Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पाटा वरवंटा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पाटा वरवंटा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पाटा वरवंटा.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Dinesh karale

साब को पाटा होणा चाहिये #शिक्षण

read more
mute video

रजनीश "स्वच्छंद"

किस्से अनगिन मैं गढ़ता हूँ। कहानी एक सुनाने को, किस्से अनगिन मैं गढ़ता हूँ। दुख की बदली, आंखों का नीर, बन मीन मैं पढ़ता हूँ। सबल-निर्बल की चौ #Poetry #kavita

read more
किस्से अनगिन मैं गढ़ता हूँ।

कहानी एक सुनाने को, किस्से अनगिन मैं गढ़ता हूँ।
दुख की बदली, आंखों का नीर, बन मीन मैं पढ़ता हूँ।

सबल-निर्बल की चौड़ी खाई ले शब्द मैं पाटा करता हूँ,
आंसू जो हैं भाप बने, आंसू आंखों से छीन मैं लड़ता हूँ।

सुंदर स्वप्न पे हक सबका, जागीरदार बचा है कोई नहीं,
उनके हक की ही ख़ातिर, प्रयत्न हो दीन मैं करता हूँ।

प्रेम का धागा उलझा कहाँ है, मनुज मनुज भेद है क्यूँ,
धागा स्वेत और ले कुरुसिया, सुंदर दिन मैं कढ़ता हूँ।

धरा जो सबकी जननी है, धरा पे सबका हक तो हो,
स्वम्बू से कर शीतल सबको, बंजर जमीन मैं तरता हूँ।

पेट पीठ चिपके थे, फुटपाथों पर सोया भविष्य मिला,
मज़हब मेरा कोई नहीं, फिर क्यूँ हो हींन मैं गड़ता हूँ।

तुम सबल हुए महलों में रहे भौतिकता से लबरेज़,
देख विषमता दुनिया की, ले आत्मा मलीन मैं बढ़ता हूँ।

©रजनीश "स्वछंद" किस्से अनगिन मैं गढ़ता हूँ।

कहानी एक सुनाने को, किस्से अनगिन मैं गढ़ता हूँ।
दुख की बदली, आंखों का नीर, बन मीन मैं पढ़ता हूँ।

सबल-निर्बल की चौ

रजनीश "स्वच्छंद"

विरोधाभास।। मैं मर्त्यलोक का वासी हूँ, जीवन की बात सुनाता हूँ। क्षणभंगुर, अनन्त नहीं, बस मन की बात सुनाता हूँ। क्षुधा निवाला मेरी कहानी, ह

read more
विरोधाभास।।

मैं मर्त्यलोक का वासी हूँ, जीवन की बात सुनाता हूँ।
क्षणभंगुर, अनन्त नहीं, बस मन की बात सुनाता हूँ।

क्षुधा निवाला मेरी कहानी, हर भूखा एक नायक है।
शब्दबाण लेखन में भर, जन जन की बात सुनाता हूँ।

धरा जो उसकी जननी है, एक हिस्सा उसका भी हो,
एक टुकड़े की नहीं, मैं कण कण की बात सुनाता हूँ।

जिन हाथों ये महल बने, भौतिकता का आधार रहे।
उनके कष्ट-आंसू और उनके क्रंदन की बात सुनाता हूँ।

इस भोग-विलासी दुनिया के आधार रहे जो रक्त-कण,
सूखी उनकी जमीं और उनके गगन की बात सुनाता हूँ।

रौंदे गए जो कुसुम-कली, पतझड़ का सालों मौसम है,
बंजर धरा में पसरे-पले उस उपवन की बात सुनाता हूँ।

भोग लगाया ईश्वर को, मज़ारों को चादर से पाटा है,
पीठ से चिपके पेट और निर्वस्त्र तन की बात सुनाता हूँ।

कुछ बासन्ती अंधे ऐसे जिनको पतझड़ का भास नहीं,
उनको उनकी ही बस्ती की रुदन की बात सुनाता हूँ।

आर्त्तनाद से गूंजी धरती, कानो में तेल डाल जो सोये थे,
ले लेखनी भर स्याही, हक-गर्जन की बात सुनाता हूँ।

©रजनीश "स्वछंद" विरोधाभास।।

मैं मर्त्यलोक का वासी हूँ, जीवन की बात सुनाता हूँ।
क्षणभंगुर, अनन्त नहीं, बस मन की बात सुनाता हूँ।

क्षुधा निवाला मेरी कहानी, ह

sandy

परवा गल्लीतून जात होते. साठीतील एक आजीबाई त्यांच्या नातवंडांत रमल्या होत्या. चार-पाच वर्षांची गोजिरवाणी मुले त्यांच्या अवतीभवती बसलेली. कोणी #story #nojotophoto

read more
 परवा गल्लीतून जात होते. साठीतील एक आजीबाई त्यांच्या नातवंडांत रमल्या होत्या. चार-पाच वर्षांची गोजिरवाणी मुले त्यांच्या अवतीभवती बसलेली. कोणी
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile