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Stories related to इनके कार्टून

N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल, और भी बहुत से है और थे, इनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी, सुख सारे थे, सं

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल,
और भी बहुत से है और थे,  
इनके पास किसी चीज की 
कमी नहीं थी, सुख सारे थे,
संतोष व विस्वास नही था।
जय श्री राधेकृष्ण जी।।
N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine #leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey}
रावण, कंस, दुर्योधन, सिसुपाल,
और भी बहुत से है और थे,  
इनके पास किसी चीज की 
कमी नहीं थी, सुख सारे थे,
सं

Anjali Singhal

"ख़ामोश निगाहों को पढ़ा है हमने, यूँ ही नहीं हम डूबे हैं इनमें! आँखों में भरकर ख़्वाब तुम्हारे, मत पूछो संग इनके हम जिएँ हैं कितने!!" Anj

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Nurul Shabd

#इनके #बिना #अधूरी है जीवन की हर राह Shayari

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SumitGaurav2005

जिन्हें देखते ही यह कहने का मन करता है इन्हें रब ने क्यों बनाया?? इतना कपट इनके मन में भरा होता है कि ऐसे लोगों से मिलकर बिल्कुल भी अच्छा नह

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जिन्हें देखते ही यह कहने का मन 
करता है इन्हें रब ने क्यों बनाया?? 
इतना कपट इनके मन में भरा होता 
है कि ऐसे लोगों से मिलकर 
बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है!

वहीं दूसरी ओर कुछ तो ऐसे भी 
होते हैं जिन्हें देख कर ही मन 
प्रफुल्लित हो जाता है, बहुत शांति 
मिलती है। उनसे मिलने का मन 
बार-बार करता है।
✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎

©SumitGaurav2005 जिन्हें देखते ही यह कहने का मन करता है इन्हें रब ने क्यों बनाया?? इतना कपट इनके मन में भरा होता है
कि ऐसे लोगों से मिलकर बिल्कुल
भी अच्छा नह

gudiya

#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

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Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच 
तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि 

धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता 
और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर 
जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता 


और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती 
यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में 

सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके 
वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह

 घर के आंगन में वह  नवोढ़ा भीगती नाचती और 
काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते 
और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो 

कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ
 आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै 
तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की 
लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में 

खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे
 लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए 
यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां 
धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर 
छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है 
पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर 
सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के 
यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के 

यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ 
उनके माथे पर हाथ फेर दो मां 
इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से 
तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि 
मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं 
नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच।
-अरुण कमल

©gudiya #NatureQuotes 
#मातृभूमि #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotophoto #nojoyopoetry 
आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच

संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

तरु बिना है इनके अधूरी इनके बिना जीवन जीना मानों असंभव, Lots of love क्रिशु और प्यारी लली श्री राधे रानी हमेशा ऐसे ही साथ अपना सबकी ठुकराई

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suman bhati

क्या आप इनके बारे मे जानते थे |#Intresting #gk #New #shortvideo मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स

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N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और नींद चाहने से भी पूरी नही होती, इनके लिए या इनके पीछे पागल होने की कोशिश

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और 
नींद चाहने से भी पूरी नही होती, 
इनके लिए या इनके पीछे पागल 
होने की कोशिश न करना, वर्ना 
एक दिन या एक युग में पागल 
या बेचन होना निश्चित है।।

©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey}
मन, बुद्धि, इच्छा, जरूरत, और 
नींद चाहने से भी पूरी नही होती, 
इनके लिए या इनके पीछे पागल 
होने की कोशिश
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