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Deep isq Shayri #lover
Unsplash जब तक दुनिया में कविताएँ लिखी जा रहीं हैं तब तक उम्मीद जिंदा है उम्मीद है कि कहीं कोई प्रेमी अब भी गुलाब और जंगली फूलों में भेद भाव नहीं कर रहा उम्मीद है कि अब भी कोई चाँद को देखकर किसी का चेहरा याद कर रहा है उम्मीद है की अब भी कलम की स्याही पूरी तरह से नहीं सूखी उम्मीद है कि अब भी मजदूरों को जमीन पर नही बल्कि कुर्सी पर बैठने की लड़ाई जारी है उम्मीद है कि अब भी नाकामयाब मोहब्बतें कविताओं में मुकम्मल हो रहीं हैं कविताएं जो चुप रह कर भी गूँजती हैं उम्मीद के समुंदर को सूखने से रोकती हैं ...... ©Deep isq Shayri #lover #snow Sonia Anand Vikram vicky 3.0 Mahi Ganesha•~• Sabanoor
#snow Sonia Anand Vikram vicky 3.0 Mahi Ganesha•~• Sabanoor
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी जीवन को ही मौत के गले लगा ले अन्याय के डर से तोड़ दे आदमी को न्याय के दरबार से लिखी जाये पटकथा सौदे के लिये और फैलाया जाये मकड़जाल तारीखों के रूप में तोड़ दो भरम अब न्याय का मुँह यहाँ काला सच्चाई का होता है झूठे गवाह झूठे केसो से निर्वाह वकीलों और जजों का होता है जमानत और तारीखे बढ़ाने भर का बस यहाँ खेल होता है दम तोड़ती इंसानियत सुसाइड न्याय कर रहा है अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #justice अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है
#justice अंधा कानून बेकसूरों की जान निगल रहा है
read moreAnkitaishika
Har galiti ki saja hoti hai.. Phir galti kisiki bhi kyu n ho. ©Ankitaishika #justice
Ravi Gupta
“जो वकील अपने मुवक्किल की उम्मीदों को व्यापार समझे, वह न्याय की मर्यादा को ठेस पहुंचाता है।” ©Ravi Gupta #justice
_Writer_Sharda_
White मैं उनसे कह न पाया हाल - ए- दिल कभी.. कुछ लफ्ज़ कागज़ के पन्नों तक ही सीमित रह गया..! ©_Writer_Sharda_ #love_shayari Sethi Ji Neel Vikram vicky 3.0 Anshu writer Balwinder Pal
#love_shayari Sethi Ji Neel Vikram vicky 3.0 Anshu writer Balwinder Pal
read moreC2
इन दिनों कुछ शब्द है जो गूंज रहे है देश में असल में चुभ रहे है भविष्य के कानों में मॉब लिंचिंग से मौत और दंगे,अब हैरान नहीं करते खौंफ जगाते हैं बहुतों को अपने आज और कल के होने में कभी संभल तो कभी अजमेर, मणिपुर का तो अभी जिक्र भी नहीं आग की लपटें, चारों और धुआं ही धुआं और पथराव ये तस्वीरे हर रोज की खबर है, जिसे मैं देखना नहीं चाहता मैं भविष्य आज खड़ा हूं इस असीम शोर-नहीं-बवाल में शिमला कितना ठंडा है... फिर उसमें ऊबाल क्यों कुछ तो गलत है शायद सही सुझाव सोच से परे है क्या किसी को शांति पसंद नहीं जिस पर अमल हो क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं चाहता मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता वक्त रहते इसका अंत हो, समस्या का निदान हो ये सूरज की लालिमा का रंग सूरज से ही निकले तो अच्छा है धरती से सूरज को जाएगा तो सब कुछ जलना ही है मुझे तो कल में जीना है और ज्वलंत लपटें चुभ रही है मैं भविष्य, ऐसा भविष्य बिल्कुल नहीं चाहता क्या कोई सुलगती आग को बुझाना नहीं जानता।। -C2 . ©C2 #protest #peace #justice #harmony #poem
_Writer_Sharda_
White मिल कर भी कभी मिल न पाएं हम उनसे.. कभी समझौते किए तो कभी समझदार हो गए..! ©_Writer_Sharda_ #love_shayari Sethi Ji Dr. uvsays Vikram vicky 3.0 Anshu writer Neel
#love_shayari Sethi Ji Dr. uvsays Vikram vicky 3.0 Anshu writer Neel
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