Find the Latest Status about नईदुनिया न्यूज़ पेपर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नईदुनिया न्यूज़ पेपर.
Sant Rampal Ji Maharaj
#सिद्धि_बड़ी_या_भगवान परमात्मा के सामने गोरखनाथ की सिद्धि हुई फेल। एक बार गोरखनाथ जी जमीन में गड़े लगभग 7 फुट ऊँचें त्रिशूल के ऊपर सिद्धि से #mahadev #mandir #Shiv #Bholenath #भक्ति #gorakhpur #explorepage #gorakhnath #KabirPrakatDiwas #KabirParmatma_Prakat
read moreSarfaraj idrishi
अर्ज किया हैं इतना तो मजनू भी नहीं पिटा लैला के प्यार में, जितना ये पेपर लीक हो रह रहा उत्तर प्रदेश BJP की सरकार में!! ©Sarfaraj idrishi #funnyquote अर्ज किया हैं इतना तो मजनू भी नहीं पिटा लैला के प्यार में, जितना ये पेपर र लीक हो रह रहा उत्तर प्रदेश BJP की सरकार में!!Taj Uddi
#funnyquote अर्ज किया हैं इतना तो मजनू भी नहीं पिटा लैला के प्यार में, जितना ये पेपर र लीक हो रह रहा उत्तर प्रदेश BJP की सरकार में!!Taj Uddi #Comedy
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की फिर उसी मोड़ पर आकर खड़े हों जाते हैं। कभी कभी तो लगता है अपने हाथ पैर मारना ही छोड़ दे ताकि कुछ पल सुकून के तो मिल सके पर यह भीं इसे मंजूर नहीं होता है, फिर कोई न कोई राह दिखा कर फिर उसी मोड़ पर ले आती है। ना यह चेन से जीने देती है और ना मरने देती है। जब तकलीफ़ का दौर देखा और अपने आप को कोसने लगे तो फिर इसे शख्स को सामने लाकर खड़ा कर देगी। जो हमसे भीं ज्यादा तकलीफ़ मे होगा, उसे देख कर और उनकी तकलीफ़ को सुनकर उनके लिए प्रार्थना करने के लिए अपने आप भगवान के आगे उठ जाते हैं। और आंखो में अश्रु भर जाते हैं। बस और बस केवल उनकी ही पीड़ा मन में रहती है। जब हाथ पकड़ कर कहती हूं सब ठीक हों जायेगा। तो वो जैसे ही ठीक हों जाता था। तो हमे भूल जाता है। और मन में एक ठीस सी उठती है। हमें दुःख किस बात का हुआ वो भूले इस कारण यां उनकी पीड़ा हमारे अंदर आ गई उसके कारण.. समझ नहीं आता की नियति क्या खेल खेलती है। हमारा मन एक कोरा कागज़ है उसपर हर तरह के रंग भर देती है। चाहें हमें पसंद हों यां नहीं। बस भरे जा रहीं हैं, भरे जा रही है। जो देखेगा तो उसका अलग ही मत होगा। कोई अपनी अलग ही राय कायम करेगा। पर इन सब के बीच में पिसता पेपर हैं। अगर रंग अच्छे भरे तो सुंदर चित्र उभर कर आयेगा और उसे साथ ले जायेगा। और किसी को पसंद नहीं आया तो कचरे के डिब्बे में फेका जायेगा, तब वो स्याही भीं ख़राब तो उस पेन की चुबन और वो पेपर भीं ख़राब हों जायेगा। और बाद में हमारी नियति भीं ख़राब बता दी जायेगी क्योंकि सबसे बड़ी कलाकार हमारी नियति है और हम वो प्लेन पेपर है, और दुःख, सुख, शांति, पीड़ा, संघर्ष रूपी कलम सभी हमारी नियति है। और शून्य से बढ़े तो शून्य में ही विलीन हों गए। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #aaina हमारी नियति है। कभी शून्य से आगे बढ़ ही नहीं पाए , जब भी हमने सोचा की शायद अब नियति मे कुछ बदलाव आया होगा तो तभी कुछ ऐसा होता है की