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Anmol Tripathi
जो रोशनी में खड़े हैं वो जानते ही नहीं । हवा चले तो चरागों की जिंदगी क्या है ।। ©Anmol Tripathi 👇🏻☝️👇🏻👇🏻शीशे सा बदन लेकर यूँ निकला ना करो राहों में, पत्थर से छुपे होते हैं यहाँ लोगों की निगाहों में ।
Komal Tanwar
अब क्या नुमाइश करें हम अपने नज़रिए की, हमने तो सूरज में चांद को पिघलते देखा है।। धूप में निकला ना करो रूप की रानी 💕💕 #yadidi #yqbaba #bestyqhindiquotes #shayari #love #tpmd #yqlove #hindi YourQuote Baba YourQuote Didi Be
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat निकले घर से कुछ घेरे थे अरमान वहीं लेकर निकला, ना निकला बस दम ये सोच कर निकला, फ़िज़ूल लोगों की आंखों में हर दम भर के आंसू ही निकला, ना निकला वो कल जो आज तक किसी कोने में पड़ा मिला। #lifequotes #zindagi #realityoflife #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat निकले घर से कुछ घेरे थे अरमान वहीं लेकर निक
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat जुल्फें यूं उड़ी पेशानी से एक कतरा ना बाक़ी बचा बाज़ी लगाने से ना लफ़्ज़ निकला ना आंखे झुकी वहीं से ना दिल मिले ना हाथ थामे ना कसमें बाक़ी वहीं से बाक़ी नहीं बाक़ी नहीं कहीं से बातों में बात क्या इलज़ाम वहीं से #lifequotes #zindagi #words #yqbaba #yqdidi #yqsahitya Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat जुल्फें यूं उड़ी पेशानी से एक कतरा ना बाक़ी बचा ब
AJAY NAYAK
देखो, दो की लड़ाई में तीसरा ले निकला ना ख़ुद हुए, ना ही अपनो को होने दिया! –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK देखो, दो की लड़ाई में तीसरा ले निकला ना ख़ुद हुए, ना ही अपनो को होने दिया! –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ Ashutosh Mishra Ritu Tyagi Anshu writer Shilp
Anmol Singh
ना खून निकला, ना ज़ख़्म हुआ, पर दर्द सहा ना गया.... वो चलते फिरते, वार कर गए, हम से कुछ कहा ना गया.... वार भी ऐसा था, जो हमेशा हरा ही रेहता है, रोती नहीं आंखे, मन भरा ही रेहता है... कभी कभी लगती ये जेसे एक बीमारी है, मुझे ऊपर भुलाने की चल रही तैयारी है... भीतर मची है हलचल, ये हलचल बड़ी प्यारी है, लक्षण है इसके बेवजह हंसना और मुस्कुराना, बच के रहना लाइलाज है, तुम ना फस जाना.. #One_sided_love ना खून निकला, ना ज़ख़्म हुआ, पर दर्द सहा ना गया.... वो चलते फिरते, वार कर गए, हम से कुछ कहा ना गया.... वार भी ऐसा था, जो हम
Tammar Naqvi Rizwan
دل جانتا ہے کیسے مرے دل میں تو رہی اب آرزو رہی نہ کوئی جستجو رہی کاٹی ہے میں نے جاگ کے کیسے تمام شب کیسے کہوں جو تیرگی تھی چار سو رہی پھرتا رہا میں مدّتوں سہرا میں در بہ در اک روز تھک گیا میں نہ تاب نمو رہی کیا ہجر تھا کے شور خموشی تھا رات بھر نیند آتی کیسے صبح تلک ہاؤ ہو رہی تھی آس بھی خدا سے جو دامن تھا تار تار لیکن تمام عمر امید رفو رہی نکلا نہ ایک حرف مرے لب خموش تھے جب تک وہ مہ جبین مرے رو بہ رو رہی رضوان ایک اشک بھی نکلا نہ آنکھ سے یعنی نماز عشق تیری بے وضو رہی رضوان حیدر दिल जानता है कैसे मिरे दिल में तू रही अब आरज़ू रही ना कोई जुस्तजू रही دل جانتا ہے کیسے مرے دل میں تو رہی اب آرزو رہی نہ کوئی جستجو رہی काटी
Ankit Mayank
"सालों बाद मिले हो कहीं भूल तो नहीं गए" "नहीं तो" अब उसे क्या बताये आज भी दुआ में पहला नाम उसका ही आता है... (👇Caption 👇) कितने सालो के बाद, आज आई है वो नज़र, सालों पुराना फ़साना, आँखों के सामने से गया गुज़र। टूट कर चाहा था जिसे, ना थी उसको मेरी कदर, ना जाने मेरे