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Sonu Sharma
ना #झुकने का #शौक हैं ना #झुकाने का #शौक. हैं कुछ #एहसास दिल से #जुड़े हैं..... बस उन्हें #निभाने का #शौक हैं.....!!!! ©A sharma
चन्दन शर्मा "जाज़िब"
हर रब्त में रिश्तों की डोर टूटने का डर! इस जिस्म को रूह की रूठने का डर! साया बन चला हो हर कदम जो साथ! उस हमराह का साथ छुटने का डर! तोड़ भी दें कोई रब्त गर किसी से फिर! मुसलसल अंदर ही अंदर घुटने का डर! दुश्मन से भी जानलेवा हो गए हैं अपने! लिहाज़ा है अपनों के हाथों लुटने का डर! यारों बस झुकने पर बन जाती है हर बात! फिर भी हर दिल में है झुकने का डर! #rishtey #rabt #nojotohindi #nojotopoetry #nojotowritings #nojotowriters #jaajib #chandanvibes #ghazal #poetry #hindipoets #hindipoet #hindipoetry #igwriters #instawriters #writersofig #wordporn #wordswag #wordswisdom #lovecareshare #followformore
Mukesh Poonia
मुट्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं | दिलो में है अरमान यही, कुछ कर जाएं... कुछ कर जाएं | सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे। सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे। अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे..। तुम मुझको कब तक रोकोगे... - Motivational poem by Amitabh Bachchan मुट्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं | दिलो में है अरमान यही, कुछ कर जाएं... कुछ कर जाएं | सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे। सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे। अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे..। तुम मुझको कब तक रोकोगे..। में उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है.. में उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है.. बंजर माटी में पलकर मैंने मृत्यु से जीवन खींचा है मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ... मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ | शीशे से कब त
मुट्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं | दिलो में है अरमान यही, कुछ कर जाएं... कुछ कर जाएं | सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे। सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे। अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे..। तुम मुझको कब तक रोकोगे..। में उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है.. में उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है.. बंजर माटी में पलकर मैंने मृत्यु से जीवन खींचा है मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ... मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ | शीशे से कब त
read moreAdv Di Pi Ka
सच्ची मोहब्बत माथा चुमने वालों से नहीं, सिर कभी ना झुकने देने वालों से होती हैं। #माथा #चुमने #सिर #झुकने
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