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Stories related to moral values quotes for kids

Kanika Lakhara

#library # human beingEthics# moral# values# life lesson

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Unsplash "How you Treat people " shows what kind of human being you are.it creates your own legacy.

©Kanika Lakhara #library # human being#Ethics# moral# values# life lesson

Kishma

Good morning wpoetry for kids

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Pooja

#moral story

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सपनों का सच

राजू एक छोटा सा लड़का था, जो एक छोटे से गाँव में रहता था। वह हमेशा अपने सपनों के बारे में सोचता रहता था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा, जैसे उसके गाँव के कुछ लोग जो शहर में काम करते थे। राजू के पास कोई खास संसाधन नहीं था, लेकिन उसकी मेहनत और लगन उसे कभी भी निराश नहीं करती थी।

एक दिन राजू ने गाँव के स्कूल के पास एक पोस्टर देखा। पोस्टर में लिखा था, "जो भी मेहनत करेगा, उसे मिलेगा उसका वांछित सपना।" यह पढ़कर राजू के मन में नई उम्मीद जागी। उसने ठान लिया कि वह भी कुछ बड़ा करेगा।

राजू ने अपनी पढ़ाई में पूरी तरह से ध्यान लगाना शुरू किया। वह दिन-रात मेहनत करता, कभी भी थकता नहीं था। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाते थे, लेकिन वह अपनी राह पर चलता रहा।

एक दिन, गाँव के स्कूल में एक बड़ा परीक्षा हुआ। राजू ने पूरी मेहनत से तैयारी की थी। जब परिणाम आया, तो राजू का नाम सबसे ऊपर था। अब वह गाँव का सबसे अच्छा छात्र बन चुका था। उसके बाद, उसने शहर में अच्छे स्कूल में दाखिला लिया और फिर धीरे-धीरे वह एक बड़ा डॉक्टर बन गया।

राजू का सपना सच हो गया, क्योंकि उसने कभी हार नहीं मानी थी और अपनी मेहनत से उसे प्राप्त किया था। उसकी कहानी अब गाँव के बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई।

समाप्त

©Pooja #Moral story

Pooja

#moral story

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White एक छोटे से गाँव की कहानी

यह कहानी एक छोटे से गाँव के एक छोटे से लड़के की है, जिसका नाम मोहन था। मोहन गरीब था, लेकिन उसमें एक विशेष गुण था – वह कभी हार नहीं मानता था। गाँव में सभी लोग जानते थे कि मोहन मेहनत करता था और हमेशा दूसरों की मदद करता था।

एक दिन गाँव में एक बड़ा मेले का आयोजन हुआ। वहाँ एक दौड़ प्रतियोगिता भी रखी गई, जिसमें पहले स्थान पर आने वाले को एक बड़ा इनाम मिलने वाला था। मोहन ने भी प्रतियोगिता में भाग लेने का मन बनाया, लेकिन उसकी गरीबी और छोटे शरीर को देखकर लोग उसका मजाक उड़ाने लगे।

वह दौड़ में भाग लेने के लिए तैयार हुआ। जैसे ही दौड़ शुरू हुई, मोहन पीछे रह गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसकी आँखों में सिर्फ जीतने का सपना था। बाकी सभी लड़के दौड़ते हुए आगे निकल गए, लेकिन मोहन ने धीरे-धीरे, बिना रुके, अपनी पूरी मेहनत से दौड़ना जारी रखा।

आखिरकार, जब बाकी सब लड़के थककर रुक गए, मोहन ने उन्हें पछाड़ते हुए पहले स्थान पर आकर जीत हासिल की। सभी गाँववाले हैरान रह गए। मोहन ने साबित कर दिया कि मेहनत और ईमानदारी से की गई कोशिश कभी बेकार नहीं जाती।

उस दिन के बाद से, मोहन का नाम गाँव में आदर्श बन गया। लोग अब उसे एक प्रेरणा मानने लगे, और उन्होंने सीखा कि किसी भी काम में सफलता पाने के लिए दृढ़ नायक बनने की ज़रूरत होती है, न कि सिर्फ शुरुआत में ताकतवर दिखने की।

©Pooja #Moral story

Vyom

#love_shayari life quotes thoughts about love failure life quotes in hindi quotes loves quotes poetry for kids

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White  कदर करने वालो की कदर नी, इस दुनिया में
 जो कदर नी करता उनकी कदर है, इस दुनिया में
 अब बात इतनी सी है
 हमारा होना वजह है,
 या हम बेवज़ह है, इस दुनिया में

©sad boy chandan #love_shayari  life quotes thoughts about love failure life quotes in hindi quotes loves quotes  poetry for kids

