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chandan yogi
लिखना था कि खुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम, मगर कमबख्त... आंसू हैं कि कलम से पहले ही चल दिए। ©chandan yogi #lobeyouforever #WCchantpoem ##ट्रस्ट लव कोट्स लव शायरी हिंदी में शायरी लव रोमांटिक
#lobeyouforever #WCchantpoem ##ट्रस्ट लव कोट्स लव शायरी हिंदी में शायरी लव रोमांटिक
read moreMiss Mirzapur
White "कुंभ" कहो या "स्वर्ग " बात एक ही हैं।। ©Miss Mirzapur #Sad_Status #कुंभ #स्वर्ग
voice of tales
कहते है जिस घर में मा बाप खुश रहते है उसी घर में स्वर्ग के दर्शन होते है छोटे छोटे बच्चों की किलकारियां से जो घर गूंजते है उसी घर को स्वर्ग कहते है जहां पति पत्नी एक दूसरे को समझकर, साथ साथ चलते है उस घर को स्वर्ग कहते है जो आप अगर मिलजुल कर एक रहो, तो कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती दूसरों का ना सही लेकिन अगर अपनों में प्यार रखो तो कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती मेरे दोस्त बस ये हमारी समझ का ही फर्क है अगर ये बात हम जान जाए तो कई कहता है हमें स्वर्ग की जरूरत होती है। ©voice of tales कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती? #Family #Values #Relationships #Love #Care
कौन कहता है धरती स्वर्ग नहीं होती? #Family #Values #Relationships Love #Care
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक 17फरवरी 2025 वार सोमवार समय दोपहर 12 बजे यह दीक्षार्थीहै नागा साधु संन्यासी में, कई ऐसे साधक साधना प्रकृति से, प्रेम करने वाले होते हैं दीक्षा संस्कार से पहले सांसारिक सुख मोह और जिज्ञासा लालसा तलफ तड़फ से पैदा हुए जीवन पर आधारित संयम सिखाया जाता है।। नाकि सिर्फ अपने गुरु से हवा, पानी, अग्नि, सुर्य प्रकाश में तप तपस्या से ध्यान योग योगासन उपवास करना और तांत्रिक, मांत्रिक, हठयोग, जैसी कई प्रक्रियाओं से गुजरने के पश्चात ही सनातन विचार सच में दत्त अखाड़ा के सान्निध्य में नागा साधु संन्यासी बनाया जा सकता है।। ््कवि शैलेंद्र आनंद 17 फरवरी2025 ©Shailendra Anand #sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
#sad_qoute धर्म संस्कृति में संन्यास आश्रम और अपने कर्म से निवृत्त होकर पवित्र और पूजनीय है ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
read moreVikas Sahni
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है, जिसपे पुनः बना अधूरा गीत है। आजकल गाना रोकना मतलब खाना रोकना! चरित्रहीनता है यह कह उसे रोज़ाना रोकना!! गाना रुके तो कविता बन जाये, खाना रुके तो कविता बन जाये। इस प्रकार प्यार में कोई ताल तोड़ जाए तो बेशक वह उसे सारे साल छोड़ जाए, नहीं पड़ने वाला दिल को कभी कोई फ़र्क संगीत स्वर्ग बने तो विरह वाला भोगे ऩर्क फिर अचानक भीतर से कविता रोकती है, फिर अचानक भीतर से कविता टोकती है, "बस बहुत कर ली बड़ी-बड़ी बातें, नींदों को भूलकर गुज़री कई रातें! अब संगीत संगीत नहीं रहा, अब कोई भी मीत नहीं रहा कि इंसानियत शर्मशार है, यह सोच कर धिक्कार है। अब शराफ़त आफ़त बन कर डर गयी है म्हारी महफ़िल महज़ लुटेरों से भर गयी है।" अतः कविता की इन बातों ने, अतः कविता की इन रातों ने, उसे मुद्दे से त्वरित जुदा कर दिया जब संगीत को उसने खुदा कर दिया खुदा को भूलकर! ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
