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Krishna Kumar
| मौत का कुआ – जहा इंतजार करती है मौत | | मौत का कुआ – जहा इंतजार करती है मौत | इस कुंवे के बारे में स्थानीय लोगो का मानना है कि आज से 50 साल पहले इस कुंवे के आस पास के इलाके में काफी अच्छी बस्ती हुआ करती थी लेकिन एक दिन उस कुंवे से पानी भरते हुए एक औरत उस कुंवे में गिर गयी और उस वक़्त वहा कोई भी मौजूद नहीं था और वो तड़प तड़प कर उस कुए में मर गयी | तब से उस औरत की आत्मा आते जाते राहगीरों को परेशान करने लगी | और धीरे धीरे उस कुंवे के पास से बस्ती उजाड़ होने लग गयी | एक रात एक शराबी उस कुंवे के पास से गुजरा और उसे किसी के चीखने की आवाज़ आयी | वो कुंवे के पास गया और कुंवे में झाँका तो उसे एक औरत दिखाई दी | उस औरत ने उस शराबी को कहा कि तुम मुझे इस कुंवे से बाहर निकाल दो | शराबी ने कहा कि तुम इस कुंवे में कैसे गिर गयी | उस औरत ने कहा अगर तुम्हे ये जानना है तो तुम्हे नीचे आना पड़ेगा | शराबी घबरा गया और भागने की कोशिश की लेकिन उसी समय उस औरत ने पीछे से धक्का मारकर उस शराबी को कुंवे में धकेल दिया | और वो कुंवे में डूबकर मर गया | इस घटना के अलावा भी कई लोगो को इसका शिकार होना पड़ा | मित्रो शायद आप इस पर विश्वास करे या ना करे लेकिन हमारे गांव में मौत के कुए की इन घटनाओ का जिक्र आये दिन होता रहता है जो सच का कडवाहट को बयान करता है ©Krishna Kumar मौत का कुआं - जहा इंतजार करती है मौत
मौत का कुआं - जहा इंतजार करती है मौत #प्रेरक
read moreKartik Richhariya
किंचित तूं भयभीत न हो जो होता है हो जाने दे बोने दो विष के बीज उन्हें,तृष्णा बाहर आ जाने दे मत तड़पा तू अपना तन मन,ईर्ष्या द्वेष है उनका धन इस देह को शीतल करके तूँ, क्षण भर इसको सो जाने दे हर बात बात हर इक क्षण में क्रोधित होना अच्छा है नहीं उनके मन में तो सिंचित हैं वो बीज द्वेष का यहीं कहीं हर दिन प्रतिदिन ये कलह मचत,इसको समाप्त हो जाने दे माना कि विकट परिस्थिति ये और विकट इर्ष्या छाई है लेकिन ये कैसा काल जाल जो तेरी मति अकुलाई है थोड़ा धीरज धारण करके,विकराल काल को जाने दे किंचित तूं भयभीत न हो जो होता है हो जाने दे ©कार्तिक रिछारिया #हो जाने दे #कार्तिक रिछारिया
Kartik Richhariya
भारत एक ताकत आज किसी से कम है क्या चौथी ताकत भारत है। विश्व पटल पर बोला जिसका डंका वो भी भारत है। आज हिन्द है विश्व गुरु की सीमा को छूने वाला जल्द बनेगा विश्व गुरु कर देगा सबका मुँह काला विश्व गुरु से बनेगा सोने की चिड़िया वो भारत है। आज किसी से कम है क्या चौथी ताकत भारत है ©कार्तिक रिछारिया #भारत एक ताकत -कार्तिक रिछारिया
Kartik Richhariya
मुझे उस आरामदेह जगह से बाहर आना हैI सफलता के मार्ग पर चलते जाना है। कह दो उन आरामों से कि हम तुम्हें त्याग चुके हैं। क्योंकि मेरी असफलता के बीच तू ही तो एक बहाना है। अब जाओ मैंने तुम्हें त्यागा है,मुझे अपना रास्ता खुद बनाना है। कार्तिक रिछारिया #spoil comfort zone -कार्तिक रिछारिया