Find the Latest Status about उड़ने नोट गुलाबी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उड़ने नोट गुलाबी.
नवनीत ठाकुर
White गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए। इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया, वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए। जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं, लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए। अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे, वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
read moreनवनीत ठाकुर
White भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर गढ़ते हैं। जिस मोड़ पर लोग थककर मुड़ते हैं, हां हम वही हैं, जो वहीं से सफर शुरू किया करते हैं। ©नवनीत ठाकुर भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग
भीड़ से जुदा हैं, यही हमारी शान है, हमारी हर चाल में छिपा एक तूफान है। हवा के खिलाफ उड़ने का जुनून रखते हैं, हम वो हैं, जो खुद अपनी तकदीर ग
read more#Mr.India
White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है। मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं, खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं। कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा, आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा। हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं, खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं। दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था, आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं। दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं, बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं। चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं, जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!! ©#Mr.India कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब
कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब
read moreParasram Arora
White भेड़े दुबक रहीं है और कोई कुत्ता भोंक भी नहीं रहा है इस बसती का हर बंदा अपनी रज़ाई मे घोड़े बेच कर खर्राटो. वाली नींद सो रहा है ©Parasram Arora गुलाबी ठण्ड
गुलाबी ठण्ड
read moreazad satyam
तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है जब बीते गुजरे हसीन लम्हों की याद आती है उड़ने को उड़ सकता है ये दीवाना पंछी पर तेरी कमी उन्मुक्त गगन को पिंजरे सा बताती है आजाद होकर भी बंदिश में रहना है मुझको महसूस कर मेरी धड़कन यही हर पल जताती है तू था, तू है और तू रहेगा यही उम्मीद सुकून दे जाती है हां मुझे हर पल तेरी याद सताती है 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है जब
तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है जब
read moreनवनीत ठाकुर
White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।" "तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा, फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।" "जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है, फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।" "ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो, फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।" ©Navneet Thakur #"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोन
#"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोन
read moreJayesh gulati
सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati *सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
read more