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Ragini sharma
स्त्री और पुरुष एक दूसरे की पूरक है वह एक दूसरे के कमी को पूरा करते हैं और एक दूसरे का सहारा बनते हैं एक दूसरे को कठिन परिस्थिति में संभालते हैं स्त्री पुरुष को भावनात्मक रूप से सहारा प्रदान करती है और पुरुष स्त्री को संरक्षण प्रदान करता है समाज में स्त्री पुरुष एक दूसरे को भावनात्मक रूप से परिपूर्ण करते हैं पर वहीं पुरुष स्त्री को मजबूत बनाने में सहायता प्रदान करता है अगर स्त्री पुरुषों की भांति व्यवहार करने लगे अपना संरक्षण खुद करने लगे तो क्या उसे किसी पुरुष की आवश्यकता होगी बिल्कुल भी नहीं और यह दोनों पूरक एक दूसरे का शोषण नहीं करते। प्रकृति के बनाए गए नियमों को वैसे ही रहने दीजिए जैसे हैं इन्हें एक दूसरे का पूरक रहने दीजिए। ©Ragini sharma #relaxation #प्रकृति के भी कुछ नियम है
BANDHETIYA OFFICIAL
White मैं अब मतदान को हल्के में नहीं लेता, तू ले तो ले चुनाव हल्के में। तेरे पास है दांव -पेंच , मैं तो निरीह, हार लूं पचा हल्के -फुल्के में । जब है मौका तो गंवाऊं न कर नजरंदाज, लड़के देखूं तो किस्मत जो मानूं, उससे ही, जोर शोर हो तहलके में। आजतक बात थी कुछ ओहदे की, आदमी की, आदम ही मानता था मैं आदमजात, आदमकद में थी महक,वो खुशमहकमे में। ©BANDHETIYA OFFICIAL #मेरा मत दान करूं।
Ghumnam Gautam
काम यूँ ही महान करना है कैमरे ही पे ध्यान करना है पास मेरे है बॉण्ड-इलेक्टोरल बोलो किस-किस को दान करना है? ©Ghumnam Gautam #Emotional_Shayari #ghumnamgautam #दान #पास #ध्यान
dev mishra
White मत दान जरूर करे आपके एक मत से देश हित के लिए बहुत अच्छा होगा ©dev mishra मत दान #election_2024 abhi mishra
Ghumnam Gautam
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. हर्ष अपना दान करते जाइए पीड़ का गुणगान करते जाइए विश्व क्या है!आप क्या हैं!भूलकर मौन रह, प्रस्थान करते जाइए ©Ghumnam Gautam #हर्ष #दान #पीड़ #मौन #ghumnamgautam
ANOOP PANDEY
पत्र तुमको लिखा यह खता थी मेरी तुम जो समझे नहीँ वो वफा थी मेरी रात को जागकर मैंने उसको लिखा नीर- नयनों में भरकर उसको है रचा उसने अक्षर नहीँ मेरे अहसास थे जिन्हें समझे ना तुम वो ख्यालात थे तुमको सबही है यारा ओ झूठा लगा कौन कितना है टूटा ये भी ना दिखा आज आती हँसी तेरी हर सोच पर तूने जो भी किया उस हसीं खेल पर मैंने जैसा था सोचा तू वैसा ना मिला साथ रहकर मेरे ही तू दगा कर गया क्या कहूँ मैं सनम उस अजब खेल पे जिसमें खंजर अनौखा मुझी पे चला दर्द को सह गया मैंने उफ्फ भी न की ना ही आँसू बहाए ना मिन्नत ही की तू मेरी थी चाहत बस इतना हीं सुन ना मैं हर्गिज कहूँ कि मुझॆ ही तू चुन मैं वफा ,इश्क, यारा और अहसास हूँ जिस तलक तू न पहुंचे वो ख्वाब हूँ दिल यह अपना हवाले अब कान्हा के उनको चरणों में रहता मैं इक दास हूँ ©ANOOP PANDEY #पत्र💚
ਸੀਰਿਯਸ jatt
Divuu.writes
हमें मोहब्बत तो अब तभी होगी गालिब जब ज़माना प्रेम पत्र वाला लौटेगा ©Divuu.writes #wholegrain प्रेम पत्र