Find the Latest Status about यूटोपिया के लेखक थे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, यूटोपिया के लेखक थे.
SK Singhania
White कौन करता है वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे,,,,,?? हम तो एक झूठी तसल्ली के तलबगार थे बस !,,,,,,!!! #Skg ©SK Singhania #sad_quotes कौन करता है वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे,,,,,?? हम तो एक झूठी तसल्ली के तलबगार थे बस !,,,,,,!!! #SKG
#sad_quotes कौन करता है वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे,,,,,?? हम तो एक झूठी तसल्ली के तलबगार थे बस !,,,,,,!!! #SKG #शायरी
read morePФФJД ЦDΞSHI
अंतरमनन मे बहुत सवाल हैं ज़िन्दगी निहाल हैं कैसे सुलझाए समस्याओ क़ो कई लोगो का जीवन दुश्वार हैं, as a writer लिख कर अपनी वेदना प्रकट करती हूँ पर मेरे पास भी इसका कोई जवाब नहीं कि कैसे सब का हल निकालू, क्या लोग समझे गे एक दूसरे की तकलीफ क़ो कि लड़ते ही रहेगे आपस मे धन दौलत प्यार शोहरत के लिए, अपने अंदर ही सब के यूद्ध चल रहा बाहर महाभारत तो मन कहाँ से शांत होगा, जल्द ही इसका कोई उपाय सोचना पड़ेगा???? ©PФФJД ЦDΞSHI #अंतरमनन #मन #लेखक
PФФJД ЦDΞSHI
White हर बार different करो.... लेखक हो कलाकार हो, reels बनाते हो,एक जैसा देख कर पढ़ कर लोग bore होते हैं, इस्लिये कहा,जिनको पसंद नहीं करते उन्हें like मत करो सही देखो सही करो, जो गलत हैं उनको देख कर like कर बढ़ावा मत दो, इंटरनेट से गन्दगी साफ करनी हैं तो कला दिखाओ जिस्म नहीं, ये गन्दी reels बनाने वाली लड़कियों औरतो पर comment हैं पुरुष भी non veg types reels बनाते हैं और लड़कियां बन उनका मजाक उडाते हैं कैसे पुरष हो यार,, clean aap clean dirty things in mind ✌🏻 ©PФФJД ЦDΞSHI #Reels #लेखक #कलाकार
healthdoj
@healthdoj ©healthdoj जब पानी के लिए मिट्टी के घड़े थे, तब हम बीमारी से...? #trending #viral #fbpost #health #Healthy
Dev Rishi
ताज की महक तुम हो ये लिबास पहनी क्या तुम हो वो कौन थे समाज के चंद लोगों में शामिल मज़ाक हर जात का उड़ा रहे थे क्या तुम थे..? ©Dev Rishi #तुम थे
#तुम थे
read moreBolte Alfaaz
हम थे की प्यार के लिए तरसते रहे तुम थे की हर किसी पर बरसते रहे ! #BolteAlfaaz #SAD
read moreBhanwar Panwar
Black चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे… ©Bhanwar Panwar चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे…
चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे… #शायरी
read moreGurudeen Verma
शीर्षक- और तो क्या ? --------------------------------------------------------- खास तुम भी होते साथ में, या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में, और तो क्या ? यह खुशी दुगनी नहीं होती। ये दिन सुकून से गुजर जाते, मगर इस शक की दीवार को तो, तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी, और अपने अहम को भी, छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी। और तो क्या ? लोगों नहीं मिल जाता अवसर, कहानियां नई गढ़ने का, वहम को और बढ़ाने को, लेकिन इसमें हार तो, हम दोनों की ही होती, लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है, मेरे हारने का कोई गम। मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता, मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ , भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ , फिर भी मिल जाये कुछ खुशी, आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए, जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक, और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली, और तो क्या ? हंस लेता मैं भी--------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लेखक
Shubhro K
#nothingtolose गिला नहीं के उन्होंने हमारे सीने में नश्तर चुभाये थे, हम तो उनपे फ़िदा होने के इरादे से ही क़रीब आये थे! अफ़सोस तो है के #शायरी
read more