#गाना_रोकना_मतलब_खाना_रोकना साँस रुक जाये तो हवा संगीत है आजकल दर्द की दवा संगीत है फिर भी नहीं उसे मिलता है ये यह तो बेहद बेरहम वह मीत है,
read moreParasram Arora
White माना कि तुम्हारे जीवन का अंतिम लक्ष है स्वर्ग को हासिल करना वो भी किसी भी कीमत पर शायद तुम्हे मालूम नही कि उस स्वर्ग को हासिल करने के लिए तुम्हे पहलें एक बार अच्छे से मरना पढ़ेगा ©Parasram Arora स्वर्ग केलिये
स्वर्ग केलिये
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
White स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं सेवा,समर्पण और लगन से जीवन अपना ही सुधर जाए स्वामी जी के मूल मंत्र को जीवन में लाकर सफल बनाओ स्वामी जी के ओजस्वी जीवन से जीवन अपना स्वर्ग सा बना लो नव ज्योति की किरण से अपना सूरज का तेज मस्तिष्क सजाओ एक ठोकर से तुम संभल जाओ चरित्र अपना तुम हीरे सा बनाओ सत्य कि डगर साहस से बढ़ाओं आजीवन सुख से समय बिताओ कर्म से अपने तेजस्वी बन जाओ माता-पिता का सम्मान बढ़ाओं देश के खातिर मजबूत बनाओ देशभक्ति के लिए फौलाद बनाओं जो मार्ग से गिर जाते उसे उठाओ गले लगाकर जीवन उसका बनाओं विपदाओं के वक्त साहस दिखाओं आजीवन विजेयता सब कहलाओं "उर" से संकल्पित हो जाओ युवाओं मां भारतीय पुकारती है तुम सबको विघा ज्योति जगाकर भविष्य बनाओं सपनों को साकार कर पहचान बनाओं परसेवा परहित से स्वयं जीवन बनाओं निर्मल मन से ही पहचान तुम बनाओं शिखरों कि चोंटी को तुमको है छूना स्वामी जी की वाणी से जीवन सुधारों #स्वामी विवेकानंद ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं स
स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं स
read moreबेजुबान शायर shivkumar
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती है स्वर्ग के अप्सरा भी यु मंद मंद कर वो मुस्कुराती है मां की गोद में आकर भगवान भी यु बच्चे बन जाते हैं मां की ममता का सुख ईश्वर भी खूब मजा उठाते हैं ईश्वर ने खुद को बनाया है एक ख्याल उनके मन में आया है अपने जैसा ही हर किसी को खुद को पहुंचाया है जिसका नाम माँ बतलाया है समंदर से गहरी ममता का होती है उठते तूफान को शांत वो करती है न छोटा न बड़ा इस भेदभाव में मांँ कहाँ पड़ती है मीठे सपनो को अपने बच्चे के लिए मांँ संजोती है वक्त बदल जाए हालात बदल जाए पर मांँ की ममता को कोई न बदल पाए है आज तक उसकी आवाज में ऐसा जादू होता है की किसी के मुर्झाया चेहरा भी यु खिल जाता है जब मांँ की आवाज कानों में आती है सारी दुनिया से लड़ने की हिम्मत दे जाती है घर से निकल कर सर को झुका देते है मांँ का आशीर्वाद लेकर बिगड़े काम भी बना देते हैं बचपन में हो या हो बड़े आज भी मांँ के उस आंँचल में पड़े रहते है मुझे तो सुकून आँचल का मिलता है मांँ तेरी उस गोद में आ कर धनंजय शुक्ला✍ ©बेजुबान शायर shivkumar //सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
//सुकुन आँचल का// एक बार नही आपको मैं सौ बार लिखूंगा मांँ तुझे ही अपने जीवन का वो सार लिखूंगा बाबू बाबू कह कर जब मुझें यु पालना में झुलाती
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