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Sunita Pathania
Satish Kumar Meena
शादी का बंधन पवित्र होता है क्योंकि इसके साक्षी भगवान होते हैं जिनसे कुछ छुपा नहीं है। ©Satish Kumar Meena शादी का बंधन
शादी का बंधन
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreneelu
White Yesterday I saw a few episodes of the Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God... ©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
read moreashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moreDev
वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।। ©Dev दिल का अहसास
दिल का अहसास
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