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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#Shayari nojoto चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं रुस्वाइया
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Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२ कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत, वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३ तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल, यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४ तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं, सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६ लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की, सुकून वालों को ही हैरानियां है//७ #Shamawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #library #nojoto #shayari चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं
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White इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा, अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा-ए-खुदा न समझा,उमीदे-अदल थी जिनसे,वो बाप विरासत देने मे गूंगा-बहरा सा मुझे दिखा//२ जो दबाते है सरमाया अपने हमशीरी का,वो रोजे मह्शर अल्लाह-रसूल् से शर्मिंदा खड़ा सा मुझे दिखा//३ वो एहसासे कमतरी का शिकार न दिखा,हाँ आज उसके मन मे जहरीला गुबार उड़ता सा मुझे दिखा//४ नफरत की अफीम बोई है,जिस हासिद ने,अब ईद दिवाली स्नेह मिलन पर,वो नफरते फसल काटता सा मुझे दिखा//५ हाशिये पर पसमन्दो को निशाना बनते मुझे दिखा, इस मानिंद नशेमन रिआया का गिरता सा मुझे दिखा//६ जो अना और किना परस्त बड़े लोग है,मुझको तो ऐसे लोगो का किरदार अदना सा मुझे दिखा//६ जाइए मत आप"शमा"की बेबाकी पर,मै खामखाह, सुर्ख़रू हुआ,जो ये हयात शनासा सा मुझे दिखा//७ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ
#sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ
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White चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//२ कहीं पर रखके वो भुला मुहब्बत, चलन मे नफरतों की तैयारियां है//३ तेरे पह्लु मे आकर बैठ जाऊं, मेरे दिल में तेरी बेताबियां है//४ तुझे चाहूँ तुझे सोचूँ मुसलसल मेरे दिल में तेरी बेचैनियां है//५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तेरे शानो पे जिम्मदारियां है//६ लगे मैले चमन मे बद-अमन के, मगर"शम्मा"से इनको क्यूं दुश्वरियां है//७ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_Status चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//
#Sad_Status चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं हर्राजियाँ है//
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White अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने, जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप, घुटन थी जितनी खुदी मे पिघाल दी मैने//२ मेरे रकीब तेरा राज-फाश हो-ना कभी, हाँ तुझपे इज्जत-ए-रिदा डाल दी मैने//३ कदम अमीरी का जब मयकदे में जा धमका, के दोनो दस्त से दौलत उछाल दी मैने//४ बहुत जरूरी है जालिम को आइना देना, इसी सबब उसे,उसकी मिसाल दी मैनें//५ मेरे जहन मे मचलते हैँ बे-शुमार सुखन,सो आज इनपे कलम अपनी निकाल दी मैने//७ वो जिसने तोड़े नशेमन"शमा के कुंबों के, उसी यजीद को फिर जान-ओ-माल दी मैने//८ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने,जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप,घुटन थी जितनी खुदी मे प
#sad_quotes अना की ऐसी बला खुदसे निकाल दी मैने,जो नागवार है वो बात टाल दी मैने//१ किसी से अब नहीं रंजिश,न मेल मिलाप,घुटन थी जितनी खुदी मे प
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White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें, यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२ ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३ मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४ किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५ बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की, मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६ याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७ हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है, फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८ "शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा मुनाफिक है,जो सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य
#sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य
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White वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना के इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का*इस्तिआरा भी देखना,इस दुनियाँ का नहीं,मेरी उल्फत का तुम*इस्तिखारा भी देखना//२ मरहला ए शहादत के लिए मुजरिम हाले दिल को चुना जाएगा, इस सुर्ख लहूं मे अलुदा गर्दन तुम हमारा भी देखना//३ कयामत ये भी हुई के जिनसे ये दिल मुंफरीद है,अब मुखालफ़त की सफ मे उनको ही तुम सफेंआरा भी देखना//४ खाक बदन को खाक मे मिलने मिलाने का मनाजरा भी देखना, इसी खाक मे जरा तुम सिकंदरे आज़म का माजरा भी देखना// तेरे चश्म की तीरे नज़र का मदहोश नज़ारा भी देखना,क्यूँ किया माइल,जाकर आइने मे अक्स तुम्हारा भी देखना//६ "शमा"की जानिब से हिज्र का दुश्वारा भी देखना,याद बहुत आता है तेरा,इस तरह पलट कर मुझे दुबारा भी देखना//७ #Shsmawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_Status वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना,इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का *इस्तिआरा भी
#Sad_Status वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना,इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का *इस्तिआरा भी
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White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है, इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२ जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३ वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं, इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४ इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है, जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५ अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है, रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६ ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है , जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७ ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८ इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९ तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम, के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१० #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द
#love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द
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