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Stories related to कीमत निर्धारण क्या है

vksrivastav

क्या नया और क्या पुराना है #Quotes #Shayari #Trending #viral #poem #vksrivastav

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Shivi Kotwal

Unsplash मेरा दर्द मुझे ही पता है 
🥺❤️‍🩹
उसकी यादों में तन्हा मरना मुझे ही पता है 🥺❣️

©Shivi Kotwal #library #कीमत #Life #always_and_forever

Mintu soni

वाह क्या बात कही है #nojohindi

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हिमांशु Kulshreshtha

क्या रिश्ता है..

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नहीं जानता क्या रिश्ता है
मेरी रूह से तुम्हारी रूह का
जो भी है ये, मगर खूब है
ये अधूरा सा रिश्ता हमारा
तन के रिश्ते,
ना थे पहचान कभी
मेरे इश्क की….
रूहों के मिलन से से होगा नायाब
ये अधूरा सा रिश्ता हमारा

©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..

RUPESH Kr SINHA

क्या यह सही नहीं है

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Mahesh Patel

सहेली... कीमत... लाला...

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White सहेली....
 भरोसा जितना कीमती होता है..
दगा इतना ही महंगा होता है..
फूल कितना भी सुंदर दिखे..
पर कीमत उसकी सुवास से ही होती है..
लाला.....

©Mahesh Patel सहेली... कीमत... लाला...

Mr chandel07

#sad_shayari मैं रिश्ता निभाऊंगा आखरी सांस तक पर सवाल है कि किस कीमत पर

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Parasram Arora

आखिर ये धर्म है क्या?

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White धर्म!

आखिर ये धर्म है क्या? 
 
मैंने तो  सिर्फ जीवन को ही जाना है 
जीवन के अलावा 
मैंने किसी को नहीं 
जाना  है.

और मेरी दृष्टि मे जीवन 
 का अर्थ है.
खेत   हल कुवा और  
लहल्हाती फसल 
जीवन का अर्थ है  पत्नी 
बच्चे और सुखद सफल 
दाम्पत्य

©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?

Matangi Upadhyay( चिंका )

प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay

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प्रेम क्या है..?

मन की व्यथा जब कहनी ना पड़े, 
तन की पीड़ा जब बतानी ना पड़े, 
आँसू गिरे तो किसी की हथेली नर्म कर दे, 
निगाहें उठे तो गुस्सा शांत कर दे, 
मन जब उस मुकाम पर किसी के
 कंधे पर सर रख कर मुस्कुराए
 और आँखें भीग जाए, 
वो एहसास वो मुकाम प्रेम है..!

©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम क्या है??
#matangiupadhyay #Nojoto

नवनीत ठाकुर

ना क्या जादू है बेगाने में

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वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने,
सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में।
अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा,
ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में।

मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में,
अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में।
खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में,
अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में।

जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे,
जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में।
सवाल हजारों हैं दिल के आईने में,
बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में।

गुज़री हुई बातों की सदा आती है,
जैसे कोई पुकार हो वीराने में।
जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं,
ना जाने क्या जादू है बेगाने में।

©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में
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