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New कैबिनेट मंत्री की सूची 2019 Quotes, Status, Photo, Video

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D Anand Singer

वाल्मीकि नगर में नहीं होगी कैबिनेट की बैठक #पौराणिककथा

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Shipra Pandey ''Jagriti'

#मंत्री जी #WForWriters मंत्री जी

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Mantri Ji  जनता बोली सुनो मंत्री जी,
आप मंत्री आप ही देश के संतरी..!
तो बताओ ये मंत्री जी, 
वादे के आपका क्या हुआ..? 
था विकास का वादा, वो किधर गया..? 
भूखी गरीब जनता पूछ रही सवाल 
रोटी मकान शिक्षा का वादा क्यों हो गया हवा..? 
किसको मिली नौकरी, कौन युवा हुआ रोजगार की दुकान..? 
सुनकर जनता का सवाल, मंत्री ने सोचा कहीं कर ना दे ये मूर्ख जनता बवाल..! 
मंत्री जी ने ली अपनी भृकुटी ली तान, तनिक तुनक कर फिर खोली अपनी ज़ुबाँ.., 
घोलकर अपनी वाणी में मिश्री की मिठास, फिर किया थोड़ा हास-परिहास..! 
मित्रों आगे की बात आप सुने, 
मंत्री जी ने शब्दों के कैसे कैसे जाल बुने.., 
मंत्री ने छोड़ा जनता पर अपने कुटिल ज्ञान मुस्कान का तीर, 
मैंने कर दिया वादा पूरा विकास का करके अपने घर और कस्बे का विकास, 
जनता को मिला रोटी कपड़ा और आलीशान मकान, 
बच्चे मेरे खाते बर्गर पिज़्ज़ा और पा रहे जाकर विदेश में उच्य शिक्षा, 
हर सदस्य के नाम किया एक मकान, 
फल फूल रहा पूरा खानदान
सड़क का कर दिया काया कल्प, 
मेरे दर पर उतर जाती अब पूरी की पूरी राशन की ट्रक
चलते हैं सब लेकर ए. सी. कार
बढ़ गया है मेरे तोंद का भी आकार, 
मेरे घर की जनता अब ना रही गरीब, 
हड़प के सबकी ज़मीन ना ली डकार, 
अब वादा है अगले पाँच सालों में बचा खुचा है जो वो पूरा होगा, 
सात पीढ़ी के रहने का पुख़्ता इंतिज़ाम होगा,  जनता का काम तमाम होगा..!! 
हम रहे तो अबकी अश्वथामा फिर मरेगा, 
आपके कृपा से जीत का मेरे डंका बजेगा, 
और फिर आगे चल दिये मंत्री जी 
लेकर संदेश मैडम का आ गया था उनका संतरी जी
लगाने लगा नारा जय हो जय हो हमारे मंत्री जी।। 

शिप्रा पाण्डेय 'जागृति'

©Kshipra Pandey #मंत्री जी

#WForWriters मंत्री जी

Shipra Pandey ''Jagriti'

#मंत्री जी #WForWriters मंत्री जी

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Mantri Ji  जनता सवाल करे ओ मंत्री जी
बड़ा बवाल करे ओ मंत्री जी
अब तो कुछ विकास करो ओ मंत्री जी
बोलो क्या कुछ तो कमाल ओ मंत्री जी
मंत्री जी बोले दिया तो है गरीबो का अधिकार
सम्पन्न हुआ मैं स्वयं अब विदेशों में भी है मेरा व्यापार
बेटा मेरा IS बना बिन पढ़े बिन खर्चे से
दैनिक अखबार भरा पड़ा मेरे गबन के चर्चे से
विकास की लहर में नहाए मेरी बेटी ओर जमाई
धन दौलत उनकी इतनी कि आज ही उनकी नई BMW आयी
मेरे मामा जो जीते थे  दूसरों  के दम पर
आज उनकी चार खदानें चार सौ डम्पर
बुआ ने मेरी न ज्यादा डिमांड की
किसानों की 500 बीघा जमीन बस उनके नाम की। 
आतंकवादियों को दे दिया आरक्षण
पूरे साल का भर देते अब वो मेरा राशन
हुआ विकास और देखो प्रगति छाई
देखो मैंने कैसी कूटनीति अपनायी
गरीबी भूखमरी घोर संकट चंहु ओर रे
अगर हमने अपनी आंखें मुंदी परिवार अपना सुरक्षित, 
करते रहो तुम चाहें जितना शोर रे
करेंगे घोटाला फिर से अबकी बारी
चार पेटी दारू देकर फिर से जीतेगा हम जैसा चोर रे! 
सीना ठोकर गर्जना कर क्या बोले फिर वो मंत्री जी
मैं ही राजा मैं ही प्रजा मैं ही यहाँ सबसे बड़ संतरी जी
सभा समाप्त कर बोले चलो विदेश चले वो मंत्री जी
वाह धन्य हो..! क्या कमाल करें हो तुम मंत्री जी....!! 



