Find the Latest Status about सपने में पिता को देखना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सपने में पिता को देखना.
Dr. Bhagwan Sahay Meena
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर... कसूर तो उन सपनों का है जो सोने नहीं देते... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena सपने
सपने
read morelove you zindagi
Unsplash सपने जगाते रहते हैं और हालात सोने नहीं देते ..! 🥹 ©love you zindagi #सपने #ख्वाब #हालात #sad
सपने ख्वाब हालात sad
read morekuldeepbabra
White तमाम सितारे मेरे पास हैं फिर भी इन सितारों में मैं अकेला ही नजर आता हूं मैं वह चांद हूं जो हर किसी को भाता हूं और किसी को तो मैं पसंद भी नहीं आता हूं good night 🌃🌉 ©kuldeepbabra हजारों के बीच में भी अकेला है सपने # good morning wishes
हजारों के बीच में भी अकेला है सपने # wgood morning wishes
read moreAnjali Singhal
"ज़िन्दगी के सारे सपने, आँखों में अपनी संजोता है; खुशियों का आशियाना, हर पल वो बुनता है। बच्चों को खिलखिलाता देखकर, चेहरा उसका खिलता है; गमो
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White जरा सा मोल ममता का चुका पाते अगर बेटे.. लहु में दौड़ते रिश्ते निभा पाते अगर बेटे.. न होती दर बदर की ठोकरें उनके नसीबों में.. बुढ़ापा काश कांधो पर उठा पाते अगर बेटे... कभी फुटपाथ पे हालात पे रोती नहीं आँखें उन्हें दो जून की रोटी खिला पाते अगर बेटे..! नहीं कोई तमन्ना है उन्हें महलों में आने की पिता माता को पलकों पर सजा पाते अगर बेटे गंवाकर जिंदगी अपनी उन्हें क़ाबिल बनाया है जो उनके त्याग को दिल से लगा पाते अगर बेटे..! जले हैं आस में औलाद ही कल का सहारा है कभी उस आग में ख़ुद को जला पाते अगर बेटे..! न तीरथ की न जप तप की उन्हें कोई जरूरत थी श्रवन सी भावना मन में जगा पाते अगर बेटे.. नहीं कोई जमीं पर दूसरा भगवान हो शायद उन्हें भगवान से पहले मना पाते अगर बेटे..! ©अज्ञात #माता पिता
#माता पिता
read moreअनिल कसेर "उजाला"
इधर जाते हैं ना उधर जाते हैं, हर तरफ वो ही नज़र आते हैं। कमाने जो निकल जाते घर से, मौत से भी नहीं वो घबराते हैं। ज़ख्म पे ज़ख्म चाहे लगता रहें, दर्द सारा हँसी में ही छिपाते हैं। ग़म की बदली न छाये परिवार में, ये सोच कर तूफ़ानो से टकराते हैं। अपने सपन सारे तोड़ कर 'उजाला', ये ज़िंदगी को मुस्कुराना सिखाते हैं। ©अनिल कसेर "उजाला" पिता
पिता
read moreनवनीत ठाकुर
पिता की यादों में है वो ख़ामोश रहमत, उनके लफ़्ज़ों में आज भी वफ़ा का पैग़ाम बाकी है। हर मुश्किल घड़ी में वो हौसला बनकर आते हैं, वो दुनिया से रुख़्सत हुए, पर उनका असर बाकी है। वो चले गए, छोड़ गए ज़िंदगी की तालीम, उनके नक्श-ए-राह पर हर कदम का निशां बाकी है। जब भी टूटता हूँ सफर की ठोकरों में कहीं, उठाने को आज भी उनका अरमां बाकी है। पिता का साया आज भी है मेरे साथ यूं, उनकी दुआओं का साया हर राह पे बाकी है। चले गए वो फलक के सफर पर दूर कहीं, पर उनकी मौजूदगी का एहसास हर सांस में बाकी है। वो जुदा हुए, पर छोड़ गए अनमोल ख़ज़ाना, यादों में बसा है महकता उनका गुलिस्तां बाकी है। अब वो सितारा बनकर आसमां में रोशन हैं, उनकी रौशनी से मेरी हर रात और सुबह बाकी है। जैसे अंधेरों में चिराग़ की लौ जलती है, वैसे ही उनकी यादों का उजाला हर लम्हा बाकी है। इस फानी दुनिया से वो चले गए हैं भले, मगर मेरे दिल में वो जिंदा हैं, उनका हर वो लम्हा बाकी है। ©नवनीत ठाकुर #पिता का साया
#पिता का साया
read moreKhushi Kandu
सभी को ख़ुद में समेटे सभी को साथ लिए चलता है जनाब ये पिता है जो साए की तरह साथ फिरता है ©Khushi Kandu #पिता #father