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Sujata Chavan
White //तुषार // बेधुंद हवा, असा हा गारवा अमृती होईल, वर्षा धारा..... आडोशी का तु, उभा चातका घे अंगावर... तुषार... "जरा"..... Yedu...!! ©Sujata Chavan #पाऊस धारा#
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।। भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।। बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।। हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।। करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।। वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।। बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।। मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।। न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।। सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।। तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।। नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।। करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।
nisha Kharatshinde
आज मी अन् तो (पाऊस) तो बरसतच होता मनसोक्त माझ्याशी गप्पा मारत.. मी ही बाल्कीनीतून हसत त्याला होते न्याहळत दिवसभर बोललो आम्ही सांज व्हायला लागली होती रात्रीही येणार का रे हो...गर्जना ऐकू येत होती कसे गेले वर्ष अखेर त्याने मला विचारले फक्त तुझीच प्रतिक्षा सोड...तूला खूप आठवले गंधाळल्या दाही दिशा आज मी ही मंत्रमुग्ध जाहले त्या चातकासारखीच मी ही आज खरी तृप्त झाले तो ही ऐकून हसू लागला वाट त्यानेही पाहिली होती अंधार सगळीकडे पसरला तितक्यात आईने हाक मारली होती ✍️(निशा खरात/शिंदे)काव्यनिश ©nisha Kharatshinde आज मी अन् तो(पाऊस)
Bharat Bhushan pathak
चित्रपदा छंद विधान:-- ८ वर्ण प्रति चरण चार चरण, दो-दो समतुकांत भगण भगण गुरु गुरु २११ २११ २ २ नीरद जो घिर आए। तृप्त धरा कर जाए।। कानन में हरियाली। हर्षित है हर डाली।। कोयल गीत सुनाती। मंगल आज प्रभाती। गूँजित हैं अब भौंरे। दादुर ताल किनारे।। मेघ खड़े सम सीढ़ी। झूम युवागण पीढ़ी।। खेल रहे जब होली। भींग गये जन टोली।। दृश्य मनोहर भाते। पुष्प सभी खिल जाते।। पूरित ताल तलैया। वायु बहे पुरवैया।। भारत भूषण पाठक'देवांश' ©Bharat Bhushan pathak #holikadahan #होली#holi#nojotohindi#poetry#साहित्य#छंद चित्रपदा छंद विध