दुल्हन बनी लड़की का हाथ पकड़ उसे ले जा कर अपनी गाड़ी में धकेल दिया वो लड़की अपना हाथ छुराते रह गई चीखती चिल्लाती रह गई लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ।


कुछ देर मे सारी गाड़ीयां एक बड़े मेंसन के सामने आकर रुकीं तो वॉचमेन ने बड़ा सा गेट खोल दिया और सारी गाड़ीयां अंदर आ गई उनके अंदर आते हि वॉचमेन ने गेट बंद कर दिया और वापस अपनी पोजीशन में खड़ा हो गया।


वो आदमी अपनी एक्स्पेन्सिव कार से बाहर निकला और उस दुल्हन बनी लड़की को अंदर ले जाने लगा वो भी लगभग खींचते हुए वो लड़की अपना हाथ छुराने कि कोशिश कर रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी लेकिन वो आदमी अपने चेहरे पर सख्त भाव लिए उसे अंदर लेके जा रहा था उसकी पकड़ लड़की के हाथ पर कसी हुई थी जिस वजह से उस लड़की के गोरे हाथ पर लाल निशान पड़ गए थे और उस लड़की को बहुत दर्द भी हो रहा था जिसे वो जाहिर नहीं होने दे रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी कि वो उसे छोड़ दे लेकिन वो आदमी छोरे तब ना।


दोनों अंदर मेंसन मे आ गए जहाँ पहले से हि मंडप सजा हुआ था जहाँ पंडित जी अपना सर झुकाय खड़े थे वो आदमी खींचते हुए दुल्हन बनी लड़की को मंडप पर लाया और पंडित जी से बोला ''पंडित जी मंत्र पढना शुरू करो''


उस आदमी कि बात पर वो लड़की जिसकी आँखे इस वक़्त गुस्से और आंसुओ से लाल हो रही थी गुस्से से बोली ''मैं ये शादी नहीं करूंगी....सुना तुमने नहीं करुँगी.......तुम मुझे जबरदस्ती यहाँ तक ला सकते हो लेकिन जबरदस्ती शादी नहीं कर सकते''


उस लड़की कि बात पर वो आदमी शैतानी हंसी हस्ते बोला ''ओह रियली.....क्या तुम्हें अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार नहीं'' तो वो लड़की हैरानी से बोली ''क्या.....मतलब क्या है तुम्हारा.....कहना क्या चाहते हो तुम......देखो तुमने अगर मेरी दोस्त को कुछ भी किया तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.....समझे तुम(गुस्से से)''


तभी उस आदमी ने अपना मोबाइल निकाल उस लड़की के सामने कर दिया और बोला ''अगर ये शादी नहीं हुई तो  मैं जो भी करूँगा उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद होगी''


वो विडीओ देख उस लड़की के रुके हुए आंसू भी बहने लगे उसकी हिम्मत अब टूट सी गई थी वो अपने साथ सब बर्दास्त कर सकती थी लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड को ऐसे देख उसकी हिम्मत टूट गई।


वो लड़की रोते हुए हाथ जोर बोली ''प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो....मैं..मैं जो तुम कहोगे वो करूंगी.....मैं शादी करूंगी तुमसे बट प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो''


उसकी बात सुन उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई उसने ''गुड'' कह लड़की को बैठने का इशारा किया तो वो लड़की चुप चाप अपनी जगह बैठ गई।


वो आदमी भी लड़की के बगल में बैठ गया और डेविल स्माइल के साथ बोला ''पंडित जी शादी कराओ''


वो पंडित डर से कांपती आवाज़ मे मंत्र पढ़ने लगा कुछ देर बाद पंडित जी बोले ''अब आप दोनों फेरों के लिए खड़े हो जाइये''


उनकी बात पर वो आदमी तो खड़ा हो गया लेकिन वो लड़की जमी सी वहीं बैठी रही जिसे देख वो आदमी सख्त आवाज़ में बोला ''सुना नहीं क्या कहा पंडित जी ने......उठो''


