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azad satyam
जी करता है तेरे मद भरे नैनो में डूब के मदहोश हो जाऊं भूल के सारी दुनियां को अपना होश खो जाऊं बखान क्या करूं तेरी सुन्दरता का, है नहीं कोई फूल ऐसी कोमलता का इठलाती बल खाती जुल्फों की ये अदाएं कोई कैसे न इनके भंवर में बह जाए और लब जैसे मद के प्याले छलकाए सादगी ऐसी की चांद भी शरमाए करूं क्या तारीफ तेरी ऐसे अल्फ़ाज़ नहीं जो थी बात जेहन में मेरे अनकहे अल्फाजों में है कही 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam जी करता है तेरे मद भरे नैनो में डूब के मदहोश हो जाऊं भूल के सारी दुनियां को अपना होश खो जाऊं बखान क्या करूं तेरी सुन्दरता का, है नहीं कोई फू
जी करता है तेरे मद भरे नैनो में डूब के मदहोश हो जाऊं भूल के सारी दुनियां को अपना होश खो जाऊं बखान क्या करूं तेरी सुन्दरता का, है नहीं कोई फू
read moreJAGAT HITKARNI 274
• हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद किसी पर जाहीर नहीहुआ कि क्या भेदहै फिर मेंरी जबानसे इश्वर परमात्माकी तारीफ अदा नहीहोसक्ती और दूसरा मजमुन बतौर समुद्र केहै सो कलमसे लिखा जाताह कि जो२करतब मैने इन सौदागर महाजनान-के देखे वोह अजब तरहके नजर आये जिससे मुझ गरीब साध अनुपदासको तमांम जहांनके हिंन्दु मुसलमान और साध संत और पण्डित फकीर और मुल्कों मुल्कोंके राजा महाराजा और सातों आठों और सब-विलायतोंके बादशाह और दीगर अंग्रेज वगैराकी खिदमतमें हाथ जोङकर अरज;करना लाजिम आया कि जिसको जादूचाला और राक्षस विधा और काफिर विधा और इन्द्रजाल कहतेहैं वोह एक किसमका पापहै कि जिस्तरहसे रावणने चलायाथा और मेह और मौतको कबजेमें करलीथी पापके सबबसे याने होम करा२के बुद्धी भी भ्रष्ट करदीथी इन्द्रजालके पापसे और काल वगैरा, पङा२करके लक्षमी अपने काबूमें करके लंकामें लेगयाथा और उसीतरहसे- हिरनाकश राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कंन्स राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कारुन बादशाहनेभी चलायाथा और रावण हिरनाकश कंस कारुन वगैराकी तरहसे बल राजाके बादसे इन सौदागर महाजनाननेभी-राक्षस विधाका पाप चलायाहै सोइन बनियोंनेभी मेहको और मोतको सहारे करलीहै और बुद्धी भ्रष्ट करदीहै ..... • सोइस.बातका.इन्साफकीया चाहीये क्युंकि इन्साफके-करनेसे,खुद,मालुम,होजावेगा- ... ( २२९ ) साध अनुपदास- लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) पढ़ें छावणी ऐरनपुरा, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) संपर्क :- 02976-273024 , 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274 • हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद कि
• हजार हजार शुक्र उस जोतीस्वरुप नीरंजन नीराकारका है किं जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टीको पैदाकीया परंन्तु उस की कारीगरीका भेद कि
read moreN S Yadav GoldMine
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset {Bolo Ji Radhey Radhey} गर्म मसाला, क्या मसाला ठंडा भी होता है? जिसकी लाठी क्या भैस उसकी? ये कम्बल जो है, इसमें कितना बल? चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो? भागते चोर की लंगोटी ही सही? जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #SunSet {Bolo Ji Radhey Radhey} गर्म मसाला, क्या मसाला ठंडा भी होता है? जिसकी लाठी क्या भैस उसकी? ये कम्बल जो है, इसमें कितना बल? चलो दिलदा
#SunSet {Bolo Ji Radhey Radhey} गर्म मसाला, क्या मसाला ठंडा भी होता है? जिसकी लाठी क्या भैस उसकी? ये कम्बल जो है, इसमें कितना बल? चलो दिलदा
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