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AB
" तुम हवाओं सी मुझसे टकरा कर कहाँ गुम जाती हो" ( अनुशीर्षक ) ये सवाल, ये मलाल हाय,! वो तुम्हारा दिया सफ़ेद गुलाबी पश्मीना रुमाल मैंने आज भी संभाल रखा है, तुम्हारी बुनी हुई सफ़ेद ऊन की स्वेटर की बायीं ज
विष्णु कांत
जबसे चाहा है मैने तुझे.. मेरे ख्यालों के पग अब जमीं पर नहीं ठहरते, ये तो तेरी कान के झुमके पर हैं मरते। ©विष्णु कांत #पैर
Sumit Kumar
पैरों की आरजू बस इतनी सी होती है भले ही नीचे हो मगर, कोई नीचा ना समझें सब का गुरुर इन्हीं की बदौलत कायम जो रहता है.. ©Sumit Kumar पैर..
Nirog Bharat Natural Healing
#5LinePoetry धरती पर नंगे पैर चलने से शरीर ऊर्जावान रहता है । ©Nirog Bharat Natural Healing नंगे पैर
Hiren. B. Brahmbhatt
संभल कर चलना सिखाती है , पैर को लगने वाली चोट , समझदारी से जीना सिखाती है, मन को लगने वाली चोट .. #पैर #मन
Darlo the king 🦁🐯
दबे पैर चला जाता हूं में तेरी गली से सीने में खामोशी को समेट कर ।। दबे पैर चला जाता हूं में तेरी गली से सीने में खामोशी को समेट कर । भूल चुका हूं में उन प्यार के जूठे वादो को जो बोलती थी मर जाएगे तुम्हारे बिना हम मेरे सीने पे लेट कर। आज हम नहीं साथ तेरे तू जिंदा है ।। हा आज हम नहीं साथ तेरे तू जिंदा है । मैने की थी प्यार करने की भूल तुझसे जिसपे में शर्मिंदा हूं। बोल तो सही क्या गुन्हा किया था मैन जो दर्द सह रहा हूं में तेरे गुनाहों का प्यार करता था तुझसे बस बरना इसके अलावा में मुरीद नहीं था तेरे हुस्न और तेरी बाहों का। .........✍️ साधु बाबा दबे पैर
Hasanand Chhatwani
*कांटे चुभने के लिए नहीं उगते साहब...* *इस पर पैर रखते हो तो ही चुभते हैं...* #काँटे #पैर #
Vivek
नंगे पैर चलती है ज़मीं पर हँसती, कूदती, भागती है फिरकनी सी वो खेलती है जहाँ में घूम- घूम वो नाचती है उसके पाँव में है जादू कुदरत भी ये जानती है रेत में सने पैरों वाली को मिट्टी भी सहेली मानती है...!!! ©Vivek # नंगे पैर # सहेली
un
हाँ पड़े जब पैर उसके , उस भरे जलधार में, तब चमचमाता रहे गया, पानी भी पैरों के साथ में, अब ये समझ के पार था तारीफ में किसकी करूँ, एक खुद तो बहता जलधार था, एक खुद में बहती जलधार थी , जब दो बहते जलधार आपस में कहीं मिलजाते है, अक्सर वहां तूफान बड़ी जोरों से ही आ जाते है , एक तो मैं तूफान घर से लेकर निकलता हूँ, दूसरा ये तूफान हाँ सच में न झेल पाएंगे , प्रियांशु मिश्र उनके पैर #allalone