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विवेक कुमार सिंह
जो प्राप्य है, उसकी कद्र नहीं, जो नहीं है, उसके पीछे परेशान होते हैं। कोई देखकर हमें, खुश होता है, और किसी को देखने के लिए, हम रोते हैं।। प्राप्य की कद्र #VKS
Anupama Jha
"काश" इच्छाओं का उपसर्ग है और "आस" प्रत्यय । #काश #आस #उपसर्ग #प्रत्यय #yqdidi #hindiquote #हिंदीकोट्स
अब्र The Imperfect
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत । क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति ।। (कठोपनिषद्, अध्याय १, वल्ली ३, मंत्र १४) (उत्तिष्ठत, जाग्रत, वरान् प्राप्य निबोधत । क्षुरस्य निशिता धारा (यथा) दुरत्यया (तथा एव आत्मज्ञानस्य) तत् पथः दुर्गं (इति) कवयः वदन्ति ।) जिसका अर्थ कुछ यूं हैः उठो, जागो, और जानकार श्रेष्ठ पुरुषों के सान्निध्य में ज्ञान प्राप्त करो,विद्वान् मनीषी जनों का कहना है कि ज्ञान प्राप्ति का मार्ग उसी प्रकार दुर्गम है जिस प्रकार छुरे के पैना किये गये धार पर चलना । ©AbrTalks By KumarAmitअब्र उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत #Nojoto #Motivation #nojotonews #nojotohindi #NojotoFilms #life #Life_experience
Sanjay Sharma Saras
जनम जनम भटका बहुत, मिला न मन का मीत, सत्य चिरन्तन प्राप्य है, लिखते-पढ़ते गीत। ©Sanjay Sharma Saras दोहा जनम जनम भटका बहुत, मिला न मन का मीत, सत्य चिरन्तन प्राप्य है, लिखते-पढ़ते गीत। ©️®️ संजय शर्मा 'सरस'
Sarita Shreyasi
अब तुम्हारे प्राप्य के लिए, लघु पात्र मेरा,रिक्त हो रहा, छोटे-बड़े मेरे देय के लिए, पात्र तुम्हारा संतृप्त हो रहा। अब तुम्हारे प्राप्य के लिए, पात्र मेरा, रिक्त हो रहा, छोटे-बड़े मेरे देय के लिए, पात्र तुम्हारा संतृप्त हो रहा। April 2014 fb files #yqdidi#h
Pandey Sunil 🇮🇳
कुछ भी नही अप्राप्य इस जग मे सब कुछ प्राप्य हो सकता है लछ्य हेतु गर संकल्प बना लो तो सर्बस्व अपना हो सकता है।। कुछ भी नही नमुमकिन जग मे थोडा मुश्किल हो सकता है। गर हो अथक प्रयास तो कोई भी एडिसन बन सकता है।। skp@basti कुछ भी नही अप्राप्य इस जग मे सब कुछ प्राप्य हो सकता है लछ्य हेतु गर संकल्प बना लो तो सर्बस्व अपना हो सकता है।। कुछ भी नही नमुमकिन जग मे थोड
Pandey Sunil 🇮🇳
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Pandey Sunil 🇮🇳
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