Find the Latest Status about prem है क्या from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, prem है क्या.
Aayushi Patel
Unsplash me prem ki pujaran hu ... me savabimaan ki hu dasi.... savabimaan he meri pehchan.... kuch yu ansuni si he meri kahaniii ❤️❤️❤️ 💫💞tumari preyshi 🌏💞 ©Ram Patel prem
prem
read moreSonia
প্রবল উন্মাদনায় লিখছি দুই ছত্র তোমাকে দেখার ইচ্ছা জাগছে যত্রতত্র। নিকোটিনের ধোঁয়ায় পুড়ে যাচ্ছে ঠোঁট তোমাকে দেখার জন্য দু’চোখ উৎসুক। একি প্রেম নাকি তোমার ফাঁদ আনন্দের মাঝেও কাঁদছে পূর্ণ চাঁদ। এত যে প্রবল টান, শুধুই কি দেহ? তোমার আমার রসায়ন, জানবে কি কেহ? কত দিবস কত রজনী হয়েছে গত প্রেম তো ঠিকই আছে পূর্বেকার মত। ম্লান হয়নি কোথাও একটু হয়নি ফিঁকে কি দেখো আর চোখে, চেয়ে আমার দিকে। আমি তো সেই আগের মত যেমন আছে চাঁদ এত দিনের পরিণয় পারবে কি দিতে বাদ? জানি আমি, তোমিও, অটুট চির বন্ধন তবে কেন দূরে, থামাও হৃদের ক্রন্দন। ©Sonia #Prem
हिमांशु Kulshreshtha
नहीं जानता क्या रिश्ता है मेरी रूह से तुम्हारी रूह का जो भी है ये, मगर खूब है ये अधूरा सा रिश्ता हमारा तन के रिश्ते, ना थे पहचान कभी मेरे इश्क की…. रूहों के मिलन से से होगा नायाब ये अधूरा सा रिश्ता हमारा ©हिमांशु Kulshreshtha क्या रिश्ता है..
क्या रिश्ता है..
read moreRjSunitkumar
Couple quotes ઠંડા ઠંડા વાતા પવનનો કૈફ ઘેરો બન્યો અને તારી યાદોના સૂસવાટા એ ફરી તારા વિચારોમાં મને વહાવી દીધો... ©RjSunitkumar prem
prem
read moreParasram Arora
White धर्म! आखिर ये धर्म है क्या? मैंने तो सिर्फ जीवन को ही जाना है जीवन के अलावा मैंने किसी को नहीं जाना है. और मेरी दृष्टि मे जीवन का अर्थ है. खेत हल कुवा और लहल्हाती फसल जीवन का अर्थ है पत्नी बच्चे और सुखद सफल दाम्पत्य ©Parasram Arora आखिर ये धर्म है क्या?
आखिर ये धर्म है क्या?
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
प्रेम क्या है..? मन की व्यथा जब कहनी ना पड़े, तन की पीड़ा जब बतानी ना पड़े, आँसू गिरे तो किसी की हथेली नर्म कर दे, निगाहें उठे तो गुस्सा शांत कर दे, मन जब उस मुकाम पर किसी के कंधे पर सर रख कर मुस्कुराए और आँखें भीग जाए, वो एहसास वो मुकाम प्रेम है..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay #Nojoto
प्रेम क्या है?? #matangiupadhyay
read moreनवनीत ठाकुर
वो शौक, वो जोश, वो किस्से पुराने, सब दब गए हैं वक्त के तहखाने में। अब तो जाम भी लगता है बेअसर सा, ना वो तासीर है, ना वो दीवाने में। मस्ती थी कभी खुद को भुलाने में, अब ग़म छुपते हैं हंसने के बहाने में। खुशबू थी कभी हर बहार के तराने में, अब वो यादें भी उलझीं हैं अफसाने में। जिंदगी के रंग अब स्याह लगने लगे, जैसे खुशियां कहीं खो गईं इस ज़माने में। सवाल हजारों हैं दिल के आईने में, बस धुंधली तस्वीर सी फसाने में। गुज़री हुई बातों की सदा आती है, जैसे कोई पुकार हो वीराने में। जो मिल ना सके, वो याद बहुत आते हैं, ना जाने क्या जादू है बेगाने में। ©नवनीत ठाकुर ना क्या जादू है बेगाने में
ना क्या जादू है बेगाने में
read more