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Lata Sharma सखी
आज ये सावन बरस रहा है, या मेरे आंखों से दरिया बरस रहा है.. यूँ लगता है मुझको आज, ये सावन मेरे साथ रो रहा है.. हर टिप टिप कर गिरती बूंद को जैसे, टूटे दिल की तड़प का एहसाज़ है.. गिरते गिरते आँसुओं को पी रही है, जैसे ये बूंदें आज मेरे गम में बरस रही हैं.. क्या कसूर था मेरा आज बता दो मुझे, जो आज इस दिल से ये लहु बरस रहा है.. आँखें भी तो दरिया हो गई है मेरी, रुकती नहीं तोड़ गई हर बांध, मेरे गम का एहसास लिए ओ सावन तू क्यों बरस रहा है... खत्म हुई जीने की इच्छा अब तो मेरी, मौत भी तो न है सखी अब मेरी.. आसमाँ से बरसता ये अब्र आज क्यों, मेरे मन को जला रहा है.. कभी भीगती थी खुल कर इस सावन में मैं, तो यही सावन ठहाका लगा हंसा करता था, आज मैं रो रही हूँ तो, ये सावन भी मेरे साथ रो रहा है... ©सखी #gif सावन बरस रहा है #सावन
Gautam_Anand
अद्भुत भाव हृदय का जो मैं व्यक्त नहीं कर पाया हर्षित था आह्लादित था जब तू गोद में मेरी आया लाखों सपने अरमां लाखों फिर भी भावशून्य हो बैठा गोद में लेकर अपना बचपन क्या बोलूं कुछ समझ न पाया नन्ही नन्ही ऊँगली से तूने जब मेरी ऊँगली पकड़ी तारों सी चंचल अंखियों से तूने मुझसे सौ बातें कर ली फूलों कि पंखुड़ियों सी कोमल अधरों से तू मुस्काया पिता - पुत्र के रिश्तों का तूने मुझको एहसास कराया #अमन
कवि अमन कुमार शर्मा
।। प्रेम की एक कविता बिना शीर्षक के।। तेरी दीवानगी भी इन दिनों मेरे दुश्मनों के साथ चलने लगी है। मै नहीं कहता ये शहर कहते हैं की तू भी मेरी तरक्की से जलने लगी है। परवाह कहा था तेरे दीदार तक, आश्रू तो बहते है मेरे आज तक। निकाल देंगे तुम्हे भी इन शहरों से जरा ये भी याद रखना । मै कातिल न सही , पागल ही समझ कर याद रखना। भूल मत जाना किन्हीं रहो में, मै याद आऊंगा तुझे पगडंडी के रहो में। याद है न मेरा दिया या भूल गई तुम। मैंने आज तक आपना दिया वचन भी न तोरा। तू मुझे देश भक्ति सिखाती है। पगडंडी के रहो पर चलना सिखाती हैं। भूल जाना मेरी आदत नहीं हम तेरी क़दमों की आहट भी याद रखते है। लोग कहते है मै पलट कर देखता था, अरे भूल गई तुम्हीं तो मेरी गलियों से निकलती थी । सोक अब भी शेष है, तस्वीर बनाने को । तू पास आती तो है, प्यार झूठा ही सही दिल लगती तो है। हालात बिगड़े हुए हैं मेरे शहर के, जरा तेज चलो। मुरतो की कोई परछाई नहीं होती, इस दिल में तू न होती कोई और न होती। छोटी सी कविता प्रेम के नाम कवि अमन कुमार शर्मा पढ़े चलो बढ़े चलो शिक्षा अभियान भारत राष्ट्रीय महासचिव दूरभाष नंबर 6200288770 अमन
अमन #कविता
read morevishal raghuvanshi
था जिसके नाक पे गुस्सा हर लफ्ज़ में गाली थी वो बंदा भी आज देखो अमन की बात करता है ~ Vishal अमन
अमन
read moreअमन रज़ा
गजल इश्क़ो वफ़ा की जबसे यहाँ रौशनी नहीं। चेहरों पे देख लीजे किसी के हँसी नहीं। कैसे मनेगी ईद दिवाली यहाँ पे अब, दिल में किसी के दोस्तो कोई ख़ुशी नहीं। उल्फ़त के बोल सुनने को बेताब हूँ बहुत, मिलती किसी ज़बाँ पे यहाँ चाशनी नहीं। इक दूजे पे जो जान लुटाते थे प्यार में, आपस में आज उनमें कोई दोस्ती नहीं। दिल कह रहा है आज सियासत को देखकर, बहरूपियों की मुल्क में कोई कमी नहीं। जब भी लिखूंगा सच ही लिखूँगा ऐ दोस्तो, इसके सिवा करूँगा (अमन) शाइरी नहीं। अमन
अमन
read moreAman Deep Pandey
कोशिश है कि तुझे चांद मिले नर्म नाजुक गुलाब मिले ये अमन क्या दुआ देगा तुझे सलामत रहे, बड़ों का आशीर्वाद मिले अमन
अमन
read moreShadab Javed
ये तो उर्दू ज़बां का जादू है कोई बोले तो गुफ़्तगू महके अमन बलरामपुरी अमन
अमन #Shayari
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