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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अन्न गिरे भू भाग पर , नहीं उठाते लोग । और चरण रज माथ पे , करते हैं उपयोग ।। जीवन दाता पर सभी , प्रवचन देते लोग । आये कोई सामने , करने भी सहयोग ।। मातु-पिता सेवा नही , खुद पे है अभिमान । आकर देखो नाथ अब , कलयुग का इंसान ।। आज कहीं दिखता नही , रिश्तों में सत्कार । और खडे इंसान है , भोले के दरबार ।। छोड़ो माया मोह को, थे जिनके यह बोल । कभी आप भी देखिये , धन से उनको तोल ।। बीस साल की नौकरी , में सिकुडी है खाल । एक समय रोटी मिले , अब ऐसा है हाल ।। दाल मिले सब्जी नही , ऐसे थे हालात । आप बताते हो हमें , अच्छे रख जज्बात ।। जीवन के इस खेल में, निर्धन पिश्ता सत्य । दौलत वाले ले मजा , कर उसपे अब अत्य ।। बाबाओं की बात पर , करो यकीं मत आज । पढ़े लिखे हो आज तुम , करो धर्म के काज ।। भूत प्रेत ये कुछ नहीं, सब है कर्म विधान । जिसके जैसे कर्म है , देते फल भगवान ।। इधर-उधर मत देख तू , राह नही आसान । राह बताये जो सरल , वो ही है शैतान ।। सास ससुर सम्मान दो , मातु-पिता अब जान । यह ही देती मातु है , बेटी को वरदान ।। मातु-पिता ने जब किया , तेरा कन्यादान । उस दिन के ही बाद से , तुम वहाँ मेहमान ।। जिसे हृदय से चाहना , अब तक का था काम । वही छोड़ मुझको यहाँ , करता है आराम ।। पहले तो सबला बनी , इस जग की हर नार । जब पाया कुछ भी नहीं , तो अब करे विचार ।। पहले पति के प्रेम की , तनिक नही परवाह । ढ़लती उम्र दिखला रही , पति से प्रेम अथाह ।। पाकर झूठे प्रेम को, किया बहुत अभिमान । अब आया वह सामने , लिए रूप शैतान ।। झूठे जग के लोग है , करना मत विश्वास । पाते अक्सर घात है , जो करते हैं आस ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- अन्न गिरे भू भाग पर , नहीं उठाते लोग । और चरण रज माथ पे , करते हैं उपयोग ।। जीवन दाता पर सभी , प्रवचन देते लोग । आये कोई सामने , करन
दोहा :- अन्न गिरे भू भाग पर , नहीं उठाते लोग । और चरण रज माथ पे , करते हैं उपयोग ।। जीवन दाता पर सभी , प्रवचन देते लोग । आये कोई सामने , करन #कविता
read moreSant Rampal Ji Maharaj
कबीर परमात्मा से हारने के बाद गोरखनाथ बोला, हे भगवान! आप कौन शक्ति हो? कहां से आए हो ? मेरे सामने टिकने वाला आज पृथ्वी पर कोई नहीं। परमात्मा #भक्ति #kashi #Nath #सिद्धि #gorakhnath #SaintRampalJi #KabirisGod #nathdwara #सिद्धि_बड़ी_या_भगवान
read moreDevesh Dixit
सोच (दोहे) सोच-सोच की बात है, कैसा हो व्यवहार। उसको जैसे मापना, वैसा ही उद्गार।। सोच समझ कर ही करें, अपना-अपना काम। हम सब भी यह चाहते, हो खुद का अब नाम।। आती है विपदा बड़ी, हैं सुनते जब बात। चुभते भी फिर शूल हैं, बिगड़े से हालात।। सोच-सोच का फर्क है, समझें कैसे बात। किसके दिल में क्या बसा, जान सकें जज्बात।। सोचूँ अब दिन रात ही, सिमट चुके अरमान। रही नहीं अब लालसा, जीवन से हैरान।। तपती भूमी सा लगे, जीवन का यह रंग। अकसर ही मैं सोचता, क्या जीने का ढंग।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #सोच #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry सोच (दोहे) सोच-सोच की बात है, कैसा हो व्यवहार। उसको जैसे मापना, वैसा ही उद्गार।। सोच समझ कर ह
#सोच #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry सोच (दोहे) सोच-सोच की बात है, कैसा हो व्यवहार। उसको जैसे मापना, वैसा ही उद्गार।। सोच समझ कर ह #Poetry #sandiprohila
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White सीख ना पाए हम मीठे झूठ का हुनर, कड़वे सच ने हमसे कई रिश्ते छीन लिए । ©Shivkumar #sad_shayari #SAD #sad_feeling #sad_emotional_shayries #sad😊 सीख ना पाए हम #मीठे #झूठ का #हुनर , कड़वे #सच ने हमसे कई #रिश्ते छीन लिए
#sad_shayari #SAD #sad_feeling #sad_emotional_shayries #SAD😊 सीख ना पाए हम #मीठे #झूठ का #हुनर , कड़वे #सच ने हमसे कई #रिश्ते छीन लिए #शायरी #sad😊
read moreSant Rampal Ji Maharaj
