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Rj Kant krishn kant
Vishnu Bhagwan भास ? भास से भाषा, भाषा से विचार, विचारो से चिंतन, और चिंतन में सिर्फ कलिकाल। राधा राधा ©Rj Kant krishn kant स्वाध्याय
YumRaaj ( MB जटाधारी )
**यदि कश्चित् कथमपि अन्यस्य विषये अत्यन्तं उत्साहितः, प्रसन्नः, क्रुद्धः, दुःखितः वा भवति । अतः तस्य वा केनचित् कारणेन तस्मिन् व्यक्तिना क्रुद्धः, यदि च सुखी तदा केनचित् प्रकारेण वा, तदेव तस्य सुखस्य कारणं, यदि सः भावविक्षिप्तः अस्ति तर्हि सः अपि क्रुद्धः भवति, यदि च सः is sad then it is due to कारणं तस्य व्यक्तिस्य प्रति अत्यन्तं आसक्तिः। तथा च आसक्तिः आसक्तिः वा कस्यचित् व्यक्तिस्य दुःखस्य मूलकारणं भवति!** ©YumRaaj YumPuri Wala #Dhund #स्वाध्याय
kanchan Yadav
।। अन्न।। कीमती अन्न का एक-एक दाना करते बर्बाद हम जो ये खाना बाहर निकले तो जाना तरस रहे कितने ना उनकी थाली में खाना करते बर्बाद हम जो ये खाना मेहमान नवाजी के बहाने भांति भांति के पकवान पकाना शादियों में अक्सर देखा होता न जाने कितना बर्बाद खाना कीमती अन्न का एक-एक दाना स्वयं सोचो स्वयं सुधारो कीमत अन्न कि अब पहचानो ना अन्न का अनादर ना ही अन्न बहाना है करते बर्बाद हम जो ये खाना है हर घर पहुंचे भोजन श्रम पसीने का अफसाना है यूं ही ना आया खाना थाली में पडा ऋण किसानों को चुकाना है कीमती अन्न का एक एक दाना है एक बात हमने समझी आप सब को समझाना है यूं ही जो करते रहे बर्बाद जल्द ही फिर पछताना है कीमती अन्न का एक-एक दाना है स्वयं संकल्प ले और बच्चों को समझाना जितनी भूख उतना ही लेना थाली में खाना कीमती अन्य का एक-एक दाना धारा से उपजा प्रकृति ने सींचा किसानों ने पाला पोसा है बहुमूल्य बड़ा ये खजाना है किमती अन्न का एक-एक दाना करते बर्बाद हम जो। ये खाना है ©kanchan Yadav #अन्न
Sangam Ki Sargam
अन्न का हर एक दाना है वरदान अन्न को सनातन धर्म में सबसे उच्च स्थान दिया गया है। फिर भी मैं अपनी आँखों से ऐसे लोगों को देखती हूँ जो सब्जियों को या रोटियों को यूं ही नाली में फ़ेंकदेते हैं क्योंकि वे सुबह का शाम और शाम का सुबह नहीं खाते। अगर मैं अपने घर पर अपना खाना भी एकदम खत्म करके प्लेट धोने को रखती हूँ तब भी लोग कहते हैं इतना भी क्या खाती हो पूरा ही साफ करदेती हो। मैं बस इतना जानती हूँ अन्न मेरे लिए माँ अन्नपूर्णा का वरदान है जिसे मेरी माँ ने पसीने पसीने होकर पकाया है, मैं दोनों माँ का अपमान नहीं कर सकती। अन्न मेरे लिए पूजनीय है। अन्न खाने में शर्म न करे सूखी रोटी है तब भी उसे शर्म करके न खाए। और बर्बाद बिल्कुल न करें। ©Sangam Ki Sargam #अन्न #FoodSafety
Writer Chatra Ram
अन्न का हर एक दाना है वरदान अन्न का हर दाना हैं वरदान इसे ना करो तुमको बेकार हो कोई भूखा करो उसका सम्मान ना हो कोई दाना बेकार।। ©Writer Chatra Ram ना करो अन्न को बेकार #FoodSafety #फूड #अन्न