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दिनेश कुशभुवनपुरी

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Ankit Raj

क्या लिखू,,!? (02/02) #क्या_लिखूँ

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#क्या_लिखूँ,,!?         (02/02)

वो तेरा रूठ जाना लिखूँ,,
या मेरा तुझे मनाना लिखूँ,,
या लिखूँ गुस्से में दौनो के बीच दूरिया बढ जाना,,
तू ही बता 'वापस नही होगा एसा' उन वादो को कैसे लिखूँ!!

वो मिलने के लिये बस मे घंटो जागना लिखूँ,,
या वो तेरे संग खींचे सारे फोटो को लिखूँ, 
या लिखूँ मिलने के लिए पुरा दिन कम पड जाना,,
तू ही बता हँसते हुए तेरा आना और उदास वापस जाना कैसे लिखूँ!!

जाने कब से शुरु हुई तुझे पाने की तलाश को लिखूँ,,
या बचपन में हुई अपनी वो जान पहचान को लिखूँ,,
या लिखूँ तेरा ये सब जानकर भी अनजान बने रहना,,
तू ही बता कई जन्मो से तेरे संग होने वाले एहसास को कैसे लिखूँ!!

मेरा प्यार कैसे लिखूँ   ,  तेरा प्यार कैसे लिखूँ,,
तू ही बता क्या लिखू कैसे लिखूँ,तेरे बिना मैं कैसे लिखूँ!!

THE END
 क्या लिखू,,!? (02/02)

Ankit Raj

क्या लिखूँ,,!? #क्या_लिखूँ #to_b_cont

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#क्या_लिखूँ,,!?

तेरे बारे मैं क्या पढूं ?! , तेरे बारे में क्या लिखूँ ?!

तूम कहती हो मैं तुम्हारे बारे में कुछ लिखता नहीं,,
तुम्हे तुम्हीं से रुबरू कराने के शब्द मुझे मिलते नहीं,,
तेरी खुबसूरती के सामने शायरी गज़ल टिकती नहीं,,
तू ही बता उन सारे सपनों के बारे में कैसे लिखूँ!!

वो अपनी पहली चैटींग के मैसजस लिखूँ,,
या पहली दफा बात करते हुए तेरा रो देना लिखूँ,,
या लिखूँ वो रब से तुझे मांगने की सारी दुआएं,,
तू ही बता वो दिल का तेज़ धड़कना मैं कैसे लिखूँ!!

वो पहली बार मिलने का इन्तजार लिखूँ,,
या सामना किया तेरा तब हुआ वो डर लिखूँ,,
या लिखूँ वो सड़क पार करते वक्त थामा हाथ,,
तू ही बता वो सपने पुरे होने की आहट को कैसे लिखूँ!!

वो साथ रहने के ख्वाब को लिखूँ,,
या वापस मिलने की ख्वाहिश को लिखूँ,,
या लिखूँ वो रात 11 से सुबह 7 बजे तक की बातो को,,
तू ही बता उन लम्हो को वापस लाने की तरकीब कैसे लिखूँ!!

(01/02)                         #to_b_cont, क्या लिखूँ,,!?

Aurv Vishal

लिखुँ तो क्या लिखुँ इन फूलों पर
मेरी कलम तो काँटों पे चलने की आदी है

©Aurv Vishal #क्या_लिखूँ 
#काँटों_की_कलम
#और्वविशाल

Ashish Ke Alfaaz

#क्या_लिखूँ #phonecall 🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸 क्या लिखूँ बचपन की यादें लिखूं

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क्या लिखूँ 

बचपन की यादें लिखूं
या चढ़ती जवानी लिखूं
थोड़ी-थोड़ी शरारतें लिखूं
या मन की हसरतें लिखूं
माँ की ममता लिखूं या पिता का प्यार लिखूं
बहते पानी की कल-कल लिखूं 
या जिन्दगी के खूबसूरत पल लिखूं , क्या लिखूं ?

