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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधेकृष्ण जी!! कर्म तो करना है, लेकिन कर्म और उसके फल की आसक्ति से रहित होकर। इस तरह कर्म करने से कर्म प्रवाह का अंत होकर कर्म केवल क्रिया मात्रा रह जायेंगे और जीव कर्म बंधन से मुक्त हो जायेगा। ©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधेकृष्ण जी!! कर्म तो करना है, लेकिन कर्म और उसके फल की आसक्ति से रहित होकर। इस तरह कर्म करने स
#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधेकृष्ण जी!! कर्म तो करना है, लेकिन कर्म और उसके फल की आसक्ति से रहित होकर। इस तरह कर्म करने स
read moreBhupendra Uikey
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में 🌺👰 ©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
read moreBharat Bhushan pathak
बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला। इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।। पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया। प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।। आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना। जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।। ©Bharat Bhushan pathak सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ
सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ
read moreBharat Bhushan pathak
दिग्पाल (या मृदुगति) छंद मापनी- 221 2122 221 2122 लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा छंदाधारित फिल्मी गाने- 1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं। संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।। पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता। सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।। ©Bharat Bhushan pathak poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi इस छंद में विशेष :-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।
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read moreBharat Bhushan pathak
मण्डूक दोहे पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़। जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१ माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार। देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२ रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार। पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३ कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात। वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४ मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर। भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५ इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ ©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे
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read moreMayuri Bhosale
❣️.......शायरी दिल की कहानी .......❣️ हर दिल मे छूपी है एक कहानी💌 पहले हमे लगती है ओ अपनी सहेली 👭 पर दिल के गहराई के समंदर तक जाकर 🌊🌊 देख लो ओ बन जाती है एक नई पहेली.....!!❓ ©Mayuri Bhosale दिल की कहानी की
दिल की कहानी की
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White तबियत तन की कहूँ या मन की, ये दुनिया है यार मेरे भगवन की। कभी तेज़ तो कभी मध्यम होता, ये बात है 'उजाला' धड़कन की। ©अनिल कसेर "उजाला" धड़कन की
धड़कन की
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