सूखी टहनी को हरी भरी करना" गुजरात के भरुच शहर के पास अंकलेश्वर गांव के पास जीवा-दत्ता नामक दो भक्तों द्वारा पूर्ण संत की खोज में लगाई गई सूख #Miracle #चमत्कार #Kabir #भक्ति #miraculous #miracleshappen #KabirisGod #santrampaljimaharaj #KabirPrakatDiwas #समर्थ_कबीर_की_समर्थता_जानें #KabirParmatma_Prakat
read moreSant Rampal Ji Maharaj
#किस_किस_को_मिले_भगवान आदरणीय धर्मदास साहेब जी, बांधवगढ़ मध्य प्रदेश वाले, जिनको पूर्ण परमात्मा जिंदा महात्मा के रूप में मथुरा में मिले, सत #God #Hindu #Kabir #Bhagavadgita #भक्ति #incarnation #sanatandharma #KabirisGod #KabirPrakatDiwas #KabirParmatma_Prakat_Diwas
read moreDevesh Dixit
मैं शब्दों का शिल्पकार हूँ टूटे-बिखरे शब्दों को मैं, जोड़ने को बेकरार हूँ। कैसे सब ये बिखर गये, देख कर मैं हैरान हूँ। अद्भुत इनकी शक्ति है, जानने को बेताब हूँ। जब न सुलझते हैं किस्से, मैं हो जाता बेहाल हूँ। अब जोड़ना है मुझे इन सबको, मैं शब्दों का शिल्पकार हूँ। देख कर संकट इन शब्दों पर, मैं हो जाता परेशान हूँ। कुछ निरर्थक कुछ अपशब्द हैं, पढ़ सुन कर मैं उदास हूँ। चुभते भी हैं ये शब्द शूल से, उन शब्दों से मैं घायल हूँ। रच सकूँ उनको सार्थकमय, ऐसा मैं वो प्रकाश हूँ। शब्दों का ही बुनूँ माया जाल, मैं शब्दों का शिल्पकार हूँ। कई विधा में रचे ये शब्द हैं, कुछ से मैं अनजान हूँ। दोहा सोरठा और बहुत हैं, कुछ का मैं ज्ञानवान हूँ। पर बिखरे जो भी शब्द हैं, उनका मैं तलबगार हूँ। क्या अर्थ निकले क्या न निकले, करता नहीं तिरस्कार हूँ। सही साँचे में उनको रचता, मैं शब्दों का शिल्पकार हूँ। .................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मैं_शब्दों_का_शिल्पकार_हूँ #nojotohindi #nojotohindipoetry मैं शब्दों का शिल्पकार हूँ टूटे-बिखरे शब्दों को मैं, जोड़ने को बेकरार हूँ। कैस
#मैं_शब्दों_का_शिल्पकार_हूँ #nojotohindi #nojotohindipoetry मैं शब्दों का शिल्पकार हूँ टूटे-बिखरे शब्दों को मैं, जोड़ने को बेकरार हूँ। कैस #Poetry #sandiprohila
read moreआगाज़
White अधर्मी,,, केवल अधर्मी ही होता है, फिर चाहे वह शत्रु हो या संबंधी । श्रद्धा ' मीरा ' ✍🏻 ©आगाज़ #good_night कड़वे वचन
#good_night कड़वे वचन #विचार
read more~Bhavi
खामोश हो गयी हूँ अब तुम्हारे कड़वे शब्द सुन सुन कर अब और कुछ नहीं बोलना।। #silence🤫🖤 ©~Bhavi खामोश हो गयी हूँ अब तुम्हारे कड़वे शब्द सुन सुन कर अब और कुछ नहीं बोलना।। #Silence 🤫🤐😶 #GingerTea Author Shivam kumar Mishra Brijesh Maurya
खामोश हो गयी हूँ अब तुम्हारे कड़वे शब्द सुन सुन कर अब और कुछ नहीं बोलना।। #Silence 🤫🤐😶 #GingerTea Author Shivam kumar Mishra Brijesh Maurya #Love #silence🤫🤫
read moreManish Jakhmi
एक परिस्थिति के भले बुरे अंजाम का पता उस परिस्थिति के अंत में ही पता चलता है, परंतु एक से एक धुरंधर उस समय में इंतजार नहीं कर पाते भले वे बड़े बड़े प्रवचन ही क्यों ना सुनाते हो एक दूसरे को समझते वक्त। देखा जाए तो होता सब कुछ है बस एक शब्द शर्त किरदार निभाता है व्यक्ति उस शर्त को पूरा भी कर सकता है जिसमें वो धैर्य है कि वह परिस्थिति के परिणाम का इंतजार कर सके। परंतु उसके लिए आपको विद्वान बनना होगा और एक विद्वान बुरी परिस्थिति में कभी भी बैरागी नहीं होता अपितु वह उस परिस्थिति में कोई झलक भी नहीं दिखाता जिससे उसे कोई सहानुभूति का अनुभव हो तभी वह एक सटीक जीवन का आनंद ले पाता है या मान लो सब कुछ सुलझा हुआ दिखता है।बाकी व्यक्ति की प्रवर्ती पर निर्भर करता है। ©Manish Jakhmi एक परिस्थिति के भले बुरे अंजाम का पता उस परिस्थिति के अंत में ही पता चलता है, परंतु एक से एक धुरंधर उस समय में इंतजार नहीं कर पाते भले वे बड
एक परिस्थिति के भले बुरे अंजाम का पता उस परिस्थिति के अंत में ही पता चलता है, परंतु एक से एक धुरंधर उस समय में इंतजार नहीं कर पाते भले वे बड #शायरी #nojohindi #shahiklm #manishjakhmi
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