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Poet Kuldeep Singh Ruhela
White जो साथ मिलकर साथ निभाते है वही दोस्ती के काबिल हो जाते है सुख में साथ न हो किसी के मगर दुख में साथ खड़े हो जाते है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Friendship जो साथ मिलकर साथ निभाते है वही दोस्ती के काबिल हो जाते है सुख में साथ न हो किसी के मगर दुख में साथ खड़े हो जाते है
Richa Dhar
BeHappy कभी कभी सोचती हूँ कि सुख कभी अकेले क्यों नहीं आता है दुःख जब भी आता है, अकेला आता है तो फ़िर सुख क्यों दुख से दोस्ती निभाता है छोड़ क्यों नहीं देता वो साथ उसका मुस्कुराती हूँ, तो साथ मे वो आँसूं भी ले आता है कई बार सोचा कि दरकिनार कर दूँ बाहर कर दूँ दुःख को लेकिन हर बार दुःख सुख पर भारी पड़ जाता है ©Richa Dhar #beHappy सुख दुःख
Mukesh Poonia
वो दिन, वो नजारा भी आएगा समुद्र है अगर तो किनारा भी आएगा जिंदगी की परेशानियों से हार मत जाना ऐ दोस्त तुझसे मिलने एक दिन वो सितारा भी आएगा . ©Mukesh Poonia #lakeview वो #दिन, वो #नजारा भी आएगा #समुद्र है अगर तो #किनारा भी आएगा जिंदगी की #परेशानियों से हार मत जाना ऐ #दोस्त तुझसे मिलने एक दिन वो
Bharat Bhushan pathak
साध्य है या साधक जीवन। संघर्षों की आराधक जीवन। सीख-सीखकर हमें सिखाए, बनाना जीवन सुन्दर उपवन। सुख-दुख की यह सीढ़ी चलकर, बढ़ना आगे समझाए जीवन। ©Bharat Bhushan pathak #साध्ययासाधकजीवन साध्य है या साधक जीवन। संघर्षों की आराधक जीवन। सीख-सीखकर हमें सिखाए, बनाना जीवन सुन्दर उपवन। सुख-दुख की यह सीढ़ी चलकर, बढ़न
Arun Mahra
सुख भी मुझे प्यार है दुख भी मुझे प्यार है छोडूं में किस प्रभु को दोनो से ही मुझे प्यार है आई लव यू मेरे प्रभु ©Arun Mahra दुख में घबराना नहीं सुख में घबराना नहीं हमेशा दिल थाम के रहना के खड़ा कोई हिला नही पाएगा
Arun Mahra
BeHappy ये हांथ से हम कुछ मांगते हैं किसी से पर नहीं मिलता जब ये हांथ से हम किसी का काम करते हैं तो दौलत और इज्जत दोनो मिलता है साथ में प्यार भी कर्मो के ऊपर फल मिलता है ©Arun Mahra अपने हाथ में सुख और अपने हाथ में दुख कर्म के ऊपर डिपेंड करता है
Praveen Jain "पल्लव"
Village Life पल्लव की डायरी अतीत हमारे सीमित आनन्द मन मे झाँका करता था ताना बाना समाजिक हुआ करता था डर और भय से परंपरा जीवित रहती सहयोग लेना देना भावना का भाव रहता था कम संसाधन भले रहते जुड़ाव और प्रेम बे जोड़ रहता था मगर वैश्विक बाजारवाद के अधीन होकर उजड़े गांव शहर आबादी के बोझ से कराहते है सब का राजनीतिक करण हो गया सियासतो के हाथों हमारे सुख चैन छिने जाते है डिप्रेशन में हम सब पगलाये जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #villagelife सियासतों के हाथों हमारे सुख दुख छिने जाते है #nojotohindi