Pooja

#moral story

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White सच्ची मित्रता

एक छोटे से गाँव में दो अच्छे दोस्त रहते थे, अर्जुन और विजय। दोनों का बचपन एक-दूसरे के साथ बीता था, और वे एक-दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला हुआ। अर्जुन और विजय ने मिलकर मेला देखने का फैसला किया। वे दोनों सुबह-सुबह मेला देखने के लिए निकल पड़े।

मेले में बहुत सारी भीड़ थी, और रंग-बिरंगे झूले, मिठाइयाँ, और खेल-खिलौने सब कुछ बहुत आकर्षक लग रहा था। अर्जुन ने झूला झूलने का मन बनाया, लेकिन विजय ने उसे मना किया, क्योंकि विजय को डर था कि झूला झूलते वक्त वह गिर सकता है। अर्जुन को थोड़ा गुस्सा तो आया, लेकिन उसने दोस्त की बात मानी और आगे बढ़ गया।

फिर वे दोनों एक साथ झूला झूलने गए, लेकिन जैसे ही झूला ऊँचा गया, अर्जुन का संतुलन बिगड़ने लगा और वह गिरने ही वाला था। विजय ने बिना सोचे-समझे अर्जुन को पकड़ लिया और उसे गिरने से बचा लिया। अर्जुन हैरान था, क्योंकि विजय का डर सच में था, फिर भी उसने उसे बचाया।

अर्जुन ने विजय को गले लगाकर कहा, "तुम्हारी सच्ची मित्रता ही तो है, जो तुमने मुझे बचाया, बिना अपनी चिंता किए।" विजय मुस्कराया और बोला, "मित्रता का मतलब ही तो यही है, एक-दूसरे के लिए जान तक जोखिम में डाल देना।"

वह दिन उनके जीवन का सबसे खास दिन बन गया। अर्जुन और विजय ने समझ लिया कि सच्ची मित्रता वही है, जिसमें साथी एक-दूसरे के लिए हमेशा खड़े रहते हैं, चाहे स्थिति कैसी भी हो।

©Pooja #Moral story

Pooja

#moral story

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White सच्ची दोस्ती

एक छोटे से गाँव में दो अच्छे दोस्त रहते थे, रामु और श्यामु। दोनों बचपन से साथ खेलते थे और एक-दूसरे के अच्छे और बुरे समय में हमेशा साथ रहते थे।

एक दिन गाँव में एक बड़ा तूफान आया। तेज़ हवाएँ चलने लगीं, और बारिश इतनी तेज़ हुई कि नदी का पानी उफान पर आ गया। रामु और श्यामु अपनी-अपनी झोपड़ियों में थे। रामु की झोपड़ी तो पानी में बह गई, लेकिन श्यामु की झोपड़ी सुरक्षित रही।

रामु ने मदद के लिए श्यामु से मदद माँगी। श्यामु बिना सोचे समझे अपनी झोपड़ी छोड़कर रामु के पास दौड़ते हुए पहुँचा। दोनों ने मिलकर बाढ़ के पानी से बाहर निकलने का रास्ता ढूँढ़ा और अंत में सुरक्षित स्थान पर पहुँच गए।

वहाँ पहुँचकर श्यामु ने कहा, "तू मेरे लिए हमेशा परिवार की तरह है। सच्चे दोस्त वही होते हैं जो बुरे वक्त में एक-दूसरे का साथ देते हैं।"

रामु ने मुस्कराते हुए कहा, "तू मेरी जान है, श्यामु। सच्ची दोस्ती तो वही है, जो बिना किसी स्वार्थ के होती है।"

उस दिन से दोनों की दोस्ती और भी गहरी हो गई, और उन्होंने जीवन के हर मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देने का संकल्प लिया।

©Pooja #Moral story

Pooja

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White सच्ची दोस्ती

एक छोटे से गाँव में दो बचपन के दोस्त रहते थे - राज और सुमित। दोनों हमेशा साथ खेलते, पढ़ते और एक-दूसरे के साथ हर सुख-दुख में शामिल होते। उनकी दोस्ती गाँव में सबकी पसंदीदा थी, क्योंकि उनकी दोस्ती में सच्चाई और ईमानदारी थी।

एक दिन गाँव में एक बड़ा मेला लगा। राज और सुमित दोनों ने तय किया कि वे मेला देखने जाएंगे। मेला देखने का excitement दोनों को बहुत था, लेकिन रास्ते में एक समस्या आ गई। राज के पास पैसे नहीं थे, और सुमित के पास कुछ ज्यादा थे। सुमित ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सारे पैसे राज को दे दिए और कहा, "दोस्त, तुम मेरे बिना भी खुश रह सकते हो, लेकिन मैं तुम्हारे बिना खुश नहीं रह सकता। मेला तुम्हारे साथ ही तो अच्छा लगेगा।"

