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Parasram Arora

आदम और ईव

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Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora  आदम और ईव

Chetna Vinay Tiwari

Girl quotes in Hindi आसान नहीं होता "औरत" होना !
सारे रिश्तों को संभालते-संभालते
ख़ुद से न जाने कब रिश्ता टूट जाता है... 
 न जाने कब किस मोड़ पे किरदार कहीं छूट जाता है... 
एक नये किरदार  के साथ रिश्तों को अपनाती हैं... 
और आगे बढ़ती चली जाती हैं ...
न जाने कहां खो जाती है ख़ुद की पहचान
और 
ख़ुद का स्वाभिमान
आसान नहीं होता "औरत" होना!

"चेतना विनय"

©Chetna Vinay Tiwari #प्यारभराप्रयास
#औरत

Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

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White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora आदर्श और संवेदनाये

सुमित सागर

इस्लामिक स्टेट ऑफ़ पाकिस्तान से जो इस वक्त मिसवर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है...! और यहाँ भारत में बेचारी मुस्लिम औरतों को बताया जा

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ਸੀਰਿਯਸ jatt

रंडियाँ ही रंडियाँ है सब जगह औरते तो कही नज़र नही आती!

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Ashok Verma "Hamdard"

#गांव और शहर

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White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी,
इमारतों में, इंतजाम बहुत है!!

गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं,
शहरों में, सामान बहुत है!!

खुली हवा में, जो चैन मिलता,
बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!!

न रिश्तों की अब, गर्मी बची है,
पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!!

दादी-नानी की बातें छूटीं,
 मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!!

सच्ची हंसी, कम दिखती अब,
लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!!

सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान,
पर दिलों में, अरमान बहुत है!!

दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को,
फिर भी जीने में, थकान बहुत है!!

सादगी की जो मिठास थी कभी,
अब दिखावे में, ईमान बहुत है!!

अकेले होते लोग भीड़ में,
फिर भी दिखते, महान बहुत है!!

*अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता)

©Ashok Verma "Hamdard" #गांव और शहर
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