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Raxx
गलत के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वाले कभी मरते नहीं, अमर हो जाते है... ©Raxx #shaheeddiwas अमर
Rakesh Lalit
कौन कहे तुम अमर रहोगे? --------------------------- सहज नही रह पाओगे यदि अपना आपा खो डाला, खोई दुनिया मे ढूँढ स्वयं को अपना"आप"तुम रख लेना, उपचार नहीं विद्वेष का लेकिन कर प्रयत्न तुम यह लेना, कौन कहे तुम अमर रहोगे भ्रम वर्जित कर रह लेना। तुम कब ऐसे निर्मम थे क्या आज तुम्हारा रूप हुआ, तुमसे तो आसान बहुत था कटु वचनों को कह लेना, तुम थे अपनी बात के पक्के बन प्रतीक तुम सह लेना, कौन कहे तुम अमर रहोगे भ्रम वर्जित कर रह लेना। मिला तुम्हे है मानव जीवन तो मानव भी बन जाओ, पहले सत्य परख लो यारों फिर लहरों में बह लेना, सरल नहीं है टूटे घर की कठिन कहानी कह लेना, कौन कहे तुम अमर रहोगे भ्रम वर्जित कर रह लेना। ©Rakesh Lalit कौन कहे तुम अमर रहोगे? #peace
Arun Mahra
White शायद में तुम्हारी जिंदगी में सबसे अच्छा इंसान तो नहीं हूं पर एक दिन मेरा प्यार तुम्हारे सामने याद आते ही तुम बोलोगे वो एक अलग थे सबसे जिंदगी में यार कास कहां चला गया शायद में तुम्हारी जिंदगी में लोट कर तो नहीं आऊंगा तुम्हारा प्यार मेरा दिल में याद आते ही रहेगा तुम जहां जायेगी में तुम्हारे छवि को चूम के और बोलूंगा आई लव यू मेरी जान क्योंकि यह प्यार एक दिन के लिए नहीं हमेशा के लिए अमर होता है ©Arun Mahra ये प्यार हमेशा के लिए अमर रहेगा
Rameshkumar Mehra Mehra
राजगुरु भगतसिंह खुखदेब आओ झुककर सलाम करे उनको...! जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है....!! खुशनसीब होता है बो खून,जो देश के काम आता है....!!! 23 मार्च शहीद दिबस,अमर शहीदों को भाबपूर्णा,श्रद्धांजलि एंब शृत शृत नमन..!!! !! जय हिन्द जय भारत !! ©Rameshkumar Mehra Mehra #shaheeddiwas 23 मार्च अमर शहीदों की भाबपूर्णा,श्रद्धांजलि एंबेसडर शृत शृत नमन जय हिन्द जय भारत.....
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omni motivationalTv
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Mahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग देगा, भर जायेगा, मन इस तन से मन तो अज़र है बस कर्मों पे निर्भर है कर्म अच्छे होंगें जितने तन पायेगा वैसा जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू गणित यहाँ माया का वहाँ कर्मों का हिसाब किताब जैसा वैसा तन पायेगा भोगेगा क्या फिर से मन को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस तन को ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द
Prerna Singh
तुम सब अमर हो जाओगे मेरे साथ। और मैं भटकुंगी सदियों तलक बन कर सवाल आईना भी नहीं था जब तुम्हारे पास मुझे देख कर संवरते थे दिन रात निखरते थे ,और मैं बिखर गई बीन बात और तुम सब ने क्या बनाया हैं मेरा हाल मेरी तस्वीर तक का कर दिया बुरा हाल। तो मुझे आवाद होना ही नहीं था मगर ऐसा होता थोड़ी न हैं तुम्हें लगता है तुम ने मुझे बर्बाद कर दिया है मैंने पहले भी कहा है अमर हो जाओगे क्यूँ कि मैं शरीर नहीं आत्मा हूं। और तुम सदियों तक भटकोगे शांति की तलाश में। ....... ©Prerna Singh तुम सब अमर हो जाओगे मेरे साथ। और मैं भटकुंगी सदियों तलक बन कर सवाल आईना भी नहीं था जब तुम्हारे पास मुझे देखकर संवरते थे दिन रात निखरते थ
Mahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म "मन" का, मरण " तन" का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेगा "मन", इस तन से "मन" चंचल पर अज़र बस निर्भर कर्मों पर कर्म होंगें जैसे "मन" जन्म का "तन" पायेगा वैसे जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू हिसाब किताब सब यहाँ होता पैसों से वैसे मन का होता वहाँ सब कर्मों से पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से चंचल "मन" को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस "तन" को ...! ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग