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पवन आर्य
भूखें मरकर उमर बडा करती तो कोई भिखारी ना होता, भूखें मरने वाला पाकिस्तान आज गुट-गुट कर ना रोता, आजकी पत्नीं सुन,शरम कर क्यों पति से लडती हैं, छोड़ पाखंड व्रत का पति की उम्र उसके सम्मान से बडती हैं, ---ऋषि पुत्र पवन आर्य पाखंड का खंडन।
Rishi Raj
व्यक्ति जब लंबे समय से सॉन्ग रचना में गुजरता है और पूर्णतया असफल हो जाता है तब उसे समझ में आता है कि हम भी एक साधारण आदमी है हमें और साधारणता का कोई भी गुण नहीं है यह फलसफा समझने में उसकी जिंदगी गुजर जाती है और सामूहिक रूप से न जाने कितने लोगों को परेशान किया होगा सिर्फ अपने पाखंड और सॉन्ग में ऐसे बेहूदा जब का पर जब कब्र में होता है तब अपनी औकात समझ में आती है ©Rishi Raj पाखंड पाखंड
Kumar Pushpendra
अंधविश्वास के चक्कर में ना फसना मेरे भाई। लूट रहे हैं ढोंगी बाबा तेरी मेहनत की कमाई। कर संघर्ष भीम ने शिक्षा ऊंची पाई। माता सावित्री फुले ने शिक्षा की जोत जलाई। कर विरोध पाखंड का मनुवाद से करी लड़ाई। अंधविश्वास के चक्कर में ना फसना मेरे भाई।। ©Kumar Pushpendra #पाखंड
Manish Kumar Savita
कहां है वो बाबा जो सीधे देवी-दोवताओं से बात करते है, कहां है वो कथावाचक जो हर कथा में देश की बात करते है, कहां है वो मंदिर के ट्रस्टी जिनके पास जनता के करोड़ों रुपए है,अब जब देश कोरोना की वज़ह से महामारी से जूझ रहा है तो क्यों न बाबा उन देवी-देवताओं से बात करके कोरोना का हल पूंछ ले या फिर पाखंड करना बंद करे,कथा वाचक और मंदिर के ट्रस्टी जिनके पास अकूत संपदा है वो अपना धन गरीब की सेवा में लगाएं,जो दान-दक्षिणा की सलाह आप लोगों को देते है अब वक़्त अा गया है कि आप भी उसका पालन करें।। #Manish Kumar Savita #पाखंड
Avinash Jha
पहन चोगा ये बैठे अपने घरों में तू भटक रहा सड़कों पर अंधेरी रातों में रक्त रंजित तेरे हाथ हैं कल तलक़ मुख पर खिली जो मुश्कान थी भभक रहा आज नथुले तेरे मन मे तेरे आज भरी क्रोध, ईर्ष्या द्वेष लिप्त. डिग्रियों की लगी तेरी ढ़ेर है पोथी पत्रों में बंद ज्ञान है गौण तो मगर तेरा ज्ञान है जला रहे जो तू शहर है किताबों को चढ़ा दे तो अग्नि के भेंट विवेक रहित जो तू हुआ हैं. भगवान तेरा या ख़ुदा वो पूजता तू है जिसे वेदना दया उसकी भी मर गई है क्या या तू नाम पर उसके अपनी घी सेक रहा वो भी पत्थर ही है या तू बना पत्थर है बिलख रहा इंसानियत तू मुस्कुरा रहा कैसा फिर ये देव कोई कहलाता हो. हाँ हाँ मैं बात करता हूँ तेरी मूढ़ता की धर्म के नाम पर तू जो कर रहा पाखंड का धिक्कार रहा हुँ मैं तेरे अस्तित्व को हो कर मनुज जो मुढ़ तू फिर भी रहा खड़ा हूँ मैं यहां ललकार रहा तेरे पाखंड को बता कौन तुझको यूँ भटका रहा है वो कोई देवता या दानव तू ही बता. ©avinashjha पाखंड
Champak
पाखंडवाद के साथ विज्ञान चल नही सकता तकनीकी व ज्ञान के बिना विज्ञान फल नहीं सकता अंधभक्त पाखंड के बिना जकड़कर ढल नहीं सकता #विज्ञान #पाखंड
Aniket Chakrwarty
क्या करोगे ज़्यादा सम्पत्ति कमा कर साथ कुछ नहीं जायेगा । ऐसा बताने वाले बाबा एक कथा के 9 लाख लेते हैं।। 😒 ढोंग-पाखंड बाबा हरामखोर