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बेजुबान शायर shivkumar
मा ही सुख का ©बेजुबान शायर shivkumar #माँ ही सुख का #संसार देती है । अभावों में भी भरपूर #प्यार देती है ।। उसका लालन पालन बड़ा ही #निराला होता । गीले में सोके सूखे में सुला देती है ।। प्यार दुआ और #आशीर्वाद उसकी झोली में । बिन माँगे यह सब लुटा देती है ।।
gudiya
Nature Quotes आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता और उठती हैं शंख ध्वनि कंधराओं के अंधकार को हिलोडती यह बकरियां जो पहली बूंद गिरते ही भाग और छप गई पेड़ की ओट में सिंधु घाटी का वह सेंड चौड़े पत्ते वाला जो भीगा जा रहा है पूरी सड़क छेके वे मजदूर जो सुख रहे हैं बारिश मिट्टी के ढीले की तरह घर के आंगन में वह नवोढ़ा भीगती नाचती और काले पंखों के नीचे कौवों के सफेद रोए तक भीगते और इलायची के छोटे-छोटे दाने इतने प्यार से गुथंम गुत्था यह सब तुम ही तो हो कई दिनों से भूखा प्यासा तुम्हें ही तो ढूंढ रहा था चारों तरफ आज जब भी की मुट्ठी भर आज अनाज भी भी दुर्लभहै तब चारों तरफ क्यों इतनी बाप फैल रही है गरम रोटी की लगता है मेरी मां आ रही है नकाशी दार रुमाल से ढकी तश्तरी में खुबानीनिया अखरोट मखाने और काजू भरे लगता है मेरी मां आ रही है हाथ में गर्म दूध का गिलास लिए यह सारे बच्चे तुम्हारी रसोई की चौखट पर कब से खड़े हैंमां धरती का रंग हरा होता है फिर सुनहला फिर धूसर छप्परों से इतना धुआं उठता है और गिर जाता है पर वहीं के वहीं हैं घर से निकले यह बच्चेतुम्हारी देहरी पर सर टेक सो रहे हैं मां यह बच्चे कालाहांडी के यह आंध्र के किसानों के बच्चे यह पलामू के पटन नरोदा पटिया के यह यदि यह यतीमअनाथ यह बंदहुआ उनके माथे पर हाथ फेर दो मां इनके भीगी के सवार दो अपने श्यामलहाथों से तुम कितनी तुम किसकी मन हो मेरी मातृभूमि मेरे थके माथे पर हाथ फेरती तुम ही तो हो मुझे प्यार से तख्ती और मैं भेज रहा हूं नाच रही धरती नाच आसमान मेरी कल पर नाच नाच मैं खड़ा रहा भेजता बीचो-बीच। -अरुण कमल ©gudiya #NatureQuotes #मातृभूमि #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता
#NatureQuotes #मातृभूमि #nojotohindi nojotophoto #nojoyopoetry आज इस्लाम जब मैं भेजता खड़ा हूं आसमान और धरती के बीच तब तब अचानक मुझे लगता है यही तो तुम हो मेरी मां मेरी मातृभूमि धान के पौधों ने तुम्हें इतना ढक दिया है कि मुझे रास्ता तक नहीं सुझता और मैं मेले में कोई बच्चे सा दौड़ता हूं तुम्हारी ओर जैसे वह समुद्र जो दौड़ता आ रहा है छाती के सारे बटन खोले हाहाता
read moreVikash Arya
गांन नहीं सुर-ताल नहीं में फिर भी गांना चाहता हूं। बेशक तेल चुके दीपक का भल्ले जले बाती की रस्सी। में अंतिम कण रक्त का तन से ये दिप जलाना चाहता हूं। इस मातृभूमि की बलीवेदी शिश चढ़ाना चाहता हूं।। गांन नहीं सुर-ताल नहीं में फिर भी गांना चाहता हूं । ©Vikash Arya #मातृभूमि
Archana Bharti
सात रंगों का संगम यहाँ, सात सुरों का मिलन यहाँ, धरती है यह स्वर्ग हमारी, हम सब की मातृभूमि यहाँ। ©Archana Bharti #मातृभूमि
