Find the Latest Status about लिख्+क्त्वा इति भवति from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लिख्+क्त्वा इति भवति.
तुम्हारी पुन्नू
दया Mar 27, 2022 सुनो आर्य ... मै जो तुम्हारे पीछे भागती हूं। तुम्हारे लिए भागती हूं मेरा आत्मसम्मान अभी मरा नही मै तुम्हें बचाने को भागती हूं क्योंकि मैं जानती हूं संसार मे हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया है हर कर्म का एक फल मै रोकती हूं तुम्हें मेरे आंसूओं को कल तुम्हारी नियति हो जाने से मै रोकती हूं क्योंकि मैं बंधी हूं तुमसे भी और स्त्री होने से भी। दया मेरा जन्म जात गुण जो है। ©Poonam Rawat इति #Heart
RV Chittrangad Mishra
New year Celebration quotes जन्म प्रमाणपत्र से लेकर पढ़ाई के हर दस्तावेज में अंग्रेजी का दिनांक और महीना लिखा है दिन गुड मॉर्निंग से लेकर गुड नाइट पर समाप्त होता है मोबाइल से लेकर हर आवश्यक सामग्री पर उसका नाम अंग्रेजी में होता है फेसबुक, वाटसप, यूट्यूब इत्यादि का आईडी अंग्रेजी में बनाते हैं इससे हमारे सनातन धर्म और हिंदी का अपमान नहींं होता लेकिन नये साल के शुभ अवसर पर Happy new year बोलने से कुछ बुद्धजीवियों का धर्म नष्ट हो जाता हैं ©R.V. Chittrangad 9839983105 इति धूर्तस्य लक्षणम
adv Ritam pandey
manoj kumar jha"Manu"
प्रियो भवति अद्वेष्टा द्वेष न करने वाला सबका प्रिय होता है। (स्कन्दपुराण, श्रावण मास महात्म्य) प्रियो भवति अद्वेष्टा द्वेष न करने वाला सबका प्रिय होता है। (स्कन्दपुराण, श्रावण मास महात्म्य)
Swechha S
मुझे चाह नहीं गौरी होने की मैं जोगन सती हो जाऊँ सब शिव शिव शिव शिव रमते हैं मैं आदि शम्भू की इति हो जाऊँ - Swechha मैं आदि शम्भू की इति हो जाऊँ💌#21Feb #MahaShivratri #Maha_Shivratri #Shiv #Sati
Deepen Singh
Person's Hands Sun Love || प्रेम इति कश्चन यः भवन्तं अन्यस्य कृते न उपेक्षते || beSanatanii प्रेम वो है जो किसी और के लिये तुम्हें नजर अन्दाज ना करे Love is someone who doesn't ignore you for someone else. ©Deepen Singh || प्रेम इति कश्चन यः.....#sunlove #quaotes #LO√€ #pyaar #mohabbat #Dil #geeta #krishan #Shayar
Banbihari
“ यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत, अभि-उत्थानम् अधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् ” जो मनुष्य इश श्लोक का मतलब समझ जाए वो फिर कभी अपने कर्मो से नहीं मुकरे गा और नाही धर्म और मनुष्यता की हानि करेग । परन्तु यह श्लोक को समझने के लिए मनुष्य को मन से , हृदय से , सज्ज होना पड़ेगा , नहीं तो जितना भी समझने का प्रयास करें मनुष्य बस इसे याद कर पाएगा । ©Banbihari यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिः भवति भारत, अभि-उत्थानम् अधर्मस्य तदा आत्मानं सृजामि अहम् भगवद गीता श्लोक #भगवदगीता #BhagvadGita #india #nojo
Reena Shrivastav