( मेरे कुछ अधूरे ख़्वाब से) 
Ajay Behare ki klm se

©Kshipra Pandey #मंत्री जी

#WForWriters मंत्री जी

RK Vishwakarma Dainik Jagran

राधेश्याम सिंह पूर्व मंत्री की कुछ खातचीत #लव

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Kamal bhansali

2019 की शुभयात्रा

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2019  ke liye ek salaah धरोहर न समझे अपनी जिंदगी को
ये किसी की और की अमानत 
खुशियों की हर बून्द हमारे लिए नहीं
हर मंजिल पर हमारा नाम नहीं
फिर फिक्र क्यों करे क्या पाया 
क्या नहीं पाया
💥
नये साल की नई सुबह 
आने का सन्देश दे रही
शुभता से भरा 
खुशियों का कप 
आपके दिल की टेबल पर रख रही
चुस्कियां का आनन्द लीजिये
मुस्कराहटों से दूसरों के दिल का
अभिवादन कीजिये
✍️कमल भंसाली


 #NojotoQuote 2019 की शुभयात्रा

Diamond city

2019 की बाते

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लिखने से कुछ नहीं होता फिर भी लिखता हूँ तुम तो अब हो भी नहीं पता नहीं कहाँ हो पढ़ भी पाती होगी या नहीं।
पर आदतें आज भी वैसी की वैसी है रोज सुबह सो के उठने के बाद आज भी व्हाट्सप्प ऑन करके देखता हूँ बस अब बात अलग हो गयी है कि उसमें तुम्हारा मेसेज नहीं रहता जो रोज मुझसे कहता था उठ जाओ देखो सुबह कितनी प्यारी है आँखें उसी उम्मीद में फोन खोलती हैं कुछ भी नहीं होता फिर भी दिल मान लेता है कि उठो सुबह बहुत प्यारी है।
व्हाट्सएप्प चैटिंग का वो गुलाब वाला फूल का इमोजी मुझे लगता है आखिरी बार मैंने तुम्हें ही भेजा था अब नहीं मिलता कोई जिसे भेज सकूँ जब भी उसे देखता हूँ तुम्हारी वो बात याद आ जाती है तुमने जब पूछा था कि व्हाट्सएप्प में सबसे अच्छा क्या है मैंने कहा था मुझे नहीं पता तब तुमने ये🌹 गुलाब का फूल भेजा था तुम इसे रोज सवेरे मुझे भेजती भी थी।
पता नहीं मेरी तुम्हारी यादें कैसी होती यदि ये व्हाट्सएप्प न होता तुमसे कॉल पर बात करना उतना अच्छा नहीं लगता था जितना तुमसे चैट करना।
तब की तुम्हारी जिद आज भी याद आ जाती है कितनी बार नोट्स देने का बहाना करके बेकार की किताबें इधर उधर किया करते थे बस बहाना मिल जाता था एक दूसरे को घंटो बैठकर बात करने का।
आज पता नहीं ये सब क्यूँ लिख रहा हूँ जबकि आज भी ऐसा कुछ नहीं है कोई तुम्हारी याद नहीं आयी कोई मेसेज नहीं आया।
बस कलम उठाई थी कुछ लिखने को लगा तुमसे बातें कर लें कुछ तुम्हें बता दूं
सब कुछ पहले जैसा है कुछ भी नहीं बदला आज भी देर रात में सोता हूँ लेकिन अब किसी को गुड नाइट कहने की फिक्र नहीं होती।
तुम्हारे पसन्द के सारे डिस याद हैं सारी दुकान याद हैं पर अब मैं भी उस शहर नहीं जाता।
तूमसे बिछड़े कई साल होने को है बात भी नहीं होती तुम कही और चली गई हो पर आज भी मुझमें तुम हो मेरी आदतों में मेरी बातों में मेरी कलम में मेरी ज़िन्दगी में।



प्रकाश पटेल 2019 की बाते

प्रभाकर अजय शिवा सेन

मैं भाव सूची उन भावों की। #Poetry

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Ankit Singh

मंत्री जी

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 मंत्री जी

Kamal Gyas

2019 की कुछ यादे

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इस कदर बिता 2019 हमारा  l 
बन कर रह गया यादो का पिटारा l 
वो पेपरो मे साईकिल पर जाना l 
स्कूल से सबसे पीछे आना l 
वो एक पेकैट से कईओ नमकिन खाना l 
वो मैम का हमसे नाराज़ होना l 
वो farewell पे रोना l 
हमारी farewell का दोबारा होना l 
वो प्रधानाचार्य का हम पर विश्वास ,
वो स्कूल के लम्हे कुछ खास l 

पहले बहुत से धक्के खाना l 
फिर college मे प्रवेश पाना l 
फिर नए नए दोस्त बनाना l 
वो दिल की धडकन का बढजाना 
दोस्तों के संग फ़िल्म पे जाना
ये यादे ज़िन्दगी भर ना भलाना 2019 की कुछ यादे

Ajay kumar Singh

2019 की आखिरी शाम #कविता

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'2019 की आखिरी शाम'

ठंड की ठिठुरती साल की ये आखिरी शाम 
कुछ मायुस सी लग रही है, उदास मौसम में 
पूरे साल की स्मृतियाँ आँखों के सामने यू चल 
रही हैं- जैसे कोई छायाचित्र! 
एकाएक याद आ गई समूचे साल की 
स्मृतियाँ इस ठिठुरती शाम में
खट्टे-मीठे पलों को याद करके 
कभी उदास तो कभी खुश हो रहा है मन! 
भूली बिसरी यादें ताजा हो गई है 
एकबार फिर से जी रहा हूँ समूचे साल को 
क्या पाया, क्या खो दिया, क्या सहेज कर 
रख लिया इसी द्वंद्व से जूझ रहा है मन! 
इस साल छूट गया है इक रिश्ता अधूरा 
जिसके मुकम्मल होने की अब भी है आश 
इसी विश्वास के साथ आने वाले साल के 
स्वागत के लिए आश्वस्त हो रहा है मन 
कि जो पा न सका वो मुकाम अब हो जाए हाशिल। #2019 की आखिरी शाम
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