शिल्पकार की बनावट लिखूं
या चिड़िया की चहचहाहट लिखूं
लिखूं बारिश की बूंदें
या पहाड़ों में गूँजती आवाज़ लिखूं
नदियों का बहना लिखूं या नारी का गहना लिखूं
बादल की गड़गड़ाहट लिखूं 
या भीगे बदन की घबराहट लिखूं , क्या लिखूं ?

नई कलियों का खिलना लिखूं
या किसान का धूप में जलना लिखूं
लिखूं प्रेम का संगीत कोई
या वीर का अभिमान लिखूं
पूरब की हरियाली लिखूं या पश्चिम की उड़ती धूल लिखूं
उत्तर का हिमालय लिखूं या दक्षिण का सागर लिखूं , क्या लिखूं?

दिल में बसा कोई सपना लिखूं
या प्यारा कोई अपना लिखूं
मन की मायूसी लिखूं
या आलस की उबासी लिखूं
लिखूं हौंसले की उड़ान कोई या परिंदे की पहचान लिखूं
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?

©Ashish Pratap Singh #क्या_लिखूँ 
#phonecall 

🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸🌺🌸

         क्या लिखूँ 

बचपन की यादें लिखूं

Poetess_sonikatanwar

क्या लिखूँ क्या लिखूँ,
देश तुम्हारा हाल
सत्ता के चक्कर में हो रहा हलाल।
नेता जिनकी आंखे बंद है
इन्सानियत जिनको देख सतब्ध है।
रोती बिलखती दुनिया सारी
कब कटेगा संकट भारी।
सर्वोपरि हो जिनको रैली
         कौन सुलझाए भयानक पहेली...???

©Poetess Sonika #PoetInYou  #क्या_लिखूँ #poetess_sonika_tanwar_svra #poemkiduniya #nojotonews #nojotohindi  #nojotoenglish

Chauhan Chirag

क्या लिखूँ  जो भी लिखता हूँ दिल की कलम से लिखता हूँ,
स्याही खून की है, जज़्बात अदब से लिखता हूँ,
 जिसने धोखा दिया, जिसने पीठ पर वार किया,
मैं बारे में रकीबों के भी, रहम से लिखता हूँ ।।

©Chauhan Chirag #क्या_लिखूँ
#PoetInYou

vishwas

क्या लिखूँ क्या लिखूँ मैं
क्या न लिखूँ मैं
जिंदगी के कुछ पल
इस तरह से
बस रचूं मैं
दूसरा भी समझें
खुद भी समझूँ
दर्द दिलों में
छुपा लूँ मैं
मुस्कुराहटों में
इस तरह से
थोड़ा महकूँ मैं।

©vishwas #मेरे_शब्दांश 
#क्या_लिखूँ 
#PoetInYou

एस पी "हुड्डन"

क्या लिखूँ अपनी  इस  अधूरी  सी  मुहब्बत   पर  क्या लिखूँ?
छूट न सकी जो  कभी  उस आदत पर क्या लिखूँ?
तुम्हें  पाने  की तमन्ना है; तुम्हीं को भुलाने की ज़िद,
है  ये  कैसी चाहत? मैं इस  चाहत पर  क्या लिखूँ?
मुझको करीब ले आए  तुम; मुझसे  दूर  भी हो गए,
बेबसी सी है; मैं  तुम्हारी  हरकत  पर  क्या  लिखूँ?
सोचता  हूं  आँखें मूंद के खुदा को याद करूं मगर!
दिखाई  तुम्ही दो, तो  ऐसी इबादत पर क्या लिखूँ?
घंटों  गेसुओं  को  संवारना, मुझे नज़रंदाज़ करना!
बात  फुर्सत  की! तो  फिर  फुर्सत पर क्या लिखूँ?
आँखें भर सी आती  है; दिल शोलों जैसा जलता है,
ये मुहब्बत  ही  ऐसी है, तो  नफ़रत  पर क्या लिखूँ?

©एस पी "हुड्डन" #क्या_लिखूँ

#PoetInYou

haneefshikohabadi | ~हनीफ़ शिकोहाबादी

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