उसके केहने पर भी दुल्हन नहीं उठी तो उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया और ऐसे हि फेरे लेना शुरू कर दिया।


फेरों के बाद दोनों वापस अपनी जगह बैठ गए वो लड़की किसी मुहर्त कि तरफ बैठी थी जिसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे लेकिन आँखों मे मजबूरी और दर्द साफ दिखाई दे रहा था।


तभी पंडित जी सिन्दूर कि डिब्बी दूल्हे को देते हुए बोले ''अब आप वधू कि माँग में सिन्दूर भरिये''


उस आदमी ने सिन्दूर कि डिब्बी ली और लड़की कि मांग में पूरा सिन्दूर उड़ेल दिया और वो लड़की बस आँखे मूँद के रह गई।


आदमी के मंगलसूत्र पहनाने के बाद पंडित जी बोले ''शादी सम्पन्न हुई '' और वो आदमी डेविल स्माइल के साथ मन हि मन बोला ''इसी के साथ तुम्हारी बर्बादी भी शुरू हुई स्वीट हार्ट''


वो आदमी उठा और उस लड़की का हाथ पकड़ उसे खींचते हुए अपने रूम मे लाकर बंद कर दिया और खुद अपने स्टडी रूम मे आ गया।


वो आदमी किसी राजा कि तरह अपने किंग साइज सोफे पर बड़े हि स्टाइल में पैर पर पैर रख बैठ गया।


उसके सामने उसका असिस्टेंट अपना सर झुकाय् खड़ा था ''जो काम बोला था हो गया'' उस आदमी कि सख्त आवाज़ पर असिस्टेंट ने सर उठाया और कांपती आवाज़ में बोला ''यस सर''


''ओके गुड.....नाउ गेट आउट''उस आदमी ने फिर सख्त लेह्जे मे बोला तो वो असिस्टेंट वहाँ से भाग गया।


उसके जाते हि उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल तैर गई।


आखिर कौन है ये आदमी?और कौन है वो लड़की जिसेसे इसने जबरदस्ती शादी कि है?

©Afifa "जुनून''(नफ़रत से इश्क़) - {भाग-1}

Kavi Aditya Shukla

कविता कोश कविता

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White लिया था प्रण लिखने को रश्मिरथी
पर लिख रहा हूं मधुशाला

©Kavi Aditya Shukla  कविता कोश  कविता

Anita Mishra

#Diwali हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश कविता

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बाबूजी ले लो एक दीया 
मेरे घर का दीया भी जग जाएगा 
मनाओगे पटाखों से दिवाली तुम 
मेरे घर का चूल्हा भी जल जाएगा
 ऊंचे भवनों की शान बड़ी 
वहाँ विदेश का माल ही बिकता है 
ले लो -ले लो यह देसी तुम 
इसमें तो प्यार भी दिखता है  
खरीद लोगे गर तुम हमसे कुछ
संग दुआएं भी तो पाओगे
  आप के कारण हम बच्चे भी 
दिवाली का जशन मनाएंगे

©Anita Mishra #Diwali  हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कोश कविता

सारिका

#sad_quotes मराठी कविता प्रेम कविता कविता मराठी कविता Hinduism

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White मणी ठाव नव्हता रोज उमगलेल्या दिवसला मी नव्याने बहरते 
का कुणास ठाऊक आज मी मलाच नवीन भासते
इवले इवले हात आता मोठे झाले
डोक्यावर कर्तव्याचे ओझे आले
जगरित समजायला आता समज आली होती
आपली आपली वाटणारी माणसं परकी भासत होती 
ओरडून सांगावे किती काही सहन केलंय
मन घुसमटून एकटच निपचित पडले
सगळ जग गर्दी करून होते
पण माझ्यासाठी कोणीच नव्हते

©स्वानंदी #sad_quotes  मराठी कविता प्रेम कविता कविता मराठी कविता Hinduism
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