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SG
ये अवधि (Period ) के दिन बहुत दर्द भरे होते है , चिडचिडापन, गुस्सा , असुविधाजन, इनके लक्षण है , अवधि के दिनो की प्रेम , देखभाल, (छोटे बच्चे की तरह ) , और दिल का खुश होना बेहद जरूरी है, जिसकी शादी से पहले जिम्मेदारी मां बाप शादी के बाद पति की बन जाती है, किशोरी का एक बच्चे की तरह इलाज़़ करना इन दिनो प्रेम सबसे बडी दवां है ©❤SG❤ अवधि
Nitesh Jawa
पके पकाएं भोजन की लागत ज्यादा और उस भोजन के ताजा रहने की अवधि कम होती हैं ! राहत में भोजन बांटने से अच्छा होगा कि आप लोग एक छोटा राशन सामग्री का किट बांटे ! जो पके भोजन के मुकाबले ज्यादा अवधि तक चल सके व भोजन से कम लागत का होगा ! जिसमे करीब 10 से 15 दिन की जरूरी सामग्री आ जाएं और आपको रोज रोज बांटने की भी जरूरत नही होगी ! जनहित में जारी नितेश जावा राहत सामग्री
Madhuri Upadhyay
शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय रिंजलाय. कुमारी अंशु पंवार कक्षा 7 वी लॉकडाउन अवधि में -मेरा हुनर मैंने सीखा लॉकडाउन अवधि
Archana pandey
स्वरचित-'अवधि' देवी भजन👇 आँगना बुहारि नीमी की कंछिया दुअरा लिहै सजाए..... गउअन गोबरा लीपीके घियुना बतियन खूब डुबाए.... माई मोरी घर कब आइहैं? बनल परसादी पाइहैं? एही जनम दरसन जो पाई धन्न हुई जाई माएँ.. तोहरे चरनन जाउंन पखारैं भव से उ तरि जाएं... माई मोरी घरे कब आइहैं ? बनल परसादी पाइहैं....अर्चना'अनुपमक्रान्ति' ©Archana pandey अवधि देवी भक्ते.. #Navraatra
Hasanand Chhatwani
आकर्षण की एक अवधि होती है प्रेम की कोई अवधि नही होती!!! आकर्षण की एक अवधि होती है प्रेम की कोई अवधि नही होती!!!
Sachin Pathak
शायरी बनाने की विधी। पतीले में थोड़ा सा ग़ालिब लें, अब उसमें मीर और गुलज़ार क पेस्ट डालें, दो -दो चम्मच आशिक़ी, और दर्द मिलाएं, अब थोड़ी देर तक शौहरत की आग पर रखें, और तब तक भूने, जब तक गुलाबी मोहब्बत भूरी न हो जाये। अब उसे तब तक ठंडा होने दे, जब तक गरीबी और लाचारी की खुशबु आने लगे। अब एक पैन में बेवफाई के तेल डालके गर्म करें, उसमे एक एक चम्मच राजा, रंक, फ़क़ीर, डालें। अब उसमें आंसुओं क छौंक दें। अब ये मिश्रण उपर की गरीबी के साथ मिलाएं, ली जिए आपकी ताजा ताजा शायरी तैयार है। शायरी की सामग्री और विधि।
zईशान जब्बार
नेता बनाने की पंक्ति । तुम भी देखो ज़रा , क्या हवा चल रही । है धुंआ तो कहि , आग भी जल रही । दुश्मनो से ये कह दो , की ठहरे ज़रा । इंसा मुझमे अभी ,जी रहा है कहि । हद को टुडू मरोडू , इंसान की । मुझमे राछस अभी जन ,रहा है कोई । फिर दिखाऊँगा ,धर्मो की पैरवी । फिर चलूँगा डगर , राछसो के तभी । मुझको उत्पात में , फिर मज़ा आएगा । हर ज्ञानी भी ,तलवो पे झुक जाएगा । ठोकरों पर रहेगी , अदालत सभी । तब कहि नेता , मैं कहलाऊँगा । #वर्तमान में नेता बनने की सामग्री
Ek villain
गोस्वामी तुलसीदास ने केवल हिंदी वाघनीय के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं बल्कि भारतीय साहित्य के ऐसे अन्यतम कवि हैं जिनकी व्याप्ति सदियों से है जीवन व्यवहार समाज आदर्श और करुणा का जो रूप उनके काव्य में मिलता है वह उन्हें ऐसे विशिष्ट कवि के स्तर पर प्रतीक्षा करता है जहां किसी दूसरे को स्थापित करने की कल्पना भी नहीं की जा सकती रामचरितमानस के लेख में तुलसीदास ने श्रीराम को केंद्र में रखा जो सनातन धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रतिष्ठित है वैसे तो प्रत्येक सनातनी प्रभु श्री राम की नित्य प्रधाना करते हैं परंतु मैं इस सप्ताह बारिश श्री राम नवमी का पर्व भी है जो हम सभी के लिए विशेष उल्लास का विषय है ऐसे विवेक जोशी जोशी की पुस्तक तुलसीदास के विभिन्न विचारों को विश्लेषण करती हुई कहीं अधिकतम कई प्रतीत होती है साहित्य कला और संस्कृति की ख्याति आलोचक के रूप में प्रतिष्ठित ज्योति जोशी ने एक आधुनिक पाठ की तरह इस पुस्तक में तर्क के आधार पर अनेक प्रश्न खड़े किए उनके प्रश्न का उत्तर देने का गंभीरता से प्रयास भी किया गया है ©Ek villain #तुलसीदास के लेखन का सामग्री विशेषण #ramadan