राज ने सुमित की बातों को सुना और कहा, "तुम्हारी दोस्ती सबसे बड़ी दौलत है। मैं तुम्हारे बिना कुछ भी नहीं चाहता।"

आखिरकार, दोनों ने मिलकर मेला देखा, खेल खेले और खूब मजे किए। उस दिन दोनों को समझ में आ गया कि सच्ची दोस्ती किसी भी चीज़ से बड़ी होती है।

सीख: सच्ची दोस्ती में स्वार्थ नहीं होता, बल्कि एक-दूसरे की खुशी में अपना सुख देखा जाता है।

©Pooja #Moral story

Pooja

#moral story

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White चमत्कारी बगिया

एक छोटे से गांव में एक लड़का था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत मेहनती था, लेकिन उसे हमेशा लगता था कि उसकी मेहनत का फल बहुत कम मिलता है। एक दिन, उसे गांव के बाहर एक सुनसान बगिया दिखाई दी। यह बगिया बहुत खूबसूरत थी, और वहाँ तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। अर्जुन ने सुना था कि यह बगिया किसी जादुई ताकत से भरी हुई है।

अर्जुन ने सोचा, "अगर मैं यहां काम करूं, तो शायद मेरी किस्मत बदल जाए।" उसने अगले दिन बगिया में काम करना शुरू कर दिया। जैसे ही वह बगिया में काम करता, बगिया की मिट्टी से सोने की सिक्के निकलने लगे। अर्जुन बहुत खुश हुआ, लेकिन उसने जल्दी ही महसूस किया कि बगिया का जादू सिर्फ उस पर ही असर नहीं करता। वह जानता था कि अगर वह यहां कुछ भी गलत करेगा, तो बगिया का जादू खत्म हो सकता है।

अर्जुन ने तय किया कि वह बगिया का ख्याल बहुत सावधानी से रखेगा। उसने वहां के सभी पौधों की देखभाल की और कोई भी गलती नहीं की। धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाई और वह गांव का सबसे सुखी और संपन्न व्यक्ति बन गया। लेकिन उसने कभी भी बगिया के जादू का गलत फायदा नहीं उठाया, क्योंकि उसने समझ लिया था कि असली जादू मेहनत और ईमानदारी में ही है।

सिख: ईमानदारी और मेहनत से ही सफलता मिलती है, और किसी भी चमत्कारी चीज़ का सही इस्तेमाल करना जरूरी है।

©Pooja #Moral story

Pooja

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White किस्मत का खेल

यह कहानी एक छोटे से गांव के लड़के मोहन की है। मोहन गरीब था, लेकिन उसमें अपार आत्मविश्वास और मेहनत की लगन थी। वह हर रोज़ खेतों में काम करने के बाद, स्कूल जाता और पढ़ाई में भी ध्यान देता। उसकी एक ख्वाहिश थी कि वह बड़ा आदमी बने, ताकि अपने परिवार का नाम रोशन कर सके।

गांव में एक दिन मेला लगा। मोहन ने सोचा, "आज कुछ पैसे जीतने की कोशिश करता हूँ।" वह मेला देखने गया और वहां एक खेल की स्टॉल पर रुका। खेल था—"रूपी सिक्का फेंको, सही दिशा में आए तो जीत लो।" मोहन ने बिना ज्यादा सोचे पांच रुपये का सिक्का फेंका। कुछ ही सेकंड में सिक्का सही दिशा में गिरा और वह जीत गया।

खुश होकर मोहन ने पुरस्कार के रूप में एक छोटी सी ट्रॉफी ली। तभी उस ट्रॉफी को देखकर पास खड़े एक व्यक्ति ने कहा, "तुमने किस्मत से यह ट्रॉफी जीती है, लेकिन अगर मेहनत से काम करोगे तो सच्ची सफलता तुम्हारी होगी।"

मोहन ने उस व्यक्ति की बातों को गंभीरता से लिया और उस दिन से और भी मेहनत करने लगा। उसने अपनी पढ़ाई और खेतों में काम दोनों को अच्छे से संतुलित किया। सालों बाद, मोहन न केवल एक बड़ा व्यापारी बना, बल्कि गांव के बच्चों के लिए एक स्कूल भी खोला।

वह जानता था कि किस्मत एक बार मदद करती है, लेकिन असली सफलता मेहनत और समर्पण से मिलती है।

©Pooja #Moral story
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