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Ek villain
विद्या का अर्थ जानना पर्सन है कि किसको जानना उत्तर है जिससे जीवन समाज धर्म दर्शन और आत्मा परमात्मा को जाना जा सके मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य मोक्ष जैसे हासिल हो वह वेदों में विद्या कहीं गई है शहर विद्या या विमुक्तए यानी विद्या हुए हैं जिससे दुखों से छुटकारा मिल जाए बुद्ध ने कहा है यह संसार दुख लिए है इससे जन्म में यदि सही मायने में विद्या प्राप्त हो जाए तो उससे जीवन को सुखमय शांत मियां और संतुलित बनाए ने में सहायता मिलती है विद्या का अभ्यास बने रहना भी जरूरी है कि तू प्रदेश में कहा गया है अभ्यास ने विषम विद्या यानी बिना अभ्यास के विद्या विष तुल्य हो जाती है जीवन को पूर्ण बनाने के लिए वेदों में पड़ा और अपना दोनों विधाओं को ग्रहण करना आवश्यक है चाणक्य कहते हैं अब इधयम जीवन स्वयं यानी जी विद्या के बिना जीवन व्यर्थ है जिससे विद्या से पूर्णता प्राप्त हो वह जीवन विद्या कही जाती है आमतौर पर शिक्षा को विद्या कहा जाता है लेकिन शिक्षा दुखों से छुटकारा दिलाने का काम नहीं करती बल्कि इससे योग्यता और प्रतिभा का विस्तार होता है इससे भौतिक जीवन को सुखमय हो जाता है लेकिन आप बहुत ही जीवन के लिए इससे कोई लाभ नहीं जीवन को पूर्ण और उपयोगी बनाना है तो विद्या सीखनी पड़ेगी बचपन से लेकर बुढ़ापे तक इंसान कुछ ना कुछ प्राकृतिक परिवार समाज से सीखता है लेकिन उसका सीखना उसके संवेदनशीलता उत्सुकता संकल्प और रूचि पर निर्भर करता है जीवन को यदि उद्देश्य परख और सफल बनाना है तो जीवन में उन सभी चीजों को समय विश करना पड़ेगा जो जीवन को हर तरह से सफल और पूर्णता दिलाने का कार्य कर रही है आमतौर पर हम परंपराओं से इतने बने रहते हैं कि जीवन की वास्तविकता सफलता और उद्देश्य के बारे में शायद ही कभी निष्पक्ष ढंग से सोचते हो इसलिए हमेशा चिंतन करते रहना चाहिए कि किसी जीवन में पूर्णता आए और जीवन का आनंद में हो जाए ©Ek villain # जीवन विद्या का अर्थ #ZulmKabTak
Sk
दे दान विद्या का मुझे ओ वीणा वादिनि! मन का मिटा दे अंधकार ज्ञान दायिनि, तुमने जो दी है हमको कलम लिखने के लिए अज्ञानी क्या लिखूं बताओ हंसवाहिनी, ©Sk दे दान विद्या का
Sk
माँ तेरी भक्ति बिना जीना मुझे नहीं तेरी कृपा बिन झूम सकूँ ऐसा स्वर नहीं, ऐसी कृपा करो हे माँ मन में भक्ति हो जब-जब मैं लिखने बैठूं माँ कलम में शक्ति हो। ©Sk दे दान विद्या का
Sk
माता तेरी कृपा बिना मैं कुछ न लिख सकूं ऐसी मति प्रदान कर माँ थोड़ा रच सकूँ, माता तेरी कृपा बिना मैं कुछ न लिख सकूं ऐसी मति प्रदान कर माँ थोड़ा रच सकूँ, ©Sk दे दान विद्या का
Rahul Shastri worldcitizens2121
Safar July 10,2019 सत्संग का अर्थ होता है गुरु की मौजूदगी! गुरु कुछ करता नहीं हैं, मौजूदगी ही पर्याप्त है। ओशो सत्संग का अर्थ
Aman Baranwal
मिट्टी का जिस्म और आग सी ख्वाहिशें, खाक होना लाजमी है, क्योंकि आदमी आखिर आदमी है! जीवन का अर्थ