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Manish Raaj
शर्म-ओ-हया --------------- दर्पण भी उनके चेहरे के दर्श को तरसता है ज़ुल्फ़ है की उनके चेहरे पर ही आ कर बिखरता है इस एक चेहरे को देख कर कई चहरा सँवरता है शर्म-ओ-हया के लिबास में जब उनका चेहरा निखरता है मनीष राज ©Manish Raaj #शर्म-ओ-हया
ANSARI ANSARI
White आपस में नफरत करना। कोई धर्म नहीं कहता प्यारे। मन्दिर तोड़ो, मस्जिद तोड़ो। चर्च तोड़ो, और गुरुद्वारा तोड़ो। राम,रहीम,ईशा और गुरूदेव। नहीं कहते प्यारे। तुम नफरत का चश्मा फेक । कर देखो सब लगेंगे अपने प्यारे। ©ANSARI ANSARI सब लगेंगे अपने प्यारे।
AD Kiran
White अमुल्य इज्जत को मात्र चार रुपए में निलाम करने वाली कुछ तो सर्म कर लो ! किसी घर की बहु किसी मेहनती की पत्नी होकर खुद को तबायफ का नाम मत दो !! ©AD Kiran #ओ समझा करो....
दूध नाथ वरुण
ओ शेरोवाली मैया, तू शेर पे चढ़के आजा। मेरी बीच भंवर में नैया,तू आके पार लगाजा।। ©दूध नाथ वरुण #ओ #शेरोवाली#मैया
Rajni Vijay singla
तेरी मुरली मेरा जीवन हुई बावरी सुधबुध छिन ©Rajni Vijay singla # ओ कान्हा मेरे
Nik JAT
वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मुस्कान इतनी प्यारी, जैसे-फूलों की सुंदर सी फुलवारी, स्वभाव इतना शीतल, जैसे-कड़ी धूप में इकलौता हरा -भरा पीपल, वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, नादान से बच्चे की तरह करते थे बातें, कभी -कभी बातें ऐसी, जैसे - नासमझी से ज़िंदगी की कहानी सुना रहे हों, रूठना तो उन्हें,क्या खूब आता था, कहीं उनकी तबियत खराब ना हो जाएं, ये सोच कर जब पापा, घर से बाहर जाने को मना करते थे, फिर देखो उनका ड्रामा - कैसे गुस्से से मुंह फूला कर नाक सुकड़ते थे। रूठना तो उन्हें, क्या खूब आता था, जब वो कहीं जाते तो घर सुना कर जाते, हर शक्श की नज़रे उन्हीं को तलाश करती, याद उन्हीं को करके, बस उन्हीं की बात करती। वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं, उदासी का मंजर,काले बादलों को तरह छा रहा था। बुरे विचारो का सैलाब, तेजी से आ रहा था, और घर हर शक्श झूठा सा मुस्कुरा रहा था। जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मेरी कविता के हर किस्से, उन्हीं की जिंदगी के हैं हिस्से। ©Nik JAT #प्यारे बाबा
दूध नाथ वरुण
Life Like जैसे ये पत्ती टूटकर, डाली से अलग हुई। वैसे ही मुझसे रूठकर,ओ मुझसे अलग हुए।। ©दूध नाथ वरुण #ओ अलग हुए