Aparna Singh
सियासतों की सियासत में फँसते चलेे गए मातृभूमि की विरासत को ख़ाक करते चले गए #सियासत #विरासत #मातृभूमि #ख़ाक #yqdidi #yqhindi #hindishayari #hindiwriters
#सियासत #विरासत #मातृभूमि #ख़ाक #yqdidi #yqhindi #hindishayari #hindiwriters
read moreशब्दिता
मातृभूमि *मातृभूमि* प्रेम नहीं है मातृभूमि से तो मृत है यह देह तुम्हारी करो प्रेम मातृभूमि से तो शाश्वत रहेगी देह तुम्हारी करो न्यौछावर मातृभूमि हित तन मन प्राण
*मातृभूमि* प्रेम नहीं है मातृभूमि से तो मृत है यह देह तुम्हारी करो प्रेम मातृभूमि से तो शाश्वत रहेगी देह तुम्हारी करो न्यौछावर मातृभूमि हित तन मन प्राण
read moreभुवनेश शर्मा
हम कितने ही अनंत की ओर अग्रसर हो जाएं... हमें अपने शून्य को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए... शुभ दोपहरी 🌷😊🇮🇳 अर्थात् हम कितने भी बड़े हो जाएंँ हमें अपने 🌷 दिल ❣️ में एक छोटा बच्चा हमेशा जीवित रखना चाहिए, हम कितनी ही ऊंचाइयों को 🌷🌷प्राप्त कर लें परंतु 🌷हमें अपनी जमीन नहीं छोड़नी चाहिए 😊😊 और सदैव अपनी मातृभूमि, जन्मभूमि के लिए तैयार रहना चाहिए🇮🇳🇮🇳 #yqquotes 🌷 #yqdidi 😊 #मातृभूमि 🌷 #जीवन 😊 #nobita 🌷
शुभ दोपहरी 🌷😊🇮🇳 अर्थात् हम कितने भी बड़े हो जाएंँ हमें अपने 🌷 दिल ❣️ में एक छोटा बच्चा हमेशा जीवित रखना चाहिए, हम कितनी ही ऊंचाइयों को 🌷🌷प्राप्त कर लें परंतु 🌷हमें अपनी जमीन नहीं छोड़नी चाहिए 😊😊 और सदैव अपनी मातृभूमि, जन्मभूमि के लिए तैयार रहना चाहिए🇮🇳🇮🇳 #yqquotes 🌷 #yqdidi 😊 #मातृभूमि 🌷 #जीवन 😊 #Nobita 🌷
read moreअभिलाष सोनी
हिंदी ने मुझको सिखलाया, भाषाएँ सभी एक हैं। धर्म चाहे कोई भी हो, हम अनेकों में भी एक हैं। क्यूँ भाषाओं में बँटें हम, जब जननी सबकी एक है। मातृभूमि से प्रेम करें सब, विचार यही बस नेक है। प्रिय लेखकों को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया। तभी से विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। आइए, इस मौक़े पर हिंदी भाषा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। #विश्वहिंदीदिवस #मेरी_ख्वाहिश #साहिल #मातृभूमि #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
प्रिय लेखकों को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया। तभी से विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। आइए, इस मौक़े पर हिंदी भाषा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। #विश्वहिंदीदिवस #मेरी_ख्वाहिश #साहिल #मातृभूमि #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morePRADYUMNA AROTHIYA
चुनौतियों के रण में मैं सदैव मातृभूमि का अटल आत्मविश्वास बनकर लडूँगा। पापा जैसा मातृभूमि का साहसी यामिक बनकर लडूँगा।। दुश्मन की ललकार हो, गोलियों की बौछार हो, हो चाहे कोई तूफान मैं अपने कर्तव्य पथ पर देशवासियों के सुकून का अमिट सन्देश बनकर लडूँगा। पापा जैसा मातृभूमि के साहसी यामिक बनकर लडूँगा।। ©PRADYUMNA AROTHIYA #अरोठिया #देश #प्रेम #प्यार #मातृभूमि #India #Love #arothiya