Find the Latest Status about पगडंडी का पर्यायवाची from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पगडंडी का पर्यायवाची.
Parasram Arora
Unsplash पसरा हुआ है रात्रि का सन्नाटा और न जाने क्यों डर रहा है मेरा मन क्यों याद आ रहा है मुझे अतित जी भयावह घटनाओ का क्रम मुझे लगता है सारी पीड़ाए पैदा क़ी है उन असुरो ने तभी तों होता रहा है देवताओं का दमन ©Parasram Arora रात्रि का सन्नाटा
रात्रि का सन्नाटा
read moreSatish Kumar Meena
शादी का बंधन पवित्र होता है क्योंकि इसके साक्षी भगवान होते हैं जिनसे कुछ छुपा नहीं है। ©Satish Kumar Meena शादी का बंधन
शादी का बंधन
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreDev
वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।। ©Dev दिल का अहसास
दिल का अहसास
read moreMohan Sardarshahari
White पड़े -पड़े पत्थर भारी हो जाता है इंसान तो इंसान है कुत्ता भी अपनी गली में शेर हो जाता है।। ©Mohan Sardarshahari # गली का शेर
# गली का शेर
read moreRahul Raj Patel
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!! फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो, सबके पास, काम बहुत है!! नहीं जरूरत, बूढ़ों की अब, हर बच्चा, बुद्धिमान बहुत है!! उजड़ गए, सब बाग बगीचे, दो गमलों में, शान बहुत है!! मट्ठा, दही, नहीं खाते हैं, कहते हैं, ज़ुकाम बहुत है!! पीते हैं, जब चाय, तब कहीं, कहते हैं, आराम बहुत है!! बंद हो गई, चिट्ठी, पत्री, व्हाट्सएप पर, पैगाम बहुत है!! झुके-झुके, स्कूली बच्चे,बस्तों में, सामान बहुत है!! नही बचे, कोई सम्बन्धी, अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है!! सुविधाओं का ढेर लगा है यार, पर इंसान परेशान बहुत है!! ©Rahul Raj Patel "अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!! #rahul #kishan karn #nandkishor
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो, जाम बहुत है!! #Rahul #kishan karn #Nandkishor
read more