Nojoto: Largest Storytelling Platform

New वयातील अंतर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about वयातील अंतर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वयातील अंतर.

Stories related to वयातील अंतर

Anukaran

#Mic उड़ना भी जरूरी है, ख़्वाब और हकीकत में अंतर समझ में आता है। कुछ कदम चल कर रुकना भी जरूरी है, अपने पराये का साथ समझ आता है, मुश्किलें तो

read more
उड़ना भी जरूरी है,
ख़्वाब और हकीकत में अंतर समझ में आता है।
कुछ कदम चल कर रुकना भी जरूरी है,
अपने पराये का साथ समझ आता है,
मुश्किलें तो बहुत हैं राहों में,
कुछ कदम बढ़ाने की शुरुआत से, 
हर मुश्किल आसान सा लगता है।
जीत जाएँगे हम अगर खुद पे विस्वास हो,
वरना एक कदम भी चलना सैकड़ो 
योजन सा लगता है।

©Anukaran #Mic 
उड़ना भी जरूरी है,
ख़्वाब और हकीकत में अंतर समझ में आता है।
कुछ कदम चल कर रुकना भी जरूरी है,
अपने पराये का साथ समझ आता है,
मुश्किलें तो

Sonu Gami

#happy_diwali हवा में शीतलता हवा का है आभार खुश है चित्त और खुश है अंतर मन आनंद स्वरूप परमात्मा का है धन्यवाद बिना मांगे ही दिया सबकुछ धन्

read more
White हवा में शीतलता हवा का है आभार 
खुश है चित्त और खुश है अंतर मन 
आनंद स्वरूप परमात्मा का है धन्यवाद
बिना मांगे ही दिया सबकुछ
धन्यवाद है धन्यवाद परमात्मा का आभार

©Sonu Gami #happy_diwali हवा में शीतलता हवा का है आभार 
खुश है चित्त और खुश है अंतर मन 
आनंद स्वरूप परमात्मा का है धन्यवाद
बिना मांगे ही दिया सबकुछ
धन्

Ravi Srivastava

कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे

read more
Unsplash कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ !
कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !!

कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ !
जिनसे बिछड़ा उनकी यादें,पल पल खींच रहा हूँ !!

✍️✍️
रवि श्रीवास्तव

©Ravi Srivastava कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ !
कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !!

कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ !
जिनसे

Sushma

#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

read more
Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी
कुछ उलझी थी बालों में
गर्दन के पीछे चिपकी मिली
कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली
कोई बेशर्मी से भरी हुई
ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें
पर इतना अंतर क्यों है?
मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ
कुछ न चिपका मिले मुझ पर
जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से ,
वैसे साफ सुथरी आऊं वापस
मगर ऐसा हो पाता नहीं
बोझ उठाये नजरों का हरदम
चलते रहना नियति है मेरी, शायद।

©Sushma #Ladki  शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

Ajay Tanwar Mehrana

अंतर बीच हमारे poetry on love

read more
मानने और जानने में फरक होता है ,
अंधविश्वास भी एक नरक होता है !
हमारे बीच बस अंतर है इतना कि -
आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है !

पहचानने और चाहने में फरक होता है
एक तरफा प्यार भी नरक होता है ,
हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि
हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं !
.

©Ajay Tanwar Mehrana अंतर बीच हमारे  poetry on love

Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi

read more
White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा 
              मन से ही तो होता है।
मन के ऐसे हालातों का
              मन खुद आप विजेता है।।
मन में ठान लिया सरिता को
             सागर से मिलवाता है।
निरुद्देश्य नालों में बहता
             जल बस सड़ता जाता है।।

©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi

Shiv Narayan Saxena

#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry

read more
White सबसे बड़ी  विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। 
मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।।

अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत।
  खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।।

अंतर  के  गृह - युद्ध  से, बल-मद  टूटा जाय।
  हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।।

©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute अंतर मन का युद्ध  hindi poetry

Matangi Upadhyay( चिंका )

एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Hindi

read more
वो पुरुष कभी प्रेम की पवित्रता को समझ नहीं सकते 
जो स्त्रियों को भोग की वस्तु समझते है 
जो दैहिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए 
प्रेम करने का नाटक करते है 
वो ताउम्र बस देह तक रह जाते है 
कभी स्त्रियों के अंतर्मन तक पहुँच पाना संभव ही नहीं उनसे..

©Matangi Upadhyay( चिंका ) एक स्त्री का अंतर मन 🤔
#matangiupadhyay #Nojoto #Hindi
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile