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prahlad mandal
मैं तों झरना हूं , हर मौसम में बरसता हूं। कभी कम तो कभी , अधिक बरसता हूं। सुन कर अंदाजा लगाना मुश्किल है, भरा हुआ गड्डे की गहराई भी मापना मुश्किल है। नदियां के तरह धार निकल जाएं कभी, शब्दों से मेरे इसलिए बरसते रहता हूं। मैं तो झरना हूं , हर मौसम में बरसता हूं। ✍️✍️✍️ ©prahlad mandal #प्रहलाद_की_कलम_से
prahlad mandal
किरणें सूरज की धीरे-धीरे , फैल रही है। सुबह होते ही पक्षियां शौर कर रही है, ढूबा हुआ है अंधेरे में, तू साथ चल सके इसलिए किरणें सूरज की धीरे-धीरे, फैल रही है। सुप्रभात जय श्री राधे कृष्णा 🙏 ✍ ©prahlad mandal #प्रहलाद_की_कलम_से #SunSet
रौनक
😢सुधीर मैं तुम से बहुत प्यार करता हूं तेरे बिना जी नही पाऊंगा मेरी बाबू सायद तुम इसी बात का फायदा उठा के मुझे मरने पे मजबूर करती हो प्रहलाद
prahlad mandal
भरोसा हैं अपने अल्फाज पर, इसलिए तो कलम उठाया हूं मैं ये मत सोच लेना कि किसी के इश्क में बर्बाद होकर लिखकर रहा दर्द भरी बातें को इतना सस्ता थोड़ी ना हूं मैं इतना सस्ता थोड़ी ना हूं मैं।। ✍️✍️ प्रहलाद मंडल 'गुल्लु'✍️ #प्रहलाद मंडल की कलम से अपनी बातें ,आपके साथ
Paramjeet kaur Mehra
prahlad mandal
तू प्रेम में मेरे राधा बन जा , कृष्ण तेरा बन जाऊं मैं। मिलो या ना मिलो तुम हमें, तेरा ही प्रीत कहलाऊं मैं। स्वरचित ✍️प्रहलाद मंडल ©prahlad mandal तू प्रेम में मेरे राधा बन जा , कृष्ण तेरा बन जाऊं मैं। मिलो या ना मिलो तुम हमें, तेरा ही प्रीत कहलाऊं मैं। स्वरचित प्रहलाद मंडल
prahlad mandal
तू प्रेम में मेरे राधा बन जा , कृष्ण तेरा बन जाऊं मैं। मिलो या ना मिलो तुम हमें, तेरा ही प्रीत कहलाऊं मैं। स्वरचित ✍️प्रहलाद मंडल ©prahlad mandal तू प्रेम में मेरे राधा बन जा , कृष्ण तेरा बन जाऊं मैं। मिलो या ना मिलो तुम हमें, तेरा ही प्रीत कहलाऊं मैं। स्वरचित प्रहलाद मंडल
Sandeep Rahbraa
जिस दिन आएगा दुनिया में प्रहलाद का दौर आग होली की उसी दिन ही होगी गुलज़ार हर तरफ नफ़रत-ए -इंसा के सुलगते है अलाव हर तरफ जीत के गुलशन में है शोलो का जमाव आज फिर होलिका प्रहलाद को ले बैठी है फिर से इस जलती हुई आग को गुलज़ार बनाओ ©Sandeep Rahbraa #holikadahan जिस दिन आएगा दुनिया में प्रहलाद का दौर आग होली की उसी दिन ही होगी गुलज़ार हर तरफ नफ़रत-ए -इंसा के सुलगते है अलाव ह