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धाकड़ है हरियाणा
हिसार के सपड़ा हॉस्पिटल में मरीज को बंदक बनाकर पीटा वीडियो वायरल हॉस्पिटल और डॉक्टर का लाइसेंस रद्द होना चाहिए
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये । बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति, देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये । जल से ही जीवन है, महकता आँगन है , सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,
मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , #कविता
read moreSant Rampal Ji Maharaj
*✰जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में परमेश्वर कबीर साहेब जी के 627 वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप #भक्ति
read moreSant Rampal Ji Maharaj
*✰जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में परमेश्वर कबीर साहेब जी के 627 वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप #भक्ति
read moreBhanu Priya
कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं, #Poetry
read moreBhanu Priya
कभी कभी भाग जाने का मन करता है, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार, बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं, एक तुम्हारी मुस्कुराहट, बाकी इस शहर में मुझे लुभाता कुछ भी नहीं। ©Bhanu Priya कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,
कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं, #Poetry
read moreINDIA CORE NEWS
Poonam Pathak Badaun
ईश्वर की असीम कृपा व सभी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं से मेरी प्रथम पुस्तक 'माँ की बातें 'काव्य संग्रह का कवर पेज तैयार होकर आ गया है। यह कार् #कविता
read moreMahadev Son
ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्त गुणी जन सब पूजते, पूजा की तिथि विधि ना जानू, मंत्र तंत्र को मैं ना जानू, मैया बस पढ़ुं चालीसा जीवन में माँ करना उजाला, बीच भंवर में फंसी है नैया, आकर लाज बचाना, सद्-बुद्धि का दान ही देना, ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम मैया प्यारी, दया करो महाकाली ©Mahadev Son ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्
ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन् #Bhakti
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