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@RKSanjeevSuman
Unsplash जब जिन्दगी आप को दुखी होने के सौ कारण बताये तो.. आप जिन्दगी को बताएं की आप के पास मुस्कुराने की हजार वजह हैं..!! ©@RKSanjeevSuman #traveling आज शुभ विचार आज का विचार सुप्रभात Extraterrestrial life आज शुभ विचार
#traveling आज शुभ विचार आज का विचार सुप्रभात Extraterrestrial life आज शुभ विचार
read moreSAAHIL KUMAR
White कल की सोच मैं आज को छोड़ चला अपने कल को संवारने की होड में आज को भुल चुका आज जो है हाथ खाली उन्हें कल की उम्मीदों के सहारे बांध चला कल को संवारने के लिए मैं आज को नाराज़ कर चला ©SAAHIL KUMAR आज/कल
आज/कल
read moreSheetal Shekhar
White मेरे आज में मेरा कल। मेरे कल में मेरा आज। क्या कोई देख पाया? ©Sheetal Shekhar #आज आज का विचार
#आज आज का विचार
read moreRajesh Arora
.......... ©Rajesh Arora Good morning आज का विचार आज शुभ विचार आज का विचार अनमोल विचार
Good morning आज का विचार आज शुभ विचार आज का विचार अनमोल विचार
read moregaTTubaba
White सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें" ©gaTTubaba #Thinking सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें"
#Thinking सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें"
read moreS
White Good morning 🌄 ©S #sad_quotes आज शुभ विचार आज शुभ विचार
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read moreZindgi Ka Safar # priyaa
New Year 2024-25 फ़िक्र मत करो, गुज़र जाते हैं वो पल,, जिनका गुजरना मुश्किल होता हैं। । ©Zindgi Ka Safar # priyaa #NewYear2024-25 आज का विचार आज का विचार सुप्रभात आज शुभ विचार
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read moreनवनीत ठाकुर
इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
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