Find the Latest Status about deep love urdu poetry from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos.
Nandu V
Unsplash good morning 🌅 ©Nandu V #Book Islam deep poetry in urdu urdu poetry urdu poetry sad love poetry for her
#Book Islam deep poetry in urdu urdu poetry urdu poetry sad love poetry for her
read moreMona a
White vjfuxtyxfyxdxyfrxryzdzrtftctxtcgvhvh ©Mona a #sad_quotes deep poetry in urdu love poetry for her urdu poetry sad
#sad_quotes deep poetry in urdu love poetry for her urdu poetry sad
read moreKhalil Siddiqui
##SadStorytelling urdu poetry love poetry for her deep poetry in urdu urdu poetry poetry lovers
read moreसाँस लेती hui lash
White उम्र गुज़री है माँजते ख़ुद को साफ़ हैं पर चमक नहीं पाए डाल ने फूल की तरह पाला ख़ार थे ना महक नहीं पाए ©साँस लेती hui lash #Poet #sayari #Deep #Poetry urdu poetry deep poetry in urdu sad urdu poetry love poetry in english
Ritu Nisha
कहने के लिए ख़ुद को मेरा कहते हो। जानती हूँ कितनी लड़कीओं में रहते हो। कहीं न कहीं आ टकराती है सब मुझसे, तुम जिन जिन की आँखों में बहते हो। मुझे बेवफ़ा ओ बदउनवान कहने वाले, मैं क्या झेल रही हूँ जो तुम सब सहते हो। मेरी जानिब से चाहते हो तमाम उम्र मेरी, ख़ुद आए रोज़ किसी आँचल में ढहते हो। ©Ritu Nisha #good_night urdu poetry deep poetry in urdu poetry lovers poetry on love
#good_night urdu poetry deep poetry in urdu poetry lovers poetry on love
read moreRishi Raj
White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj #good_night urdu poetry deep poetry in urdu
#good_night urdu poetry deep poetry in urdu
read moreqais majaz,dark
White तगाफुल ए मगरूर मैंने देखा तुम्हें पाने का ख़्वाब लेकिन हमेशा मिले मुझे काले गुलाब दूर तेरी सोने के पानी चढ़ी महफ़िल से हम चले जब हसीन ख़्वाबों से आँखें खुली कीचड़ में फ़िर थे फंसे जज़्बातो ने कि है ख़ुशी से ख़ुदकुशी चाहा जब तुमसे इकरार करना ,मिली सिर्फ बेरुखी मैं बदल गया हूँ इतना अब खुद को भी जनता नहीं अब ना तुम रखना राब्ता कभी बेरुखी खामोशी अश्क़ मुफ़्लिसी जिंदगी में सबसे बड़ा हादसा यही माना थी अजब दीवानगी लब सिले थे तुम्हारे थी तुम्हें तलब ए खामुशी हार गए हम हम सारी बाज़ी जला दिया है मैंने दफ़न कर दिया वो माज़ी अब उम्र भर के लिए तेरे मेरे दरमियाँ रह जाएगी बस ये ख़ामोशी समझा देना अपने चाहने वालों को,जो तंज़ कसते है मुझपे इस कलम में है अब वो कुव्वत ज़हर भरे तीर से तेज़ अल्फाज़ फेकूंगा सोचा भी नहीं होगा मिलेगा नहीं इलाज ज़ख्म होंगे ला इलाज आ रहा है इंकलाब तेरे लिए इस कलम में सिर्फ़ भरा है तेज़ाब एक बार होता है इश्क़ दोबारा नहीं तेरे उस गुनाह का होगा कफ़्फ़ारा नहीं मोहबत क्या तुम मेरी नफरत के क़ाबिल नहीं ऐसे के साथ जोड़ दूँ मुस्तकबिल मैं ऐसा पागल नहीं अब मोहबतो कि महफ़िल में हम बिल देके बैठे हैं तेरे जैसे जाने कितने मुझे दिल देके बैठे हैं ©qais majaz,dark #sad_dp love poetry for her sad urdu poetry deep poetry in urdu
#sad_dp love poetry for her sad urdu poetry deep poetry in urdu
read more