Find the Latest Status about रघुवंश द्वितीय सर्ग pdf from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रघुवंश द्वितीय सर्ग pdf.
Nikhat
सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुख से न कभी उफ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं, शूलों का मूल नसाने को, बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को। ©. #रश्मिरथी – तृतीय सर्ग