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Mubarak
Unsplash मै ने अक्सर औरतो को देखा है की उन को घर मिलता है नसिब से और घर बस्ता है उनके जुबान से? ©Mubarak #lovelife मैंने अक्सर औरतों को देखा है की उन को घर मिलता हैं नसीब से और घर बस्ती है उनके जुबान से 🏠🏡 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
#lovelife मैंने अक्सर औरतों को देखा है की उन को घर मिलता हैं नसीब से और घर बस्ती है उनके जुबान से 🏠🏡 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स'
read moreNsjsbaro
White घर के बाहर दिमाग लेकर जाओ ख्यींकि दुनिया एक बाजार है,औय घर के अन्दर सेर्प दिल लेकर जाओ ख्यींकि यहां एक परिवार है ©Nsjsbaro #घर के बाहार
#घर के बाहार
read moreRadhe Radhe
तुम पापा जैसे ध्यान तो रखोगे ना तुम मां जैसे प्यार तो करोगे ना तुम भाई की तरह रक्षक तो बनोगे ना क्योंकि सब कुछ छोड़ के आ रही मेरे घर जैसा प्रेम तुम मुझे करोगे ना जय श्री राधे ©Radhe Radhe घर के जैसे प्रेम
घर के जैसे प्रेम
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White घर के कोने कोने में ,मोबाइल सब पर हावी है, न ही अंकुश रहा किसी पर,और न कोई चाभी है। शर्म हया की बात न करिये,आधुनिकता यूं आई है, बेटे संग रोमांस दिखाकर मम्मी रील बनाई है। कांट्रैक्ट में बंधे दिख रहे सम्बन्धों के तार, घरवालों में खत्म हो रहा अपनापन और प्यार, बचा लो अपना अब परिवार-2 ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night घर
#good_night घर
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White प्यार में जीना और मर जाना है, जग में रंग प्रेम का भर जाना है। निकले हैं 'उजाला' हम कमाने को, लौट कर फिर हमें तो घर जाना है। ©अनिल कसेर "उजाला" घर जाना है।
घर जाना है।
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी प्यार के काबिल थे हम घरौंदा अपना सजाना था परवरिश देकर परिवारों को संस्कारो और ममता का दायरा बढ़ाना था मगर जमाने ने नारी को बरगला रखा है खुद के बजूद की दुहाई देकर शोषण का बाजार सजा रखा है टूट रही है बुनियाद परिवारों की सन्तति अमर्यादित हो रही है भोगवाद की भेंट चढ़ाकर दायरे सब सिमट रहे है माँ बहन बेटी सब कमाने निकल गये अजायबघर जैसे घर हो गये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #library अजायबघर जैसे घर हो गये
#library अजायबघर जैसे घर हो गये
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल न बस में अगर हो तो मैं क्या करूँ.. सामने तेरा घर हो तो मैं क्या करूँ.. ©F M POETRY #सामने तेरा घर...
#सामने तेरा घर...
read moreSatish Kumar Meena
जिनके घर शीशे के होते हैं जिनके घर शीशे के होते हैं उनके दिल भी शीशे के ही होते हैं जो छोटे से कंकर की आवाज से ही चटक जाया करते हैं। ©Satish Kumar Meena जिनके घर शीशे के
जिनके घर शीशे के
read moreनवनीत ठाकुर
White त्रिशूल की धार, जटा में गंगा, भस्म का तन, शिव का रंगा। काल भी जिनके आगे सिर झुकाले, शिव के बिना कौन सृष्टि संभाले। माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष। कैलाश का वासी, सबके सहारे, शिव के बिना सब जगत अंधकारे। गले में सर्प, हाथों में त्रिशूल, शिव की भक्ति से कट जाए हर भूल। महाकाल का जिनको मिले सहारा, भक्त का जीवन खिले सारा। भांग-धतूरा चढ़े जिनके सिर, ध्यान मात्र से उनके मिट जाए भय, शिव की महिमा अपार और स्थिर। ©नवनीत ठाकुर #ध्यान मात्र से उनके मिट जाए सारे भय
#ध्यान मात्र से उनके मिट जाए सारे भय
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