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ANSARI ANSARI
White चलते चलते हम ये क्या देखते है। कोई यहां गीरा कोई वहां गीरा। थोड़ा आगे चलकर देखते हैं। शाहिल ने डुबा दिया मांझी को। मांझी वाले उछल कर देखते हैं। हमें तो बार बार लुट लियाअपनो। ने पड़ोस वाले खुश होकर देखते हैं। ©ANSARI ANSARI चलते चलते ये क्या देखते हैं।
चलते चलते ये क्या देखते हैं। #विचार
read morewriter....Nishu...
White मौत से क्या खौफ करूँ मौत से बत्तर मंजर देखा हैं कहते हैं अक्सर खुदा होता हैं मोहब्बत की इबादतों में मगर मैंने इसमें धोखा देखा हैं खुद रोता है खुद को चुप करा लेता हैं दिल मेरा मगर कहूँ क्या मैंने पल पल इसे मरते देखा हैं नहीं आ रहा सवाल जवाब करना खुद से मैंने खुद इतना किसी में खोकर देखा हैं यूँ तो जीना पड़ रहा हैं किसी की कसम से मगर हर लम्हें को अब मैंने मौत से देखा हैं ©writer....Nishu... #मौत से क्या खौफ करूँ
#मौत से क्या खौफ करूँ
read moreArora PR
White तुम क्या समझते हो मेरी कब्र की. मिट्टी क़ो सहला कर मुझे जगा दोगे?. तुम शायद नहीं जानते कि मै अलविदा कह कर ही कब्र में.. दाखिल हुआ था क्या तुम मुझे चैन से मरने भी नहीं दोगे? भला यूँ मेरी कब्र क़ोअपने आसूओ से कब तक़ नहलाते रहोगे? ©Arora PR क्या समझते हो तुम?
क्या समझते हो तुम? #कविता
read moregaTTubaba
हवस, नादानी, गुनाह... और न जानें क्या- क्या हैं ? इश्क तुम्हारा इश्क ही हैं हमने किया तो क्या-क्या हैं ?? ©gaTTubaba हवस, नादानी, गुनाह... और न जानें क्या- क्या हैं ? इश्क तुम्हारा इश्क हैं मालिक हमने किया तो क्या-क्या हैं
हवस, नादानी, गुनाह... और न जानें क्या- क्या हैं ? इश्क तुम्हारा इश्क हैं मालिक हमने किया तो क्या-क्या हैं #शायरी
read moregaTTubaba
White हवस, नादानी, गुनाह... और न जानें क्या- क्या हैं ? इश्क तुम्हारा इश्क हैं मालिक हमने किया तो क्या-क्या हैं ©gaTTubaba #Lake हवस, नादानी, गुनाह... और न जानें क्या- क्या हैं ? इश्क तुम्हारा इश्क हैं मालिक हमने किया तो क्या-क्या हैं
Shilpa Modi
सामने तुम थे खामोशी से थके हुए कदम लिए घर में दाखिल हो रहे थे देख कर तुम्हारा गुमसुम चेहरा मैं तुमसे पूछने चाहती थी क्यों आखिर क्यों तुम इतने हताश हो लेकिन तुमने मुझे मौका ही नहीं दिया झट से मेरे मुहं पर दरवाजा बंद कर दिया पटाक से दरवाजे की धड़ाम से मेरा दिल फिर एक बार आहत हो गया। काश तुम समझ पाते दर्द बांटने से ही कम होता है खुद को अंदर ही अंदर घुटाने से घुटन होती है शायद तुम मुझे इस काबिल ही नहीं समझते हो इसलिए तो तुम्हारी जिंदगी की हिस्सा होकर भी एक गुमनाम किस्सा बन कर रह गई हूं। ©Shilpa Modi #काश तुम समझते