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Raushni Tripathi

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला बशीर बद्र #flowers

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घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे 
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला 

बशीर बद्र 


















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©Raushni Tripathi घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे 
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला 

बशीर बद्र

#flowers

JALAJ KUMAR RATHOUR

वैसे मैं अब तुम्हारी तस्वीर को जूम करके नहीं देखता।क्युकी तुम्हारी आंखों में काजल की जगह नमीं मुझे बैचैन कर देती है।हमारी स्कूल वाली ग्रुप फ #standAlone #जलज

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वैसे मैं अब तुम्हारी तस्वीर को जूम करके नहीं देखता।क्युकी तुम्हारी आंखों में काजल की जगह नमीं मुझे बैचैन कर देती है।हमारी स्कूल वाली ग्रुप फोटो में जब भी तुम्हारे साथ मेरा नाम देखता हूं तो ऐसा लगता है जैसे हमारे नामों के बीच किसी ने रेडक्लिफ रेखा खींच दी हो।मैं हमारे नामों के बीच सदैव नेपाल और भारत सी सरहद चाहता था।जहां कोई रोक टोक ना हो और दोनो का अस्तित्व भी बरकरार रहे।....#जलज कुमार
[ @हिंदी_ह्रदय ]

©JALAJ KUMAR RATHOUR वैसे मैं अब तुम्हारी तस्वीर को जूम करके नहीं देखता।क्युकी तुम्हारी आंखों में काजल की जगह नमीं मुझे बैचैन कर देती है।हमारी स्कूल वाली ग्रुप फ

SHAYARI BOOKS

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला, अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला! घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे, बहुत तलाश किया कोई आदमी न म #Shayari

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The story is मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला,
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला!
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे,
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला!
तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था,
फिर उस के बा'द मुझे कोई अजनबी न मिला!
ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने,
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला!
बहुत अजीब है ये क़ुर्बतों की दूरी भी,
वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला! मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला,
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला!
घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे,
बहुत तलाश किया कोई आदमी न म

Naresh Chandra

फर्जी मदरसे, फर्जी छात्र, और सरकारी पैसों की लूट ! फर्जी नामों के आधार पर बरसों से जनता के पैसों की लूट हो रही थी. ये तो कुछ भी नहीं, और सु

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©Naresh Chandra फर्जी मदरसे, फर्जी छात्र, और सरकारी पैसों की लूट !

फर्जी नामों के आधार पर बरसों से जनता के पैसों की लूट हो रही थी. ये तो कुछ भी नहीं, और सु

JALAJ KUMAR RATHOUR

यार कॉमरेड, वक्त कितनी जल्दी बीतता है, हैं ना।आज जब हमारी फेसबुक फ्रेंडशिप की मेमोरी का नोटिफिकेशन आया तो पुराने दिन याद आ गए।मुझे आज भी याद #जलज

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यार कॉमरेड,
वक्त कितनी जल्दी बीतता है, हैं ना।आज जब हमारी फेसबुक फ्रेंडशिप की मेमोरी का नोटिफिकेशन आया तो पुराने दिन याद आ गए।मुझे आज भी याद है जब तुमने, प्रोफाइल फोटो  न लगाने की शर्त पर पहली बार मुझसे अपनी फेसबुक आईडी बनवाई थी।मैंने जब तुमसे कहा था कि लो अपना पासवर्ड डाल लो।उस वक्त तुम्हारा जबाब "इतना विश्वास है तुम पर " आज भी मुझे तुम्हारे करीब लाकर खड़ा कर देता है।अब जब उस पुरानी आईडी पर लास्ट सीन हमारी आखिरी मुलाकात वाली साल का देखता हूं तो ऐसा लगता है जैसे,वो सिर्फ एक फेसबुक आईडी नहीं बल्कि हमें जोड़ने वाली कोई डोर थी।आजकल तुम्हारी तस्वीर लगी नई आईडी जब भी एड फ्रेंड का ऑप्शन दिखाती है तो ऐसा लगता है कि ये मार्कजुकरबर्ग की कोई साजिश हैं मुझे सताने के लिए।वैसे मैं अब तुम्हारी तस्वीर को जूम करके नहीं देखता।क्युकी तुम्हारी आंखों में काजल की जगह नमीं मुझे बैचैन कर देती है।हमारी स्कूल वाली ग्रुप फोटो में जब भी तुम्हारे साथ मेरा नाम देखता हूं तो ऐसा लगता है जैसे हमारे नामों के बीच किसी ने रेडक्लिफ रेखा खींच दी हो।मैं हमारे नामों के बीच सदैव नेपाल और भारत सी सरहद चाहता था।जहां कोई रोक टोक ना हो और दोनो का अस्तित्व भी बरकरार रहे।वैसे इंसान जिसे प्रेम करता है  उसे उस इंसान के  बदलने का उतना  अफसोस नहीं होता जितना उसे, उस इंसान के पता बदल लेने से होता है।क्युकी फिर भेजे गए माफी पत्र और जुड़ाव के आग्रह लापता हो जाते हैं।..#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड,
वक्त कितनी जल्दी बीतता है, हैं ना।आज जब हमारी फेसबुक फ्रेंडशिप की मेमोरी का नोटिफिकेशन आया तो पुराने दिन याद आ गए।मुझे आज भी याद

Ravendra

डीएम ने सदर विधानसभा क्षेत्र के चेक लिस्ट के अनुसार मतदान केन्द्र की व्यवस्थाओं का लिया जायजा बहराइच जिला के लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 क #न्यूज़

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Ravendra

जिला अधिकारी ने मतदान केन्द्र की व्यवस्थाओं का लिया जायजा बहराइच जिला के लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर् #न्यूज़

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Harshita Dawar

#baadal #Dil #Emotions #feelings #yqinspiration #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️. #jazzbaat इन आंखो को भी वहीं दिखा जो दिल के अरमान है।। आ

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Written by Harshita ✍️✍️.
#Jazzbaat#
इन आंखो को भी वहीं दिखा जो दिल के अरमान है।। आसमानों ने भी पहचान लिया।।
वहीं मज़र जो बसे मेरे एहसास में ।।
मां बच्चे के रिश्तों में मिठास का सहारा लेकर चले है।।
मां के दुलार को स्वीकार रहे है ये बादल।।
आज वही दिखा रहा ये नीला आकाश वहीं जाता रहा है आज।।
काला कृतियां बनाते बनाते क्या क्या दिखता है ये आकाश।।
कितने आंसू लिए उमड़ घुमड़ होते है ये बादल।।
थक कर ये भी भरस जाते है ये जब इनको भी आकाश में झटके लगते है।।।
बादलों को भी एहसास होता जाता है टूट के बिखर जाने का।।।
कितनों के अरमानो पर पानी फेरने का।।।
तो कितनों के मिलन का मोका देने का।।।
बस यूं ही चुपके से कलाकृतियों को रिश्तों के नाम देने के नज़रिए हमारे पास है।।
बस यूं टकटकी बांधकर तिजोरी में रखें एहसास को नाम देने का हुनर हमारे पास है।।
बादलों का ये अलान है हम यूं ही इस बदली से उस बदली में छिपते रहेंगे।।
तुम हमे खोजते रहना।। नए नामों के रिश्ते संजोते रहना।।
     
#baadal #dil #emotions #feelings #yqinspiration #yqdidi 
Written by Harshita ✍️✍️.
#jazzbaat
इन आंखो को भी वहीं दिखा जो दिल के अरमान है।। आ

Kavita

#kavitaQuotes #dil_ki_chahat #khwabon_ka_aashma #chand_chhune_ki_chahat #सादगी मे सिमटी आखों मे सपने समेट जब मै ख्बावों के शेहर मे आयी थी

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सादगी मे सिमटी 
आखों मे सपने समेट 
जब मै ख्बावों के शेहर मे आयी थी 
उचा उड़ने कि लालसा 
आशमना को छूने कि चाहत थी 
ढेरों ख्बावों की जूगुनूयें 
बंद आँखों मे टिमटिमाती थी 
बंद मुठी मे दूनिया जितने की ताकत 
और मेरे आँखों मे सपनों कि दूनिया बसती थी 

चाँद तक का ना हो सफर पर 
तारे चुम लेने कि दिल मे चाहत बसती थी 
रास्ते कि कठनाइयों की ना थी खबर 
ना उनसे निपटने की इलम कहीं से पायी थी 
फिर भी सबसे आगे बढ़ने की जूनून सर पे छायी थी 
आगे बढ़ने की दौर मे कई रातों की निदं हमने गवायी थी
ख्वाबों को तो माँ के आँखों से बून के लायी थी
ख्वाबों के आसमां मे एक तारा हमने भी जग मगायी थी 
कठिन मेहनत से जगमगायीं आसामां मे हार का डर अमामाबस्या बन के छायी थी 
फिर भी अमामाबस्या के बाद चाँदनी रात की उमिद दिल मे बंधायी थी 

मेहफिलों कि सान ना सही पर 
चमकते नामों के बिच एक नाम हमने भी चाही थी 
दिलकश नाजारा ना दिखें आँखों को पर
अपनों के आँखों मे सूकून की निदं बसानी चाहि थी 

सादगी मे सिमटी 
ढेरों सपने लेकर 
ख्वाबों के शैहर मे जब मै आयी थी  #kavitaQuotes
#dil_ki_chahat
#khwabon_ka_aashma
#chand_chhune_ki_chahat
#सादगी मे सिमटी 
आखों मे सपने समेट 
जब मै ख्बावों के शेहर मे आयी थी

Nisha Bharti Jha

| मैं तुझसे दूर नहीं होना चाहती हूँ | मैं तुमसे दूर नहीं होना चाहती हूँ, अंधेरी रातों में तेरे कांधे पर सर रख रोना चाहती हूँ, हाँ मैं तुम

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| मैं तुझसे दूर 
नहीं होने चाहती हूँ | | मैं तुझसे दूर नहीं होना चाहती हूँ |

मैं तुमसे दूर नहीं होना चाहती हूँ, 
अंधेरी रातों में तेरे कांधे पर सर 
रख रोना चाहती हूँ, हाँ मैं तुम
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