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Bishnu kumar Jha
#IPL2021 कानून मौत की तरह होनी चाहिए जो किसी को नहीं बख्से । ©Bishnu kumar Jha उक्ति
Bishnu kumar Jha
#IPL2021 दूसरों की रोटी छीनकर खाना यह विकृति है । भूख लगने पर अपनी रोटी खाना यह प्रकृति है और स्वयं भूखे रहकर दूसरे को अपनी रोटी खिलाना यह संस्कृति है । ©Bishnu kumar Jha उक्ति
anjana wrighter
(उक्ति)"कुहासे की बात" इस कुहासे को देखो न जरा! ये कुछ बात कहती है, तुम्हारे यादों में बीते वो दिन, और हर इक रात कहती है। तुम समझो तो सही उसकी बाते, वो हमारी तुम्हारी, पहली मुलाकात कहती है। तुम्हें स्पर्श कर जो आभास हुआ था, हर वो जज्बात कहती है। कैसे तुम्हें एक झलक को बेचैन रहती है, दिल से दिल की वो, ख्यालात कहती है। सच में कभी सुनो न तुम! ये कुहासे हर वो बात कहती है, जो मैं तुमसे नहीं कह सकती! ©anjana wrighter (उक्ति)"कुहासे की बात"
anjana wrighter
"उक्ति" तुम हो इस अंधेरी रतिया के, सुहाना सा सुप्रभात सनम,, आंखो के अश्कों को भगानेवाला, मुस्कुरानेवाली बात सनम। दिल में सदा छुपी रहनेवाली, प्यारवाली जज्बात सनम,, इस मतलब भरी बेरहम दुनिया में, सुकून भरा ख्यालात सनम। हम करते हैं सच्ची मुहब्बत तुम, करलो हम पर थोड़ा करम,, इश्क का खुदा माना है यार तुम्हें, मत बनो इतने बेरहम। i love you to mere sanam. ©anjana wrighter "उक्ति"✨💖✍️💖✨
Dr Upama Singh
“अपने जोगी नंगा तो क्या दिए वरदान” उक्ति प्रयोग अपने जोगी नंगा तो क्या दिए वरदान। वो आपको क्या देगा जिसके पास ख़ुद के ना हो कोई सच्ची साधना। वो समाज में सबसे ऊंँचा ओहदा पाकर बन जाता महान। कैसे मिले यहांँ फ़िर आम इंसान को सच्चा ज्ञान। चंगुल में इनके रहते देश के कर्तव्यनिष्ठ सफ़ल इंसान। फ़िर कैसे अपना देश करे तरक्की इस जहान। मोह माया का ज्ञान पढ़ा कर मूर्ख बनाते हर इंसान। अपने आश्रम के नाम के गद्दी पर बैठ ख़ुद मान बैठते भगवान। हर स्त्री पुरुष इनके चंगुल में ना जाने कैसे फंँस जाता। ईश्वर को पाने के खातिर इंसान अपना सब कुछ न्यौछावर कर देता। ज्ञान विज्ञान की सारी बातें सब हो जाती हैं बेकार। देश की दुर्दशा देख ज्ञानी इंसान मन में सोचता कैसे हो इनका कल्याण। image courtesy: Google #rztask475 #restzone #rzलेखकसमूह #unique_upama #yqdidi #collabwithrestzone #उक्तिप्रस्तुति
Sangeeta Patidar
दिल होता रहा है जाने-अनजाने में ज़लील अक़्सर, फ़िर भी जाने क्यों लगी नहीं कभी बदले की आग। उसे है ख़बर, ख़ुदा के घर देर है, मगर अँधेर नहीं है, ज़माने की बेकार बातों में वो उलझाता नहीं दिमाग़। रखना भी क्यों वो हिसाब जिसमें रूह का नफ़ा नहीं, किसी को गिरा आगे बढ़ना, उसे लेना नहीं ऐसा दाग़। यूँ भी है चार दिन की ज़िन्दगी, बर्बाद करना भी क्यों, जिसमें हो ख़ुद की हानि, ऐसी करनी नहीं दौड़भाग। जलाये रखती उम्मीद का दीप, टूटने ना देती हौसला, हो जिससे दिल उदास 'धुन' छेड़ती नहीं है ऐसा राग। Rest Zone 'उक्ति प्रस्तुति' #restzone #rztask384 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #feelings #life
Manish Kumar
जिसमें चंचलता का वाद है सहनशीलता अगाध है जो जीवन का संवाद है वाद = उक्ति एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #बालिकादिवस #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Dr Upama Singh
“जीत” बाज़ के बच्चे मुंडेर पे नहीं उड़ा करते। बड़ा सोच रखने वाले छोटी चीज़ों के बारे में नहीं सोचते। जिनके मन में होता हौसला और हिम्मत वही ऊँची उड़ान हैं भरते। जिनके पास होता मेहनत भरा पंख वो दूर नीले आसमान में हैं उड़ते। अपने बुरे दौर को पार कर अपने मंज़िल तक हैं पहुँचते। अपने कठिन परिश्रम से कठिन परिस्थितियों में कठिन रास्तों पर हैं चलते। सुनहरी उजली रोशनी में अपनी जीत है दिखती उसके ही अनुसार वो ढल हैं जाते। डर के आगे ही जीत है उसको वो साबित हैं कर ही देते। उक्ति प्रयोग: बाज़ के बच्चे मुंडेर पे नहीं उड़ा करते #rztask397 #rzलेखकसमूह #collabwithrestzone #restzone #yqrestzone #rzwriteshindi