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दोस्ती की दुनिया का king
1. दोस्ती वो रिश्ता है, जो बिना शर्तों के निभाया जाता है। 2. सच्चा दोस्त वह है जो खुशियों में साथ हँसता है और दुख में सहारा देता है।
read moreनवनीत ठाकुर
White जो जिया दूसरों के लिए हर घड़ी, वही हस्ती बनती है मीठी नदी। मौत ले जाती है जिस्म का नाम, पर जिंदा रहते हैं नेक काम। वो दुआओं में, वो यादों में बसते हैं, हर दिल में अपने निशान छोड़ चलते हैं। खुद को भुलाकर जो बांटते जहान हैं, बनती वही हस्ती की पहचान है। ©नवनीत ठाकुर #जो जिया दूसरों के लिए हर घड़ी, वही हस्ती बनती है मीठी नदी। मौत ले जाती है जिस्म का नाम, पर जिंदा रहते हैं नेक काम। वो दुआओं में, वो यादों
#जो जिया दूसरों के लिए हर घड़ी, वही हस्ती बनती है मीठी नदी। मौत ले जाती है जिस्म का नाम, पर जिंदा रहते हैं नेक काम। वो दुआओं में, वो यादों
read moreBhanu Priya
लड़की हूं, इसलिए हर साल सुर्खी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत्ता, कभी मनाली न जाने कितनी हैं बिगड़ी, कितने आशियानों की रमजान, होली , दिवाली, हक का कहां मिला मुझे, दस्तूर ए जहां, आज इसने तो कल उसने सबने वादें किए मुझसे... यही रीत ज़माने की लड़ता हैं वह खुद के लिए , काश एक बार निकलता वह खुदसे और लड़ता मेरे लिए। ©Bhanu Priya #दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
#दस्तूर_ए_वक़्त दस्तूर लड़की हूं,इसलिए हर साल सरखी बनती हूं, सरकारें आती हैं जाती हैं, दस्तूर ए जहां, सत्ता, सत्ता ही रह जाती है, कभी कलकत
read moreRakesh frnds4ever
White #ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें ये #चकाचौंध लाए जा रही है मुझमें केवल और केवल #मौन """,,,,,,हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर कभी ,,,,,""" कोई नहीं इस जूठे जग में अपना ,, शामिल है मेरे कत्ल में सभी,,... ©Rakesh frnds4ever #ये _रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा
Rakesh frnds4ever
White ये रौनकें :- रोने के कारण बनती जा रही हैं ये उजाले,,,,,,,, ये रोशनी मुझमें अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार काटें खा गई मेरे तन मन के अंदर की सब आहटें ये चकाचौंध लाए जा रही है मुझमें केवल और केवल मौन ,,,, """,,,,,,,हमको किसके ग़म ने मारा ये कहानी फिर कभी,,,,,""" ,,,,,,,, कोई नहीं जूठे जग में अपना शामिल हैं मेरे कत्ल में सभी,,.. ©Rakesh frnds4ever #ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ,,,,,,,, ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार
#ये_रौनकें :- #रोने के कारण बनती जा रही हैं ये #उजाले ,,,,,,,, ये रोशनी मुझमें #अंधकार भरते जा रहे हैं ये जगमगाहटें ,,,,,,,,,जग की मार
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
सुप्रभात 🙏🥀🥀 शीर्षक मां काली . . विधा सुविचार . . भाव भक्तिमय
read moreneelu
White दिवाली के वक्त रामलीला तो बनती है.. मंथरा aur कैकेयी... में ज्यादा गलती किसकी थी.... ©neelu #sunset_time #दिवाली के #वक्त #रामलीला तो #बनती है desh bhakti shayari bhakti
#sunset_time #दिवाली के #वक्त #रामलीला तो #बनती है desh bhakti shayari bhakti
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ठेस ना लगे किसी को लोग दिखावा पसन्द नही करते थे बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब इसलिये भेष भूषा और पोशाको से उसे आहत नही करते थे ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार इसलिये होड़ बढ़ाकर किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे मगर आज दिखावे की बीमारी लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है बराबरी की होड़ में जिंदगी सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है #nojotohindipoetry
#Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है #nojotohindipoetry
read moreJayesh gulati
सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati *सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
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